एसडीओ जीतराम ने लगाए ज्वाईंट कमिश्रर पर पैसे लेने के आरोप!
मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की खास रिपोर्ट
फरीदाबाद, 9 अप्रैल:
यदि नगर निगम में तोडफ़ोड़ विभाग के एसडीओ जीतराम और बिल्डिंग इंस्पेक्टर सुमेर सिंह को रिलीव करने की बजाए निगमायुक्त ने रेगुलराईज किया तो वे नैतिकता के आधार पर मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाएंगे औैर यदि जरूरत पड़ी तो हाईकोर्ट भी जाएंगे। यह कहना है नगर निगम फरीदाबाद में एनआईटी जोन के ज्वाईंट कमिश्रर प्रशांत अटकान का। प्रशांत अटकान के इस रूख को देखते हुए लग रहा है कि नगर निगम में ज्वाईंट कमिश्रर प्रशांत अटकान और निगमायुक्त के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।
प्रशांत अटकान मैट्रो प्लस में निगमायुक्त के हवाले से छपी उस खबर पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे जिसमें निगमायुक्त यशपाल यादव ने ज्वाईंट कमिश्रर प्रशांत अटकान द्वारा नगर निगम में तोडफ़ोड़ विभाग के एसडीओ जीतराम और बिल्डिंग इंस्पेक्टर सुमेर सिंह के रिलीविंग आर्डर को गलत बताते हुए कहा था कि उक्त दोनों पहले की तरह ही अपना काम करते रहेंगे। साथ ही निगमायुक्त ने यह भी कहा था कि किसी भी ज्वाईंट कमिश्रर को पॉवर नहीं है कि वो किसी अधिकारी/कर्मचारी का अपने स्तर पर ट्रांसफर करे या उसके रिलीविंग आर्डर जारी करे। वो सिर्फ निगमायुक्त को इस संदर्भ में सिफारिश कर सकते हैं, उनको मानने-ना मानने का अधिकार सिर्फ निगमायुक्त का होता है।
वहीं इस मामले में ज्वाईंट कमिश्रर प्रशांत अटकान का कहना था कि इससे पहले भी वे अपने अधीनस्थ अपने कार्यालय के दो स्टॉफ कर्मचारियों को रीलिव कर चुके हैं, तब किसी ने कुछ नहीं कहा था।
बकौल ज्वाईंट कमिश्रर प्रशांत अटकान निगम क्षेत्र में हो रहे अवैध निर्माणों व सूरजकुंड रोड़ पर बने एक फार्म हाऊस के मामले को लेकर तोडफ़ोड़ विभाग के संबंधित एसडीओ जीतराम और बिल्डिंग इंस्पेक्टर सुमेर सिंह को कई बार कारण बताओ नोटिस जारी किए लेकिन इन अधिकारियों ने उनके नोटिसों को गंभीरता से नहीं लिया और ना ही उनका कोई जवाब दिया। इस पर उन्होंने आज एसडीओ जीतराम और बिल्डिंग इंस्पेक्टर सुमेर सिंह को संबंधित विभाग का ज्वाईंट कमिश्रर होने के नाते इन्हें तोडफ़ोड़ विभाग से रिलीव करने के आदेश जारी किए हैं।
बता दें कि उक्त मामले में ही आज सुबह से ये सारा विवाद चल रहा है। ज्वाईंट कमिश्रर प्रशांत अटकान और तोडफ़ोड़ विभाग के एसडीओ जीतराम और बिल्डिंग इंस्पेक्टर सुमेर सिंह आपस में ही एक-दूसरे पर भ्रष्ट्राचार के आरोप लगा रहे हैं। ये मामला मैट्रो प्लस में आने के बाद नगर निगम सहित पूरे फरीदाबाद में चर्चा का विषय बना हुआ है। लेकिन अब ज्वाईंट कमिश्रर प्रशांत अटकान द्वारा उनके आदेशों की पालना ना होने पर मानवाधिकार आयोग और हाईकोर्ट में जाने की बात ने अब आग में घी डालने का काम कर दिया है।
ज्वाईंट कमिश्रर प्रशांत अटकान के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं एसडीओ जीतराम:-
वहीं दूसरी तरफ एसडीओ जीतराम ने ज्वाईंट कमिश्रर पर पलटवार करते हुए कहा है कि उक्त अधिकारी हमारे ऊपर दवाब डालकर सूरजकुंड रोड़ पर बने उस फार्म हाऊस को कोर्ट स्टे के बावजूद तुड़वाना चाहता है जिसको कि इसने पहले तो पदम के मार्फत पैसे लेकर बनवा दिया। लेकिन अब ये अधिकारी उसे फिर से भभकी देना चाह रहा है। यहीं नहीं, ये अधिकारी आज हमसे तोडफ़ोड़ से पहले दिए जाने वाले ब्लेंक नोटिस पर भी दवाब डालकर साईन करवाना चाहता था जोकि इसने मोनिका से भरवाया था। लेकिन हमने इसके लिए मना कर दिया। साथ ही एसडीओ जीतराम का कहना था कि वो भी इसके हाईकोर्ट जा सकते हैं।

ध्यान रहे कि स्वच्छ छवि के निगमायुक्त यशपाल यादव ने अवैध निर्माणों/कब्जों को लेकर सख्त रूख अपनाया हुआ है खासतौर पर वन क्षेत्र में हो रहे निर्माणों को लेकर। हालांकि इस मामले में निगमायुक्त ने वार्ड वाईज कमेटियां बनाकर पूरे निगम क्षेत्र में हो रहे अवैध निर्माणों व कब्जों को लेकर शपथ पत्र के साथ लिस्ट ले ली है जिस लिस्ट पर की काम चल रहा है।
लेकिन हाल-फिलहाल जो मामला है वो है निगम क्षेत्र में हो रहे अवैध निर्माणों व सुरजकुंड रोड़ पर बने एक फार्म हाऊस का है, जिसका खुुलासा पूरे दस्तावेजों/जानकारी के साथ हम जल्द करेंगे।
अब देखना यह है कि इस सारे मामले में क्या निकल कर सामने आता है।

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