शिक्षक व कर्मचारियों को 5वें वेतनमान के अनुसार भी नहीं दिया जा रहा है वेतन
निजी स्कूल सेलरी देते हैं 10 से 15 हजार मासिक और हस्ताक्षर कराते हैं 20 से 40 हजार मासिक वेतन पर
अभिभावक एकता मंच ने की निजी स्कूलों की फीस वृद्धि की वैधता व सत्यता की जांच की मांग
मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 17 फरवरी: निजी स्कूलों की खुली लूट-खसोट के खिलाफ एक बार पुन: अभिभावक एकता मंच ने मोर्चा खोल दिया है। मंच के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट ओ.पी.शर्मा व प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने प्राईवेट स्कूल संचालकों को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि स्कूल संचालक खर्चा बढ़ाने के उद्देश्य से अपनी स्वयं की, अपनी पत्नी तथा अन्य रिश्तेदारों को एक से डेढ़ लाख रुपए मासिक वेतन स्कूल खर्चे में दिखाते है जबकि हकीकत इससे बिल्कुल परे है। स्कूल संचालकों के अलावा उनकी पत्नी तथा रिश्तेदारों का स्कूल प्रबंधन से कोई लेना-देना नही होता, सिर्फ कागजी खानापूर्ति के लिए उनके नाम पर मोटी-मोटी रकम की तनख्वाह दिखाई जाती है।
मंच के इन पदाधिकारियों का ने बताया कि स्कूल प्रबंधकों ने एक बार पुन: शिक्षा सत्र 2018-2019 के लिए ट्यूशन फीस में 30 से 40 प्रतिशत व अपनी मर्जी से बनाए गए गैर-कानूनी फंडों में 50 से 100 प्रतिशत की वृद्धि कर दी है। तर्क यह दिया है कि शिक्षक व कर्मचारियों को 7वें वेतनमान के अनुसार वेतन दिया जाना है। जबकि हकीकत यह है कि शिक्षक व कर्मचारियों को 5वें वेतनमान के अनुसार भी वेतन नहीं दिया जा रहा है। उनको 10 से 15 हजार मासिक वेतन दिया जाता है जबकि हस्ताक्षर 20 से 40 हजार मासिक वेतन पर कराये जाते है।
अभिभावक एकता मंच हरियाणा ने प्राइवेट स्कूलों द्वारा फार्म-6 में दर्शाई गई शिक्षा सत्र 2018 -2019 की फीस व फंड कि वैधता व सत्यता की जांच कराने की मांग की है। मंच ने शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव व शिक्षा निदेशक को पत्र लिखकर कहा है कि प्राइवेट स्कूल पहले से ही लाभ में है और उनके पास काफी रिसर्व फंड है। बावजूद इसके वे हर साल फीस बढ़ा देते हैं और उसे फार्म-6 में दर्शाकर उसे कानूनी रूप देने की कोशिश करते हैं। जबकि शिक्षा नियमावली में लिखा है की फार्म-6 में दर्शाई गई फीस व फंड कि वैधता की जांच शिक्षा निदेशक को करनी चाहिए व उसकी मंजूरी मिलने के बाद ही फीस बढ़ानी चाहिए।
मंच के जिला अध्यक्ष शिवकुमार जोशी, जिला सचिव डॉ. मनोज शर्मा ने चेयरमैन फीस एंड फंड रेगुलेटरी कमेटी कम मंडल आयुक्त फरीदाबाद व गुरुग्राम को शिकायत भेजकर कहा गया है कि फरीदाबाद के जिन 18 स्कूलों द्वारा शिक्षा सत्र 2015-16, 2016-17 व 2017-18 में बढ़ाई गई फीस व फंड कि वैधता की जांच चल रही है इन स्कूलों ने एक बार पुन: सत्र 2018-19 में फीस बढ़ा दी है इस पर रोक लगाई जाए और पहले से चल रही जांच में तेजी लाते हुए फैसला सुनाया जाए।
मंच ने प्रशासक हुडा फरीदाबाद से भी कहा है कि हुडा नियमों का उल्लंघन सही पाए जाने पर जिन 8 प्राईवेट स्कूलों को रिज्यूम किया गया है और 30 स्कूलों को धारा 17(4) के नोटिस जारी किये है उस पर शीघ्र फैसला सुनाया जाये।
मंच ने अभिभावकों से भी कहा कि वे एकजुट होकर स्कूलों की फीस वृद्धि,मनमानी व लूट-खसोट का खुलकर विरोध करें।

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