मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट।
बल्लभगढ़, 12 मार्च:
रिश्तों को शर्मसार करने वाले नगर निगम के एक ठेकेदार द्वारा एक युवती के अश्लील/आपत्तिजनक फोटो खींचकर उसे ब्लैकमेल कर उसे OYO होटल में ले जाकर उससे दुष्कर्म करने का मामला पूरे शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस मामले में महिला पुलिस ने युवती की शिकायत पर नगर निगम के ठेकेदार योगेश मंगला, उसके सगे भाई रविन्द्र मंगला और वार्ड न.-37 से भाजपा टिकट पर IPC की संगीन धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है। जैसे-जैसे मामले का राजनीतिकरण हो रहा है, उससे इस चर्चित मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। बताया जा रहा है कि इस मामले में पीडि़ता का मेडिकल हो चुका है तथा उस OYO में भी पुलिस जा चुकी है जिसमें दुष्कर्म होने का आरोप लगा है। इस मामले में पीडि़ता के 164 के बयान भी दर्ज हो गए हैं जिसकी पुष्टि करते हुए महिला थाने की SHO का कहना है कि मामले की जांच तथा आरोपियों की तलाश जारी है। वहीं आरोपियों को गिरफ्तार करवाने के लिए पीडि़ता पक्ष लगातार सक्रिय है।
वहीं दूसरी तरफ योगेश मंगला द्वारा पीडि़ता पक्ष के पांच लोगों के खिलाफ जो मारपीट करने, सोने की चेन छीनने तथा पैसे लूटने का मुकदमा दर्ज करवाया है, वो लोगों के गले नहीं उतर रहा है। बताया जा रहा है कि मारपीट की बात तो ठीक है जो दोनों पक्षों में हुई है, लेकिन बाकी के आरोप गलत/निराधार हैं। वहीं इस मामले में पीडि़ता पक्ष का कहना था कि मारपीट की जो घटना हुई, उसकी वजह महेश गोयल था। क्योंकि जब पंचायत में महेश गोयल ने पीडि़ता के चचेरे भाईयों से बदतमीजी कर उनके साथ हाथापाई की तो फिर पीडि़ता पक्ष की तरफ से महेश गोयल और योगेश मंगला आदि के साथ मारपीट की घटना हुई। वो बात अलग है कि योगेश मंगला ने अपनी शिकायत में अपने साथ महेश गोयल के जाने के नाम का खुलासा नहीं किया जबकि सारे फसाद की जड़ महेश गोयल को ही बताया जा रहा है। अब इस सारे प्रकरण में कितनी सच्चाई है, ये तो मौके पर पंचायत में मौजूद दोनों पक्षों के लोग ही बता सकते हैं।
वहीं भाजपा नेता महेश गोयल द्वारा अपने को पाक-साफ बताने के लिए शहर के गणमान्य लोगों के व्हाट्सएप पर पीडि़ता द्वारा दर्ज करवाई गई FIR को जिस प्रकार से खुलेआम वायरल किया जा रहा है, उससे महेश गोयल अब और ज्यादा कानूनी शिकंजे में आ सकता हैं। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए बताया जा रहा है कि पीडि़ता पक्ष अब महेश गोयल के खिलाफ अलग से FIR करवाने जा रहा है। ध्यान रहे कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के मुताबिक सेक्सुअल हरासमेंट के मामले में पीडि़ता के नाम, पहचान आदि को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता जोकि महेश गोयल ने कर दिया है।
एक महिला थाना प्रभारी के मुताबिक ऐसे मामले में पहचान/FIR वायरल करने वाले के खिलाफ IT एक्ट की धारा 67A के तहत कार्यवाही बनती है जिसमें से अलग से FIR दर्ज होती है और ये धारा गैर-जमानती है तथा इसमें तीन साल से ज्यादा की सजा का प्रावधान है।

बता दें कि युवती की शिकायत में कहा गया है कि आरोपी योगेश मंगला उसके ऊपर गंदी नजर रखता था। जब भी वह उनके घर जाती थी तो वह उसे जबरदस्ती गलत तरीके से टच करता था। पीडि़ता के मुताबिक करीब 4 साल पहले जब वह बाथरूम में नहा रही थी तो किसी तरह योगेश ने उसकी कुछ फोटो ले ली। इन फोटो के आधार पर वो उसको ब्लैकमेल कर गलत तरीके से पीडि़ता का फायदा उठाने लगा। पीडि़ता के मुताबिक आरोपी ने उसे उसकी बात ना मानने पर फोटो वायरल करने की धमकी भी दी तथा फोटो के आधार पर आरोपी उसे लगातार ब्लैकमेल करने लगा।
पीडि़त युवती के मुताबिक आरोपी योगेश मंगला ब्लैकमेल करते हुए गत् 16 सितंबर, 2022 को उसे बडख़ल एक OYO होटल में ले गया जहां बगैर उसकी मर्जी के आरोपी ने उसके साथ गलत काम किया। साथ ही धमकी दी की यदि ये बात उसने अपने परिवार वालों को बताई तो फोटो वायरल कर दूंगा तथा उसे व उनके परिवार वालों का जान से मार दुंगा।
पीडि़ता के मुताबिक उसने अगले दिन अपने परिवार वालों को सारी बात बताई तो उनकी आरोपी व उसके परिवार वालों के साथ पंचायत हुई। पंचायत में आरोपी योगेश मंगला ने अपनी गलती मानी और लिखित में उसे एक राजीनामा लिखकर दिया कि आगे से वह उसे ब्लैकमेल और परेशान नहीं करेगा जिसकी कॉपी और वीडियो उसके पास है।
पीडि़ता ने शिकायत में आरोप लगाया कि इसके कुछ समय बाद आरोपी दोबारा से उसके घर के चक्कर लगाकर उसे परेशान करने लगा। यह बात जब उसने अपने परिवार वालों को बताई। इस पर जब उसके परिजनों ने आरोपी से बातचीत की तो आरोपी ने उनसे बद्ततीजी की। इस मामले में दोनों पक्षों के परिवारवालों की जब गत् 6 मार्च को पंचायत हुई जहां आरोपी उपरोक्त दोषीगणों रविन्द्र मंगला व महेश गोयल को लेकर आ गया और आते ही इन्होंने पीडि़ता के परिवारवालों के साथ गाली-गलौच व मारपीट कर जान से मारने की धमकी दी।
थाना महिला पुलिस ने इस मामले में पीडि़ता की शिकायत पर कार्यवाही करते हुए उपरोक्त आरोपियों के खिलाफ 376, 354, 354A, 354C, 323, 120B व 506 जैसी IPC की संगीन धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर दिया।
वहीं दूसरी तरफ इससे पहले योगेश मंगला पुत्र प्रहलाद मंगला ने भी आदर्श नगर थाने में पीडि़ता के चाचा, चचेरे भाईयों आदि 5 परिजनों के खिलाफ एक मुकदमा दर्ज करवाया है। उसके मुताबिक पीडि़ता के चाचा ने सन् 2010 में उनसे मकान बनाने के लिए एक साल के लिए 15 लाख रूपये उधार लिए थे जिसकी कोई लिखत-पढ़त नहीं है। बाद में पैसे वापिस करने के नाम सालों तक वे बहानेबाजी करते रहे। योगेश के मुताबिक वह पवन निवासी तिगांव के कहने पर अपने भाई राजू और दो अन्य दोस्तों के साथ जब बताई गई जगह पर पहुंच गए। आरोप था कि उनके वहां बैठते ही पीडि़ता के उपरोक्त परिजनों ने गेट बंद कर दिया। योगेश के मुताबिक पीडि़ता के चाचा ने उसके सिर पर नुकीली चीज मारी और बाकी उसके बेटे-भतीजे उसे जमीन पर गिराकर लात-घूसों से मारने लगे।
योगेश का आरोप था कि पीडि़ता के चाचा ने उसकी जेब से 14,300/-रूपये निकाल लिए तथा उसके लडक़े ने उनके गले से दो तोले की लूट ली जिसके बाद वे सभी वहां से भाग गए। इस शिकायत के आधार पर आदर्श नगर थाने में पीडि़ता के चाचा, चचेरे भाईयों आदि 5 परिजनों के खिलाफ 148,149, 323, 379B तथा 506 की संगीन धाराओं के तहत 7 मार्च को मुकदमा दर्ज किया था।
इस मामले की सच्चाई जानने के लिए जब आरोपित भाजपा नेता महेश गोयल को व्हाट्सअप मैसेज भेजकर उनसे उनका पक्ष मांगा गया तो खबर लिखने तक उनका कोई जबाव नहीं आया।
अब देखना यह है कि पुलिस इस सारे मामले में क्या रूख अपनाते हुए अपनी कार्यवाही को अंजाम देती है।

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