महिलाओं ने चूडिय़ां भेजकर मुख्यमंत्री खट्टर से मांगा इस्तीफा
मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
बल्लभगढ़, 18 जनवरी: महिलाओं के प्रति बढ़ते जघन्य अपराधों के विरोध में बल्लभगढ़ की पूर्व विधायक कुमारी शारदा राठौर के नेतृत्व में महिलाओं ने सैक्टर-12 लघु सचिवालय पर हाथों में चूडिय़ां लेकर भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर विशाल प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारी महिलाओं ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफे तक की मांग की। धरने-प्रदर्शन के उपरांत महिलाओं ने जिला उपायुक्त अमित कुमार द्विवेदी के माध्यम से महामहिम राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा।
प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कुमारी शारदा राठौर ने कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाले बेटियों व महिलाओं के नाम पर सत्ता में आ गए और अब बेटियां ही प्रतिदिन सामूहिक बलात्कार की शिकार हो रही है। इस राज्य में महिला विधायक तक सुरक्षित नहीं है। विधायक रोहिता रेवड़ी व विधायक संतोष सारवान इसका जीता जागता उदाहरण है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला ने अपने बेटे विकास बराला के कुकृत्य के बाद भी आज तक त्यागपत्र नहीं दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं में न तो नैतिकता बची हैै और ना ही मानवता, जो महिलाएं, बेटियां रोज बलात्कार का शिकार हो रही है। उनके परिवार जनों की हालत मृतक से भी बदतर होती जा है परंतु सरकार में बैठे मंत्री व विधायकों पर उनके आंसू पोंछने तक का समय नहीं है। उन्होंने कहा कि राजीव चौक से दिनदिहाड़े नाबालिग का अगवाकर उसके साथ गैंगरेप की घटना से बड़ा कोई अपराध नहीं हो सकता और ऐसी घटनाओं ने जहां प्रदेश की जनता को झकझोर कर रख दिया है वहीं मानवता को शर्मसार किया है। ऐसी घटनाओं ने हरियाणा की पूरी दुनिया में बदनामी करवाई है। सरकार पूरी तरह विफल साबित हुई है। प्रदेश में कानून व्यवस्था चौपट हो गई है।
कुमारी शारदा राठौर ने मुख्यमंत्री से तुरंत इस्तीफे की मांग करते हुए जिला उपायुक्त के माध्यम से राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। महिलाओं ने रोष प्रदर्शित करते हुए उपायुक्त को मुख्यमंत्री के लिए और उनकी कैबिनेट के लिए ढ़ेर सारी चूडियां भेंट की।
इस मौके पर कविता व गिरजा नाम की महिलाओं ने पुलिस की नाकामी की दास्तान उनके साथ हुई घटनाओं के बारे में सुना कर बताई। महिलाएं नारे लगाते हुए उपायुक्त कार्यालय में घुस गई और पुलिस के साथ भी उनकी धक्का-मुक्की हुई।
इस अवसर पर कांग्रेस नेत्री साधना सिंह, हरदम देवी, निहाला, राजबाला, सुषमा, धर्मवति, सगीरन, सरला, आशा टोंगर, लक्ष्मी, मालवती पांचाल, किरण, राजवती, मंजू, रेखा, वीरवति, नूरबानो, नफीसा, पूनम, ललिता और आयशा सहित सैकड़ों महिलाएं उपस्थित थी।

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