यमुना नदी पार कराने के लिए वसूले जा रहे मनमर्जी के रेट
मैट्रो प्लस से राजीव पाराशर की रिपोर्ट
होडल, 22 मई : मल-मास में शुरु होने वाली बृज परिक्रमा शुरु हो चुकी है, जिसमें दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र, पंजाब सहित अन्य कई प्रदेशों के हजारों महिला पुरुष श्रद्धालु हिस्सा ले रहे हैं। लेकिन सरकार द्वारा परिक्रमा मार्ग के लिए करोडों रुपए की राशि मंजूर किए जाने के बाद भी परिक्रमा मार्ग जर्जर हुआ पडा है। जर्जर सडक मार्ग से निकलते समय श्रद्धालु प्रशासन को कोसते हुए निकल रहे हैं। जिले के गांव बिछोर, डाडका में प्रवेश करते ही श्रद्धालुओं को जहां गंदगी, जलभराव व टूटी सड़कों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं यमुना पार करने के लिए पेंटून पुल की सुविधा के बावजूद ठेकेदारों द्वारा श्रद्धालुओं को गुमराह कर नावों में बैठाकर मनमर्जी के रेट वसूले जा रहे हैं। परिक्रमा मार्ग में पडने वाले गावों के ग्रामीण परिक्रमा करने वाले श्रद्धालुओं की सेवा में जुटे हुए है, लेकिन प्रशासन की तरफ से श्रद्धालुओं की सुविधा शून्य है। सरकार द्वारा परिक्रमा मार्ग के जीर्णोद्वार के लिए करोडों रुपए की राशि मंजूर किए जाने के बावजूद हालात जस के तस बने हुए हैं।
श्रद्धालुओं को किया जा रहा है गुमराह:-
बृज चौरासी कोस की परिक्रमा कर रहे श्रद्धालुओं को गुमराह करने के लिए मुर्तजाबाद में नाव के ठेकेदारों द्वारा बोर्ड लगाया गया है कि पेंटून पुल ढाई किलोमीटर दूर है जबकि नाव का रास्ता मात्र 500 मीटर की दूरी पर है। ऐसे में दूर-दराज के क्षेत्रों से परिक्रमा देने वाले श्रद्धालु गुमराह होकर नाव में बैठ जाते हैं। बताया जाता है कि यमुना नदी पार करने वाले श्रद्धालुओं से पहले तो ठेकेदार यमुना पार कराने के लिए 10 रुपए देने की बात करते हैं, लेकिन यमुना के बीच में जाते ही वह 50 रुपये वसूलना शुरू कर देते हैं। ऐसे में दूर-दराज के श्रद्धालु मजबूरी में लुटने को मजबूर हैं।

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