Metro Plus से Naveen Gupta की रिपोर्ट।
Faridabad News, 22 फरवरी:
 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को सितंबर 2018 में आयुष्मान भारत नामक एक अभूतपूर्व योजना समर्पित की थी। उसी वर्ष हरियाणा ने भी इस योजना को अपना लिया था। इस योजना से गरीब मरीजों का बहुत भला भी हुआ है। अब हरियाणा सरकार ने चिरायु कार्ड भी बना दिए हैं जिसका लाभ और अधिक मरीजों को होगा। 

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन @ IMA की आयुष्मान कमेटी के चेयरमैन डॉ. सुरेश अरोड़ा ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि इसके बाद भी बहुत ही दुःख की बात है कि सरकार ने बजट में पर्याप्त बढ़ोतरी नहीं की है और पिछले 2 -3 सालों से अस्पतालों के बिल समय पर नहीं दिए जा रहे हैं। बिना किसी ठोस कारण के मनमानी कटौतियां कर ली जाती हैं। पूछने पर कई महीनो तक कोई जवाब भी नहीं मिलता। 

डॉ. अरोड़ा और IMA हरियाणा के प्रधान डॉ. अजय महाजन और सचिव 

डॉ. धीरेंद्र सोनी का कहना है कि भारत सरकार ने नवंबर 2021 में विभिन्न पैकेज की कीमतों में बढ़ोतरी कर दी थी, किन्तु हरियाणा सरकार ने अब तक भी इन्हें लागू नहीं किया है। 

इनका कहना है कि प्राइवेट अस्पताल आयुष्मान भारत योजना में लगभग लागत पर ही काम कर रहे हैं और यह दुःख की बात है कि उन्हें समय पर भुगतान करने में सरकार असमर्थ है। वैसे तो कॉन्ट्रैक्ट के हिसाब से भुगतान 15 दिन में हो जाना चाहिए, अन्यथा उस पर ब्याज दिया जाना चाहिए। हालत यह है कि ब्याज तो दूर मूल के दर्शन भी महीनों तक नहीं होते। इन सभी कारणों की वजह से आयुष्मान अस्पतालों में काफी रोष व्यापत है। 

IMA के इन डॉक्टरों का कहना था कि घाटे का सौदा कोई भी संस्थान कब तक चला सकता है? यदि हरियाणा सरकार ने इस समस्या के निदान हेतु तुरंत कोई ठोस कदम नहीं उठाये तो वो दिन दूर नहीं है जब सभी आयुष्मान अस्पतालों को अपनी सेवायें स्थगित करनी पड़ेंगी। इन्होंने प्रभु से प्रार्थना की है कि हमारे प्रगतिशील राज्य को वो दिन न देखना पड़े। हरियाणा के डॉक्टरों का डेलिगेशन IMA हरियाणा के नेतृत्व में कई बार आयुष्मान से जुड़े हुए अधिकारियों से मिल चुके हैं और उनको अपनी समस्याओं के बारे में अवगत करा चुके हैं। मुख्यमंत्री और कई नेताओं से भी कई बार बात हुई है। काफी समय बीत जाने के बाद भी कोई सकारात्मक कार्यवाही नहीं हुई। इसकी वजह से आयुष्मान मरीजों को अपनी सेवाएं देने में अस्पतालों का काफी नुकसान हो रहा है और मुश्किलें आ रही हैं।

IMA के इन पदाधिकारियों का कहना है कि वे सरकार से निम्नलिखित समस्याओं के तुरन्त समाधान के लिए प्रार्थना करते हैं :-

1. पहले अप्रूवल देने के बाद भी भुगतान करते समय 50 से 90% तक पैसा काट लिया जाता है, जिसका कोई औचित्य नहीं है ना ही इसके बारे में कोई सुनवाई की जा रही है। इस प्रक्रिया को बदल कर पारदर्शी किया जाना चाहिए। पहले पास किए हुए केसेस में बिना किसी ठोस कारण के कोई कटौती नहीं होनी चाहिए।

2. आयुष्मान भारत स्कीम 2018 में हरियाणा में शुरू की गई थी। पिछले 6 साल से उनके रेट में कोई भी उचित बदलाव नहीं किया गया। बल्कि कुछ पैकेज रेट तो उल्टा कम कर दिए गए हैं। केंद्र सरकार ने 2.2 वर्जन नवंबर 2021 में रिलीज कर दिया था, जोकि काफी प्रदेशों की सरकारें लागू कर चुकी हैं, परंतु यह हरियाणा में अभी तक लागू नहीं हुआ। हरियाणा सरकार को नए पैकेज रेट तुरंत प्रभाव से लागू करने चाहिए।

3. पेमेंट 3 से 6 महीने के बाद आ रही है जबकि इसका भुगतान मरीज की छुट्टी होने के 15 दिन के अंदर हो जाना चाहिए। इस देरी की वजह से हॉस्पिटलों को काफी आर्थिक समस्या आ रही है। न ही कोई ब्याज दिया जा रहा है, जोकि MOU के हिसाब से मिलना चाहिए। अधिक डाक्टरों की भर्ती करके भुगतान 15 दिन के अंदर सुनिश्चित करना चाहिए। देरी से होने वाले भुगतान पर कानूनन ब्याज दिया जाना चाहिए। बिना कारण भुगतान रोका नहीं जाना चाहिए।

4. जुलाई 2023 में ACS हेल्थ ने वादा किया था कि हरियाणा सरकार के कर्मचारियों के ईलाज की पात्रता के लिए अस्पतालों पर जबरदस्ती थोपी गयी। आयुष्मान भारत की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया जायेगा परन्तु इस पर अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं हुई है। सरकार को तुरंत प्रभाव से यह जबरदस्ती की अनिवार्यता हटा देनी चाहिए।

IMA के इन पदाधिकारियों ने कहा है कि इन सभी समस्याओं से तंग आकर  सभी आयुष्मान अस्पतालों ने आईएमए प्रधान को किसी भी प्रकार का एक्शन लेने के लिए हस्ताक्षर कर के दिए हैं। अगर सरकार ने इन समस्याओं का तुरंत समाधान नहीं निकाला तो हमें मजबूर होकर पूरे हरियाणा में आयुष्मान मरीजों का इलाज स्थागित करना पड़ेगा जिससे कि मरीजों को काफी दिक्कत होगी। इसकी पूरी जिम्मेदारी हरियाणा सरकार की होगी।

इन्होंने हरियाणा सरकार, मुख्यमंत्री व स्वास्थय मंत्री से प्रार्थना की है कि इस “मोदी की गारंटी” को हरियाणा में असफल न होने दें। हम आपके साथ हैं किन्तु हम पर सेवा के बदले अत्याचार न करें।

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