मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 26 मई: आशा ज्योति विद्यापीठ साहपुरा सैक्टर-65 में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी ग्रीष्मावकाश के समय वर्तमान कालीन शिक्षा की बारीकियों को देखते हुए एवं विश्वस्तरीय शिक्षा को बनाए रखने के लिए इस संस्था ने विद्यालय में अध्यापक कार्य श्रंखला का आयोजन किया। इसका मुख्य विषय शिक्षकों के व्यक्तित्व का विकास करना था। प्रधानाचार्या विधू ग्रोवर ने सभी अध्यापक-अध्यापिकाओं को दै-नन्दिनी में शिक्षण विधियों को योजनाबद्ध तरीके से पढ़ाने की प्रस्तुति समझाई ।
इस अवसर पर अध्यापक कार्य-श्रंखला के सूत्रधार मनमोहन दत्त कौशिक ने शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए अनेक प्रकार की शिक्षा की विधियां बताई जिससे अध्यापकों ने बच्चों के अन्दर शिक्षा के प्रति इच्छा शक्ति, शिक्षा के प्रति रुचि ध्यानपूर्वक अपना कार्य करना आदि गुणों को प्रदान करना सीखा। जिसके कारण बच्चे पठन-पाठन एवं वाचन कला में निपुण हो सकें। श्री कौशिक का मुख्य उद्देश्य था-बच्चों का सर्वागीण विकास करना। उनका मानना है कि अध्यापक एक जलती हुई मोमबत्ती है जो लाखों करोड़ो मोमबत्तियों को जला सकता है। इसलिए अध्यापक को राष्ट्र का निर्माता कहा गया है।
इस मौके पर विद्यालय के सभी अध्यापक-अध्यापिकाओं ने ध्यानपूर्वक श्री कौशिक की शिक्षा के स्तर को सुधारने की प्रक्रिया को समझा और उनका अनुसरण करने के लिए आत्मीयता समर्पित की। श्री कौशिक ने बच्चों के मनोवैज्ञानिक स्तर से भी शिक्षकों को अवगत कराया जिससे शिक्षकों के मन में शिक्षण विधियों के सही प्रयोग करने की जागरूकता उत्पन्न हो सके।
अंत में श्री कौशिक को सभी शिक्षकों ने हृदय से धन्यवाद दिया। मनोरंजन हेतु अन्त में प्रधानाचार्या विधू ग्रोवर ने सभी शिक्षकों के लिए अमृतसर ले जाने की योजना से अवगत कराया जिससे सभी बहुत ही प्रसन्न थे।

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