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फरीदाबाद, 25 जुलाई (महेश गुप्ता): धर्मशास्त्रों में वृक्षारोपण को पुण्यदायी कार्य बताया गया है। इसका कारण यह है कि वृक्ष धरती पर जीवन के लिए बहुत आवश्यक हैं। भारतवर्ष में आदि काल से लोग तुलसी, पीपल, केला, बरगद आदि पेड़-पौधों को पूजते आए हैं। आज विज्ञान सिद्ध कर चुका है कि ये पेड़ पौधे हमारे लिए कितने महत्तवपूर्ण हैं। वृक्ष पृथ्वी को हरा-भरा बनाकर रखते हैं ।
सैक्टर-28 सीनियर सैंकडंरी स्कूल परिसर में मारवाड़ी युवा मंच के कार्यकर्ताओं ने 151 फलदार पौधे लगाए। मंच के इस कार्यक्रम में पदाधिकारियों ने अपने परिवार सहित पौधारोपण कार्यक्रम में भाग लिया। बच्चों के हाथों पौधे लगवाकर उनको पेड़ों की महत्ता विस्तारपूर्वक बताई।
कार्यक्रम संयोजक एवं मंच के उपाध्यक्ष विमल खंडेलवाल ने बताया कि पृथ्वी की हरीतिमा ही इसके आकर्षण का प्रमुख कारण है। जिन स्थानों में पेड-पौधे पर्याप्त संख्या में होते हैं वहां निवास करना आनंददायी प्रतीत होता है। पेड़ छाया देते हैं। वे पश-पक्षियों को आश्रय प्रदान करते हैं। ये यात्रियों को सुखद छाया उपलब्ध कराते हैं। इनकी ठंडी छाया में मनुष्य एवं पशु विश्राम कर आनंदित होते हैं। वृक्ष हमें क्या नहीं देते। फल, फूल, गोंद, रबड़, पत्ते, लकड़ी, जड़ी-बूटी, झाडू, पंखा, चटाई आदि विभिन्न प्रकार की जीवनोपयोगी वस्तुएं पेड़ों की सौगात होती हैं। ऋषि-मुनि वनों में रहकर अपने जीवन-यापन की सभी आवश्यक वस्तुएं प्राप्त कर लेते थे। जैसे-जैसे सभ्यता बढ़ी लोग पेड़ों को काटकर उनकी लकड़ी से घर के फर्नीचर बनाने लगे
मारवाड़ी युवा मंच अध्यक्ष अरिहंत जैन ने कहा कि उद्योगों का विकास हुआ तो कागज, दियासलाई, रेल के डिब्बे आदि बनाने के लिए लोगों ने जंगल के जंगल साफ कर दिए। इससे जीवनोपयोगी वस्तुओं का अकाल पडऩे लगा। साथ ही साथ पृथ्वी की हरीतिमा भी घटने लगी। वृक्षों की संख्या घटने के दुष्प्रभावों का वैज्ञानिकों ने बहुत अध्ययन किया है। उन्होंने निष्कर्ष निकाला है कि वृक्षों के घटने से वायु प्रदूषण की मात्रा बढ़ी है। वृक्ष वायु के प्राकृतिक शोधक होते हैं। ये वायु से हानिकारक कार्बन डाईऑक्साइड का शोषण कर लाभदायक ऑक्सीजन छोड़ते हैं ।
ऑक्सीजन ही जीवन है और जीवधारी उसे लेकर ही जीवित रहते हैं। अत धरती पर वृक्षों की पर्याप्त संख्या का होना बहुत आवश्यक होता है। वृक्ष वर्षा कराते हैं। ये जहां समूहों में होते हैं वहां बादलों को आकर्षित करने की क्षमता रखते हैं। वृक्ष मिट्टी को मजबूती से पकड़े रखते हैं और इसका क्षरण रोकते हैं। ये बाढ़ और अकाल दोनों ही परिस्थितियों को रोकने में सहायक होते हैं। ये मरुभूमि के विस्तार को कम करते हैं। ये वायुमंडल के ताप को अधिक बढऩे से रोकने में बहुत मदद करते हैं । जहाँ अधिक पेडू.पौधे होते हैं वहाँ गर्मियों में शीतल हवा चलती है । इसीलिए समझदार लोग अधिक से अधिक संख्या में पेड़ लगाने की बात करते हैं ।
इस अवसर पर मारवाड़ी युवा मंच के अध्यक्ष अरिहंत जैन, कार्यक्रम संयोजक एवं उपाध्यक्ष विमल खंडेलवाल, उपाध्यक्ष अनिरूद्ध गोयनका, कोषाध्यक्ष हुलास गटानी, सचिव मुकेश अग्रवाल, राष्ट्रीय पदाधिकारी संजीव जैन, निकुंज गुप्ता, पवन गुप्ता, ओपी गुप्ता, रजत गुप्ता, संजीव केजरीवाल, राजेंद्र मूूंदडा, वेदप्रकाश खंडेलवाल, मधूसुधन माटौलिया, मनीष अग्रवाल, मंच के अन्य सदस्य, महिला शक्ति एवं बच्चों का विशेष योगदान रहा।

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