कृष्णपाल गुर्जर के राजनीतिक भ्रमजाल में फंस गया है संदीप चपराना: विजय प्रताप
बिना किसी मालिकाना हक के अवैध कब्जा कर गरीबों को प्लॉट काटकर बेच रहा है संदीप चपराना
मैट्रो प्लस
फरीदाबाद, 22 जुलाई (नवीन गुप्ता): पूर्व मंत्री महेन्द्र प्रताप ङ्क्षसह के सुपुत्र विजय प्रताप का कहना है कि हाल-फिलहाल के भाजपा नेता संदीप चपराना द्वारा उन पर लगाए गए आरोपों देखते हुए लगता है कि वह केन्द्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर के राजनीतिक भ्रमजाल में फंस गया है। पहले उसने 2015 के सिविल सूट में यह कहा कि उन्होंने 10 करोड़ रूपये संदीप ,धमेन्द्र वगैरहा ने मिलकर त्यागी क्राफ्ट प्रा० लि० को दिया। फिर यह कह कर सिविल सूट वापिस ले लिया कि उनका समझौता हो गया है। 2016 की एफआईआर में इन्होंने यह कहा कि 9.5 करोड़ रूपये विजय व विवेक के कहने पर त्यागी क्राफ्ट प्रा. लि. को दिए, जोकि कोर्ट में ये 10 करोड़ कहते हैं और एफआईआर में 9 करोड़ कहते हैं। बकौल विजय प्रताप वे अब यह कह रहे हैं कि 5.5 करोड़ रूपये का त्यागी क्राफ्ट का लोन चुकाने के बाद के बाद बाकी का नकद पैसा विजय, विवेक और उसके आदमियों को दिया है। सिविल सूट में ये विजय विवेक को भूल गए और एफआईआर में विजय, विवेक के आदमियों को भूल गए। और अब जब यह 2016 में भाजपा में आ गया तो उसे अब सारी बातें याद आ गई। उनकी सारी बातों में ही हर बार विरोधाभास है।
विजय प्रताप का कहना है कि संदीप ने उनपर यह आरोप लगाया कि धमेन्द्र के एग्रीमैंट के बाद 41 लाख रूपये के चैक और 85 लाख रूपये नकद धमेन्द्र को दिया। अगर मेरे धमेन्द्र के द्वारा यह किया गया छल है तो क्यों नहीं यह बातें सिविल सूट में डाली गई। विजय प्रताप ङ्क्षसह ने कहा कि उन्होंने पहले भी कहा कि मैने इनको और त्यागी को बैठा कर मामले का शांतिपूर्वक निपटाने की सलाह और कोशिश की है। संदीप का कहना है कि उन्होंने इस मामले में कई बार समाज की पंचायत हैं तो वह उन लोगों को पंचायत में लाए या उन लोगों के नाम सार्वजनिक करें और दोबारा पंचायत रखे, मैं पंचायत में आ जाऊंगा। ये ही नहीं अगर सैकड़ों लोग मेरे धोखे का शिकार हैं तो बकायदा उनके नाम सार्वजनिक कर उन्हें पंचायत में लाए।
विजय प्रताप ने पत्रकारों से कहा है कि वे सभी उक्त जमीन का मुआयना कर असलियत तक पहुंचे। विजय ने उस जमीन की विडियो भी पत्रकारों के समक्ष प्रस्तुत की जिस पर संदीप चपराना रद्द हो चुके एमओयू या बिना किसी मालिकाना हक के कब्जा कर उसमें प्लॉट काट कर गरीब को बेच कर अवैध निर्माण करा रहे हैं और प्रशासन भ्रमित कर रहे हैं। विजय का कहना था कि दरअसल इस सबके पीछे केन्द्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर की राजनीति काम कर रही है कि किसी ना किसी मामले में विजय और विवेक को कानूनी पचड़े में उलझाए रखो। कृष्णपाल गुर्जर संदीप को शह देकर जमीन पर कब्जा रहे हैं।
विजय प्रताप सिंह ने कृष्णपाल गुर्जर के उस सवाल का जवाब भी दिया जिसमें उन्होंने कहा कि विजय प्रताप जमीन खरीद-फरोख्त का धंधा करता है और जमीन खरीद कर लोगों के पैसे नहीं देता। जब वोट लेनी होती है तो कृष्णपाल गुर्जर बिल्डर भाई, प्रोपर्टी डीलर भाई, व्यापारी भाई कहता और मंत्री बनने के बाद आपको यह धंधेबाज नजर आते हैं। उन्होंने कहा कि कृष्णपाल गुर्जर बिल्डर भाई और प्रापर्टी डीलर भाईयों के साथ मिलकर सैक्टर-28,11 व 88 में सीएलयू लाते हैं तो तब वह धंधेबाज नजर नहीं आते।
जहां तक उनके पिता पूर्व मंत्री महेन्द्र प्रताप द्वारा आत्मचिंतन किए जाने की बात है तो इस पर विजय ने कहा कि वास्तव में आत्मचिंतन की जरूरत तो कृष्णपाल गुर्जर को है जो अपनी जिम्मेदारियों को भूल कर झूठे साक्ष्यों के आधार पर झूठे लोगों के साथ मिलकर औछी राजनीति पर उतर आए हैं। राजनीतिक दबाव नहीं है तो क्यों प्रशासन ने पहले तो मामला दर्ज कर लिया और अब जांच के लिए फाईल आर्थिक अपराध शाखा को भेज दी। जब यह मामला इतना संवेदनशील था तो क्यों नहीं पहले जांच करके मामला दर्ज किया गया और ऐसी कितनी एफआईआर है जिन पर मामला दर्ज करके फिर जांच करते है, इस बात पर सावलिया निशान स्वयं लगता है। उन्होंने कहा कि सारे मामले पर मुख्यमंत्री को संज्ञान लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि शीघ्र वे कृष्णपाल गुर्जर की इस तरह की एक लम्बी फहेरिस्त को सबूतों साथ लेकर एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ प्रधानमंत्री से मिलेंगे।
उन्होंने कहा कि जहां तक संदीप द्वारा एसएमएस या वाट्सअप की बातचीत की लम्बी सूची दिखाने की बात है तो वह वाट्सअप की डिटेल एक-एक साल तक रख रहा है तो 8.5 करोड़ रूपये की रसीद क्यों नहीं बनाई, उसकी भी डिटेल रख लेता उसका वाट्सअप डिटेल रख लेता। विजय ने कहा कि वे अब भी किसी भी तरह की महापंचायत को करने के लिए तैयार है और जल्द करेंगे भी ताकि सच्चाई सबके सामने आ सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *