प्राईवेट स्कूलों नहीं लगा सकते नर्सरी, LKG व UKG की कक्षाएं, होंगी बंद!
मौलिक शिक्षा निदेशालय ने जारी किए सभी मौलिक शिक्षा अधिकारियों को तुरंत प्रभाव से कक्षाएं बंद कराने के आदेश
मौलिक शिक्षा निदेशालय ने महिला एवं बाल विकास विभाग को पत्र जारी कर दिए निर्देश
मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की खास रिपोर्ट
चंडीगढ़/फरीदाबाद, 3 दिसम्बर:
प्रदेशभर के मान्यता प्राप्त प्राईवेट स्कूलों में अवैध रूप से चलाई जा रही नर्सरी, LKG व UKG कक्षाओं को बंद करने के आदेश जारी होते ही स्कूल संचालकों में हड़कम्प सा मच गया है। यदि ऐसा हो गया तो प्राईवेट स्कूल संचालक की लूट-खसोट से उन अभिभावकों को जल्द ही निजात मिल सकती है जिनके बच्चों के नर्सरी, LKG व UKG कक्षाओं में एडमिशन के नाम पर प्राईवेट स्कूल संचालक उन्हें दोनों हाथों से अब तक लूटने में लगे हुए थे। और ये सब संभव तब होगा जब मौलिक शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी किए गए उन आदेशों को अमलीजामा पहना दिया जाएगा जिसमें निदेशालय द्वारा प्राईवेट स्कूलों में चल रही नर्सरी, एलकेजी व यूकेजी की कक्षाओं को अवैध घोषित कर दिया गया है।
मौलिक शिक्षा निदेशालय के आदेशों के अनुसार नर्सरी, एलकेजी व यूकेजी के नाम पर कोई भी मान्यता प्राप्त निजी स्कूल अब इन अवैध कक्षाओं का संचालन नहीं कर पाएगा। कारण, मौलिक शिक्षा निदेशालय ने प्रदेशभर के करीब 8500 निजी स्कूलों में नर्सरी, एलकेजी व यूकेजी कक्षाओं को तुरंत प्रभाव से बंद कराए जाने के आदेश दिए हैं। इस संबंध में मौलिक शिक्षा निदेशालय ने सभी मौलिक शिक्षा अधिकारियों से तुरंत रिपोर्ट भी तलब की है। मौलिक शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश के सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों के साथ-साथ महिला एवं बाल विभाग के निदेशक को भी पत्र जारी कर इस संबंध में निर्देश दिए हैं।
दरअसल, स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने मौलिक शिक्षा निदेशालय में 10 जून, 2019 को एक शिकायत दी थी जिसमें यह यह हवाला दिया गया था कि हरियाणा स्कूली शिक्षा नियमावली के अनुसार किसी भी मान्यता प्राप्त निजी स्कूल चाहे वह सीबीएसई से हो या हरियाणा बोर्ड से, में केवल कक्षा पहली से 12वीं तक ही कक्षाओं का संचालन किया जा सकता है। जबकि नर्सरी, एलकेजी व यूकेजी की कक्षाएं लगाना किसी भी नियम में नहीं हैं। इस तरह की अवैध रूप से निजी स्कूलों में लगाई जा रही कक्षाओं को तुरंत बंद कराए जाने की मांग की गई।
इस शिकायत पर मौलिक शिक्षा निदेशालय ने शुरूआत में तो कोई कदम नहीं उठाया, लेकिन अपनी ही शिकायत पर शिक्षा निदेशालय द्वारा कोई कार्रवाई नहीं होता देख बृजपाल परमार ने इस संबंध में मौलिक शिक्षा निदेशालय से आरटीआई के तहत 22 अक्तूबर को जानकारी मांगी। इसके बाद मौलिक शिक्षा निदेशालय हरकत में आया और इस संबंध में सभी मौलिक शिक्षा अधिकारियों को हरियाणा में चल रहे मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के अंदर अवैध तरीके से चलाई जा रही नर्सरी, एलकेजी व यूकेजी कक्षाओं को तुरंत प्रभाव से बंद कराए जाने के आदेश दिए। अकेले भिवानी में करीब 300 निजी स्कूलों में इस तरह की अवैध कक्षाओं का संचालन हो रहा है। जबकि फरीदाबाद में भी सैकड़ों छोटे-बड़े प्राईवेट स्कूलों में से कक्षाएं चलाई जा रही हैं।
नर्सरी, एलकेजी व यूकेजी कक्षाओं के नाम पर अभिभावकों की जेब पर निजी स्कूल डाल रहे हैं डाका:-
स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने बताया कि मान्यता प्राप्त निजी स्कूल नर्सरी, एलकेजी व यूकेजी कक्षाओं के नाम पर अभिभावकों की जेब पर डाका डाल रहे हैं। इन कक्षाओं में नामी स्कूल बच्चों को प्रवेश के लिए भी मोटा चंदा उगाही व दाखिला फीस वसूली कर रहे हैं। अभिभावक भी बिना कुछ सोचे समझे निजी स्कूलों द्वारा दिखाए गए सब्जबाग के झांसे में आकर बच्चों को इन कक्षाओं में दाखिला करा देते हैं। फिर हर माह उनसे मोटी फीस वसूली होती हैं। इनसेएनुअल चार्ज के नाम पर भी मोटी रकम ऐंठी जा रही है। जबकि हरियाणा शिक्षा नियमावली में कोई ऐसा प्रावधान नहीं है।

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