फार्म-6ए जमा नहीं करवाने वाले प्राईवेट स्कूल नहीं बढ़ा सकते इस साल अपनी फीस: पुरानी फीस ही ले पाएंगे ऐसे स्कूल
मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
चंडीगढ़/फरीदाबाद, 7 अप्रैल: प्राईवेट स्कूलों में फीस बढ़ोतरी के मामले में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर तथा शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पी.के. दास द्वारा स्कूलों के पक्ष में बयान देने के बाद हुई अपनी छिछालेदारी के बाद सरकार ने प्राईवेट स्कूलों के प्रति एकाएक कड़ा रूख अपना लिया है। यदि शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पी.के. दास की माने तो प्रदेश के जिन प्राईवेट स्कूलों ने हरियाणा स्कूल एजूकेशन नियम 134ए के तहत कक्षा-2 से कक्षा-12 तक की रिक्त सीटों की सूचना विभाग को नहीं दी है, उन स्कूलों की एनओसी को वापिस ली जा सकती है जिससे कि उनकी मान्यता रद्द हो सकती है। उन्होंने कहा कि ऐसे सभी स्कूलों को यह सूचना देने के लिए 7 अप्रैल से 14 अप्रैल तक एक सप्ताह का समय दिया जा रहा है।
साथ ही श्री दास ने यह भी कहा है कि जिन स्कूलों ने 31 दिसंबर, 2016 तक फार्म-6ए जमा नहीं करवाया है वे स्कूल इस साल अपनी फीस नहीं बढ़ा सकते और ऐसे स्कूलों को फीस बढ़ाने भी नहीं दी जाएगी। ऐसे स्कूलों को पिछले साल की फीस ही लेनी होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के आधे प्राइवेट स्कूलों ने फार्म-6ए जमा नहीं करवाया है। उन्होंने कहा कि फार्म जमा करवाने वाले सभी स्कूलों की एक सूची विभाग की बेवसाईट पर डाल दी गई है और इसके अलावा, जिन स्कूलों ने यह फार्म-6ए जमा नहीं करवाया है उस संबंध में जानकारी व सूचना भी वेबसाइट पर डाल दी गई है ताकि अभिभावक सचेत हो जाएं। उन्होंने कहा कि फार्म-6ए जमा न करवाने वाले स्कूल बढ़ी हुई फीस लेते हैं तो यह सूचना विभाग व कमेटी के सम्मुख अभिभावक लाए।
श्री दास ने कहा कि इस कमेटी के सम्मुख पिछले समय के दौरान गुरुग्राम व फरीदाबाद के कुछ अभिभावकों ने शिकायत की थी जिसमें स्कूलों को कहा गया था कि वे बड़ी हुई फीस न लें। परंतु कुछ स्कूल फीस के चलते विद्यार्थियों का वार्षिक परीक्षा का परिणाम नहीं दे हैं और जिन विद्यार्थियों ने स्कूल बदलना है, उन्हें ट्रांसफर सर्टिफिकेट भी नहीं दे रहे हैं। प्राईवेट स्कूलों द्वारा ऐसे उठाए कदमों से पढ़ाई में बाधा आती है। इस प्रकार की समस्याओं को लेकर यदि अभिभावक कमेटी के सम्मुख आते हैं तो कमेटी के चेयरमैन को कहा गया है कि नियम 158ए के तहत शिकायतों को निपटारा करें और विद्यार्थियों की पढ़ाई को सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि यदि कमेेटी के पास शिकायत लंबित रहती है तो इस संबंध में निपटारे के लिए जल्द ही दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगें।
श्री दास ने उम्मीद जताई है कि सामाजिक समरसता के तहत ऐसे सभी स्कूल, जिन्होंने रिक्त सीटों की सूचना नहीं दी है, दिए जाने वाले एक सप्ताह में अपनी सूचना विभाग को दे देंगें। उन्होंने कहा कि अब तक प्रदेश के लगभग 2500 स्कूलों में यह जानकारी विभाग को दे दी है और इतने ही स्कूलों ने यह जानकारी विभाग नहीं दी है। उन्होंने कहा कि मंडल आयुक्तों को हरियाणा स्कूल एजूकेशन नियम 158ए के तहत फीस एवं फंड रेगूलेटरी कमेटी का चेयरमैन बनाया गया है और यदि कोई प्राइवेट स्कूल नियम के विरूद्ध जाता है तो अभिभावक स्कूल के खिलाफ शिकायत कर सकता है। इस शिकायत का निपटारा मंडल आयुक्त को करना होगा।

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