सरकार ने बढ़ाई वीवीआई नंबरों की फीस
मैट्रो प्लस
चंडीगढ़, 29 अप्रैल (महेश गुप्ता): यदि किसी को अपनी गाड़ी पर 0001 नंबर लेकर वीवीआईपी बनना हो तो उसको पांच लाख रूपये की रकम देकर अपनी जेब ढीली करनी होगी। इस आशय का फैसला आज यहां हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। इस बैठक में गैर-परिवहन वाहनों एवं परिवहन वाहनों के लिए अधिमान्य पंजीकरण संख्या प्राप्त करने के लिए फीस संशोधित करने हेतु हरियाणा मोटरयान नियम 1993 में संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई।
गैर-परिवहन वाहनों के मामले में राज्य परिवहन विभाग किसी भी श्रृंखला में 0002, 0007 एवं 0009 के लिए 1.5 लाख रुपये और शेष एकल अंक 0003 से 0006 तक एवं 0008 के लिए 75 हजार रुपये की बजाए एक लाख रुपये वसूल करेगा। बहरहाल, किसी भी श्रृंखला में 0001 के लिए पांच लाख रुपये ही वसूल किए जाएंगे।
इसी प्रकार, 0010, 0011, 0022, 0033, 0044, 0055, 0066, 0077, 0088, 0099, 0100 एवं 786 के लिए 50 हजार रुपये की बजाए 75 हजार रुपये की फीस ली जाएगी। बहरहाल, वाहन पंजीकरण संख्या 0012 से 0021, 0023 से 0032, 0034 से 0043, 0045 से 0054, 0056 से 0065, 0067 से 0076, 0078 से 0087, 0089 से 0098, 0111, 0200, 0222, 0300, 0333, 0400, 0444, 0500, 0555, 0600, 0666, 0700, 0777, 0800, 0888, 0900, 0999, 1000, 1111, 2000, 2222, 3000, 3333, 4000, 4444, 5000, 5555, 6000, 6666, 7000, 7777, 8000, 8888, 9000, 9999 के लिए 25 हजार रुपये की बजाए 50 हजार रुपये की फीस होगी।
चालू श्रृंखला में बिना बारी के आधार पर कोई अन्य पंजीकरण संख्या के अधिमान्य आबंटन के मामले में 20 हजार रुपये की फीस देनी होगी। पहले चालू श्रृंखलाओं में बिना बारी के आधार पर अपनी पसंद का कोई भी नम्बर लेने के लिए 10,000 रुपये वसूल किए जाते थे।
परिवहन वाहनों के मामले में पंजीकरण संख्या 0002 से 0021, 0022, 0033, 0044, 0055, 0066, 0077, 0088, 0099, एवं 0786 के लिए 20-20 हजार रुपये की फीस होगी। चालू श्रृंखला में बिना बारी के आधार पर 0100 सहित किसी अन्य पंजीकरण संख्या के अधिमान्य आबंटन के मामले में 10 हजार रुपये की फीस देनी होगी।

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