मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 19 मई:
फीस एंड फंड रेगुलेटरी कमेटी (एफएफआरसी) के चेयरमैन के फरीदाबाद में ही बैठने के बावजूद जिस तरह से प्राईवेट स्कूल प्री-एडीमशन के नाम पर अभिभावकों से एडवांस में हजारों/लाखों रुपए वसूल रहे हैं और कमेटी चुप्पी मारे बैठी है, उसने इस कमेटी की सार्थकता पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। अभिभावक एकता मंच द्वारा कमेटी पर ये आरोप लगाते हुए जिस प्रकार से प्री-एडमीशन के इस मामले को उठाकर प्राईवेट स्कूलों को टारगेट किया जा रहा है, वहीं प्राईवेट स्कूलों की एसोसिएशन हरियाणा प्रोग्रेसेसिव स्कूल्ज कांफ्रेंस (एचपीएससी) के पदाधिकारियों की इस मामले में चुप्पी के चलते प्राईवेट स्कूल संचालकों में भी एचपीएससी पदाधिकारियों के प्रति गुस्सा भरा हुआ है।
काबिलेगौर रहे कि अभिभावक एकता मंच ने प्राईवेट स्कूलों पर आरोप लगाते हुए कहा है कि आगामी शिक्षा सत्र की पढ़ाई 1 अप्रैल, 2020 से शुरू होनी है, लेकिन स्कूल प्रबंधक उसके लिए अभी से बच्चों को दाखिला देकर एडवांस में हजारों रुपए वसूल रहे हैं। मंच ने कहा है कि जिस जिले में फीस एंड फंड रेगुलेटरी कमेटी (एफएफआरसी) का चेयरमैन बैठा हुआ है उसमें स्कूल प्रबंधक सरेआम नियमों का उल्लंघन करके छात्र व अभिभावकों का आर्थिक व मानसिक शोषण कर रहे हैं। मंच ने इसकी शिकायत कई बार चेयरमैन एफएफआरसी से की है लेकिन प्राइवेट स्कूलों की सशक्त लॉबी के दबाव में दोषी स्कूलों के खिलाफ कोई भी उचित कार्यवाही नहीं की गई है। मंच ने अब मजबूर होकर मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव व चेयरमैन सीबीएसई को पत्र लिखकर एफएफआरसी की कार्यशैली व दोषी स्कूलों के द्वारा की जा रही मनमानी की शिकायत करके उचित कार्रवाई करने की मांग की है।
अभिभावक एकता मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा कहा है कि प्राइवेट स्कूल प्रबंधक आगामी शिक्षा सत्र 2020-21 के लिए नर्सरी, के.जी. में दाखिला देखकर एडवांस में हजारों रुपए अभिभावकों से वसूल रहे हैं। सीबीएसई व हरियाणा शिक्षा नियमावली के नियमों का उल्लंघन करके कक्षा एक से पहले की प्राथमिक कक्षाओं में दाखिला अपनी मर्जी से बनाए गए नियमों के तहत दे रहे है और 1 अप्रैल, 2020 से शुरू होने वाली कक्षाओं के लिए अभी से ट्यूशन फीस व अन्य गैर-कानूनी फंडों में 50,000 से लेकर सवा लाख रुपए एडवांस में अभिभावकों से वसूल रहे हैं। मंच का कहना है कि स्कूल प्रबंधकों ने प्री-नर्सरी, नर्सरी, केजी, एलकेजी नाम से 4-5 क्लास बना रखी है, जबकि नियम है कि कक्षा 1 से पहले सिर्फ 2 क्लास में पढ़ाई होनी चाहिए।
मंच ने सेंट कारमल, एमवीएन, एपीजे, डीपीएस, सेंट एलबंस, डीएवी, सेंट एंथोनी, मानव रचना, ग्रैंड कोलंबस सहित 25 प्राइवेट स्कूलों द्वारा की जा रही इस मनमानी की शिकायत की है और इन स्कूलों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की मांग की है।
कैलाश शर्मा ने बताया कि जिन बच्चों का स्कूल में चयन हो गया है उनके अभिभावकों को सर्कुलर भेजकर कहा जा रहा है कि वे आगामी शिक्षा सत्र के लिए किए गए दाखिले में एडवांस में पैसे जमा कराएं। साथ में यह भी लिखा जा रहा है कि किसी भी हालत में एडवांस में जमा कराई गई फीस व फंड वापस नहीं की जाएगी। जिन अभिभावकों ने अपने बच्चे के दाखिले में एक स्कूल में एडवांस में पैसा जमा करा दिया है और बाद में उसके बच्चे का दाखिला उसके घर के नजदीक के स्कूल में हो गया है तो वह उसमें दाखिला कराना चाहता है, ऐसी स्थिति में पिछला स्कूल उस अभिभावक को मांगने पर उसके जमा कराए गए पैसे को वापस नहीं कर रहा है।
ऐसे ही एक मामले में एक अभिभावक ने ग्रेटर फरीदाबाद स्थित डीपीएस स्कूल के खिलाफ चेयरमैन एफएफआरसी को अक्टूबर में शिकायत की थी लेकिन उस पर अभी तक कोई उचित कार्रवाई नहीं की गई है।
मंच ने अभिभावकों से कहा है कि वे प्राइवेट स्कूलों की इस मनमानी का एकजुट होकर विरोध करें और मंच के जिला कार्यालय लॉयर्स चेंबर 56 जिला कोर्ट फरीदाबाद में शिकायत दर्ज कराएं।

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