मैट्रो प्लस
फरीदाबाद, 28 जुलाई (नवीन गुप्ता): शहर के प्राईवेट स्कूलों में फीस बढ़ोतरी का नाम देकर चंद शरारती तत्व फर्जी पेरेंट्स एसोसिएशनों और अभिभावक एकता मंच के नाम पर कुछ स्कूली बच्चों और उनके अभिभावकों को मोहरा बनाकर प्राईवेट स्कूल संचालकों का ब्लैकमेल करने का प्रयास कर रहे है, इसे किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं किया जाएगा। आए दिन किसी ना किसी स्कूल के सामने धरना-प्रदर्शन करने वाले इन शरारती तत्वों के खिलाफ हरियाणा प्रोग्रेसेसिव स्कूल्ज कांफ्रेस (एचपीएससी) ने अब इस मामले में कड़ा रूख अपना लिया है। एचपीएससी अब ऐसा करने वालों को कानूनी भाषा में जवाब देगी। यह कहना है एचपीएससी के प्रदेश अध्यक्ष एसएस गोंसाई तथा जिला अध्यक्ष सुरेश चन्द्र का।Divine Gosain S.S.
suresh chandra copyएचपीएससी के इन पदाधिकारियों का कहना है कि अभिभावक एकता मंच जिन-जिन स्कूलों की पेरेंट्स एसोसिएशन की बात कर रहे है वो ना तो कहीं रजिस्ट्रर्ड है और ना ही उनका कहीं कोई अस्तित्व है। फीस कम कराने का लालच देकर गिनती के दो-चार पैरेंट्स को गुमराह करके मंच के लोग फर्जी पेरेंट्स एसोसिएशन के नाम पर पिछले कई सालों से अपना राजनैतिक उल्लू साध रहे हैं। श्री गोंसाई तथा सुरेश चन्द्र का कहना है कि वास्तव में ये लोग चंद अभिभावकों के कंधे पर बंदूक रखकर समाज में अपनी पहचान बनाते हुए भविष्य में नगर निगम के होने वाले चुनावों में चुनाव लड़कर पार्षद बनना चाहते हैं। इस बात का खुलासा ये मंच के लोग स्वयं पिछले दिनों तेरापंथ भवन में हुई अपनी हल्ला बोल रैली में कर चुके है कि उन्हें नगर निगम के चुनावों में इस बार अभिभावक एकता मंच के बैनर तले कम से कम 20 पार्षद जिताने हैं। अपनी इस राजनैतिक महत्वाकांक्षा के लिए मंच के लोग भोले-भाले अभिभावकों के साथ अब ट्रैड यूनियनों का भी सहारा ले रहे हैं। इनकी हल्ला बोल रैली में आए विभिन्न ट्रैड यूनियनों के लोग असका जीता-जागता प्रमाण है। यहीं नहीं अभिभावक एकता मंच ने तो अब अभिभावकों की जेब काटने के लिए उन्हें तीन हजार रूपये का सदस्य बनाने के लिए चंदे की रसीदें भी काटनी शुरू कर दी हैं। जोकि इनकी लूट-खसोट को साबित करता है।
Jiva Rishipal Chauhan1वहीं दूसरी तरफ जीवा पब्लिक स्कूल के चेयरमैन ऋषिपाल चौहान का कहना है कि उनके स्कूल में कोई पेरेंट्स एसोसिएशन नहीं हैं। उनके स्कूल के बाहर जो लोग जीवा स्कूल पेरेंट्स एसोसिएशन (रजिस्ट्रर्ड) के पर्चे छपवाकर बच्चों को बांट रहे हैं, उनकी शिकायत तो स्वयं अभिभावकों ने उन्हें तथा पुलिस को लिखित में की है। जहां तक स्कूल से छात्रों के नाम काटने की बात है तो जिन बच्चों के नाम स्कूल मैनेजमेंट ने काटे हैं वे उनके द्वारा फीस जमा ना कराने पर काटे गए है। इसके लिए हरियाणा स्कूल एजुकेशन एक्ट-2003 में प्रावधान है। एक्ट के सेक्शन 24 (2), 15, 16 और 17 के तहत प्रत्येक विद्यार्थी को बिना जुर्माने के एक से 10 तारीख तक बिना जुर्माने के तथा 11 से 20 तारीख तक जुर्माने के साथ फीस जमा करवानी होती है। एजुकेशन एक्ट के मुताबिक यदि छात्र की फीस 20 तारीख तक जमा नहीं होती है तो 21वें दिन के बाद नियमानुसार छात्र का नाम स्कूल प्रबंधन द्वारा स्कूल से काटा जा सकता है।
एचपीएससी के इन पदाधिकारियों का कहना है कि अभिभावक एकता मंच के पदाधिकारी वास्तव में चंद अभिभावकों को गुमराह कर उनके बच्चों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं। अगर इन्हें सस्ती शिक्षा ही दिलवानी है तो फिर ये सरकारी स्कूलों का स्तर सुधराने का प्रयास क्यों नहीं करते जिन सरकारी स्कूलों पर सरकार अरबों-करोड़ों रूपये का खर्च बच्चों को फ्री शिक्षा दिलाने के लिए करती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *