मैट्रो प्लस
जबलपुर, 16 जुलाई (महेश गुप्ता): एक तरफ जहां हमारे देश में जहां शादी से पहले अपनी मंगेतर-गर्लफ्रेंड से सैक्स करने को बहुत गलत माना जाता है वहीं हमारे देया में एक स्थान ऐसा भी हैं जहां महिलाओं को शादी से पहले सैक्स करने पर कोई पाबंदी नहीं हैं। हमारे समाज में आज महिलाओं की आजादी को लेकर जहां कई सवाल खड़े हो रहे हैं, वहीं हमारे बीच ही ऐसे लोग भी रहते हैं जहां महिलाओं को खुली आजादी दी जाती है। हम बात कर रहे हैं सुदूर बसे बैगा आदिवासियों की। यहां महिलाओं को सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। मुखिया के तौर पर महिलाएं ही घर संभालती हैं। यहां तक कि यदि किसी युवती ने शादी के पहले सेक्स कर लिया तो उसकी उस लड़के से शादी करा दी जाती है, जिससे उसके प्रेम संबंध होते हैं।
बैगा आदिवासियों की परंपराएं आधुनिक समाज के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं। प्रेम विवाह को लेकर जहां ऑनर किलिंग के मामले सामने आते हैं, वहीं ये आदिवासी लड़की की इच्छा के अनुरूप उसका विवाह करते हैं। बैगा समाज में महिलाओं को बहुत सम्मान दिया जाता है। लड़के-लड़कियों को प्रेम विवाह की आजादी दी जाती है। प्रदेश के मंडला, बालाघाट, डिंडौरी, उमरिया, शहडोल में रह रही इस जनजाति की कुछ मन्यताएं आधुनिक समाज के लिए आईना हैं।
शादी के पहले संबंध बनाने पर रोक नहीं:-
बैगा लड़कियां खुद अपना जीवनसाथी चुनती हैं। इनमें शादी से पहले संबंध बनाने पर रोक नहीं है। शारीरिक संबंध बनाने की बात यदि माता-पिता या समाज को पता चल जाती है तो आम सहमति बनाकर दोनों की शादी कर दी जाती है। इसके लिए बकायदा पंचायत बठाई जाती है। पंचायत दोनों पक्षों को समझकार शादी करने का निर्णय करती है।
दूसरी शादी पर नहीं पाबंदी:-
बैगा समाज में लड़की की दूसरी शादी पर पाबंदी नहीं है। लड़की अपनी मर्जी के अनुसार दूसरी शादी कर सकती है। यदि लड़की दूसरी शादी करना चाहती है तो उस पर गर्म पानी डालकर उसे पवित्र करने का रिवाज है। इसके बाद वह अपनी मर्जी से दूसरा विवाह करती है।
लड़के के घर वालों को खुद बाताती है पसंद:-
इस जन-जाति में महिलाओं को यहां तक आजादी है कि यदि उसे किसी लड़के से प्रेम हो जाए तो वह उस लड़के के घर वालों को अपने दिल की बात बताती है। इसके बाद दोनों परिवार आम सहमति से रीति-रिवाज से दोनों की शादी करा देते हैं।
विधवा विवाह मंजूर:-
इस जनजाति में महिला यदि विधवा हो जाती है तो उसे दूसरा विवाह करने की आजादी होती है। रीति-रिवाज के अनुसार विधवा होने पर महिला की उसके देवर से शादी कराई जाती है। यदि महिला देवर के अलावा किसी और के नाम की चूड़ी पहनती है तो उसे उसके साथ विवाह करने की अनुमति दी जाती है, लेकिन विधवा विवाह में पहले देवर का अधिकार होता है।
ये कहते हैं एक्सपार्ट:-
समाजशास्त्रियों का कहना है कि आदिवासी समाज में महिलाओं को बहुत अधिकार दिए गए हैं। खासतौर से बैगा महिलाएं सशक्त होती हैं। उन्हें वर चुनने की आजादी होती है। वे प्रेम संबंध भी बना सकती हैं। घर के मुखिया के तौर पर महिलाएं पुरूष की भूमिका भी निभाती हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *