खिलाडिय़ों के खाने में मिले कीड़े तो कहीं खिलाडिय़ों ने लगाए कई अन्य आरोप!
मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की विशेष रिपोर्ट।
फरीदाबाद, 11 मार्च:
सांसद खेल महोत्सव पर लगता है किसी की काली छाया पड़ गई है।। प्रशासनिक उदासीनता के चलते 10 से 12 मार्च तक चलने वाले इस तीन दिवसीय सांसद खेल महोत्सव में पहले दिन से ही विवाद होने शुरू हो गए। चाहे वह हॉकी के खेल में बाहरी खिलाडिय़ों को लेकर विवाद हो, चाहे सीटी बजने से खिलाडिय़ों का खेल रूकना हो या फिर खाने में कीड़े निकलने का मामला हो, ऐसे आरोपों ने इस सांसद खेल महोत्सव को विवादों में लाकर खड़ा कर दिया है।
अगर हम बात करें खेल महोत्सव के पहले दिन यानि 10 मार्च की तो यहां हॉकी ग्राऊंड में प्रिंस क्लब सीही की ए टीम और डागर क्लब झाड़सैंतली की टीम के हॉकी खिलाडिय़ों के बीच जब मैच शुरू हो गया था तो डागर क्लब झाड़सैंतली की टीम के चार खिलाडिय़ों के खेल को देखते हुए सीही गांव के टीम मैनेजर को शक हुआ कि वे खिलाड़ी बाहरी हैं तो उन्होंने कोच निलेश यादव को उनके आधार कार्ड चैक करने के लिए कहा और इसकी लिखित शिकायत भी की। आरोप है कि जब इंटरवल में कोच ने दोनों खिलाडिय़ों को आधार कार्ड लाने के बाद ही खेलने की परमिशन देने और खेल के टाइम की इंटीमेंशन देने के लिए कह दिया। परिणाम यह निकला कि ना तो सीही गांव के खिलाडिय़ों के पास कोई इंटीमेशन आई और ना ही शायद वो मैच हुआ। हां, मौके पर विवाद जरूर हुआ।
अब बात करे सांसद खेल महोत्सव के दूसरे दिन की तो आज 11 मार्च को जब यूथ क्लब दुधौला और डिगंबर डी जवां की टीमों के खिलाडिय़ों के बीच रस्साकसी का जबरदस्त मुकाबला चल रहा था और डिगंबर बी जवां की टीम जीतने वाली थी तो अचानक सीटी जिसके चलते मुकाबला रूक गया और डिगंबर बी जवां की टीमों के खिलाडिय़ों ने विरोध शुरू कर दिया। खिलाडिय़ों के जबरदस्त विरोध के बाद रेफरी और कोच को दोबारा से उक्त दोनों टीमों का मैच कराना पड़ा जिसमें कि डिगंबर बी जवां की टीम विजेता ही रही।
अब बात करें खेलों से अलग खिलाडिय़ों के खानपान की तो आज खिलाडिय़ों को खाने में जो चावल परोसे गए उनमें जिंदा सुरेरी और कीड़े रेंगते नजर आए। खिलाडिय़ों के विरोध के बाद ये चावल वहां से हटाए गए।
वहीं इन खेलों में खानपान को लेकर शहर के एक एडवोकेट देवेन्द्र गुलिया ने स्थानीय सांसद एवं केन्द्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर को खुला पत्र लिखकर सुझाव दिया है कि सांसद खेल महोत्सव में भाग लेने वाले खिलाडिय़ों के लिए रिफरेशमेंट की बात तो दूर उनको पीने के लिए पानी भी नहीं मिल पा रहा है। वहीं एडवोकेट गुलिया ने खिलाडिय़ों को मिलने वाली इनाम की राशि और उनको मिलने वाली युनिफॉर्म आदि को लेकर भी कई सवाल उठाए हैं।
कुल मिलाकर सांसद खेल महोत्सव को लेकर जो मैनेजमेंट और खिलाडिय़ों का उत्साह पिछले साल देखने को मिला था, वो इस बार देखने को नहीं मिल रहा है।

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