मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 10 जनवरी: सिर के आधे हिस्से में होने वाले दर्द को नजर अंदाज नहीं करना चाहिए। यह माइग्रेन का दर्द होता है। माइग्रेन एक ऐसी बीमारी है जिससे आज के समय में लभगभ 15 से 20 प्रतिशत लोग जूझ रहे हैं। इन मरीजों में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की संख्या ज्यादा है, लेकन अब इस बीमारी से डरने की जरुरत नहीं है। एक रिसर्च में यह साबित हुआ कि बोटोक्स थैरपी से माइग्रेन के मरीज का इलाज आसानी से संभव है। यह सैक्टर-16 स्थित मेट्रो अस्पताल के वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट डॉ० रोहित गुप्ता का कहना है।
डॉ० रोहित गुप्ता ने बताया कि यह एक ऐसी बीमारी है, जो पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में अधिक होती है। यह बीमारी एक दौरे की तरह आती है जिसका असर दो दिन तक रहता है। इस दौरान मरीज को उल्टी, चक्कर, घबराहट और कम दिखाई देने जैसे लक्षण होते हैं। अभी तक दुनियाभर में इस बीमारी का कोई ऐसा इलाज नहीं मिल पाया है जिससे मरीज को पूरी तरह ठीक किया जा सके।
माइग्रेन की वजह क्या है
माइग्रेन ब्रेन के अंदर केमिकल बदलाव की वजह से होता है। इसके कई कारण हो सकते हैं। यह चेंज मरीज के अंदर तनाव, खाली पेट रहना, लंबा सफर करना, नींद पूरी न लेने की वजह से भी हो सकता है। इसमें ब्रेन के अंदर का स्पेसिफिक न्यूरो ट्रांसमीटर चेंज हो जाता है। इसे माइग्रेन ट्रिगर कहते हैं। यह दर्द सिर के केवल एक ही भाग में होता है। इस दौरान दिमाग में खून पहुंचाने वाली नसों में कसाव को हटा देता हैं जिस कारण असहनीय दर्द होता है, जो तमाम तरह के पेन किलर खाने पर भी दूर नहीं होता।
माइग्रेन का इलाज
डॉ० रोहित गुप्ता ने कहा कि एक रिसर्च के अनुसार माइग्रेन का इलाज बोटोक्स ट्रीटमेंट से संभव है और उन्होंने इसे साबित भी किया है। अभी तक बोटोक्स के इंजेक्शन झुर्रियां दूर करने के लिए लगाए जाते हैं। ये इंजेक्शन माथे की झुर्रियां दूर करने, नसों में कसाव लाते हैं और नसों को सिकुडऩे नहीं देते। इस इलाज से यह साबित हुआ कि अगर माइग्रेन के मरीज को बोटोक्स के इंजेक्शन लगवाएं तो उसे फायदा होता है। ये इंजेक्शन सिर के उस भाग में लगाए जाते हैं, जो इस दर्द का केंद्र होता है। अस्पताल में इस आधार पर माइग्रेन के मरीजों का इलाज शुरु कर दिया गया है। इससे मरीजों को काफी लाभ भी हो रहा है।

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