नवीन गुप्ता
चण्डीगढ़, 17 मार्च: हरियाणा एक बार फिर खौफ के साये में है जाटों का 72 घंटे का अल्टीमेटम आज दोपहर 3 बजे खत्म हो रहा है। आरक्षण के मुद्दे पर हाल ही में उग्र आंदोलन का शिकार हुए हरियाणा में इस समय डर है, बेचैनी है और सतर्कता भी। एक तरफ जाट लामबंद हो रहे हैं तो दूसरी तरफ सरकार ने कमर कस ली है। राज्यभर में सुरक्षा बलों को एक्शन मोड में रख दिया गया है।
बुधवार को रोहतक में रैपिड एक्शन फोर्स ने मोर्चा संभाल लिया। दिनभर प्रशासनिक अधिकारी बैठकें करते रहे। एक दिन पहले मंगलवार रात को पुलिस महानिदेशक यशपाल सिंघल ने भी अधिकारियों के साथ आंदोलन से निपटने के लिए सुरक्षा प्रबंधों का जायजा लिया। उधर, रोहतक के डीसी ने ऐहतियात के तौर पर 17 से 19 मार्च तक जिले के सभी कालेजों को बंद करने के आदेश जारी किए हैं। रोहतक शहर को सील किया जाएगा। गुप्तचर विभाग और सुरक्षा एजेंसियां जाट नेताओं की गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं। प्रशासन के अधिकारी खाप चौधरियों के संपर्क में भी है।
इस बीच रेलवे ने भी जाट आंदोलन के अल्टीमेटम को देखते हुए प्रदेश सरकार से स्थिति रिपोर्ट मांगी है।
जाट युवा एकता मंच ने भी बृहस्पतिवार को जाट भवन में बैठक बुलाई है। युवा जाट एकता मंच के संयोजक नवीन मलिक कहते हैं यदि 17 मार्च को विधानसभा में जाट आरक्षण को लेकर बिल पास नहीं किया गया तो 18 मार्च के लिए मंच अपनी रणनीति पर चर्चा करेगा। उनकी मांग है कि इस बार सरकार ऐसा बिल लेकर आये जिससे आरक्षण सुनिश्चित हो।

रोहतक में सबसे ज्यादा खौफ
याद रहे कि आरक्षण के मुद्दे पर हाल ही में राज्य में हुई हिंसा के दौरान रोहतक सर्वाधिक प्रभावित हुआ था। उग्र आंदोलन के आगे सरकार पूरी तरह से बेबस दिखी थी। कर्फ्यू लगाने और सेना के मोर्चा संभाल लेने के बावजूद यहां बाजार के बाजार लुटते रहे और जलते भी रहे।

क्या है जाटों की मांगे
याद रहे कि 14 मार्च को जाट समाज के लोगों ने प्रशासन को 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया था। उनकी मांग है कि जाट आरक्षण के लिए बिल तो विधानसभा में पास किया ही जाए, साथ में जाट विरोधी बयानबाजी के लिए सांसद राजकुमार सैनी को तुरंत गिरफ्तारकिया जाए ।

पिछले आंदोलन के पीड़ितों को 25 करोड़ से ज्यादा बाँट चुकी सरकार

हरियाणा में पिछले दिनों हुए आंदोलन के दौरान जिन लोगों की सम्पत्ति को नुकसान हुआ है आज तक उनमें से प्रभावित 1851 लोगों को प्रथम किस्त की कुल 25 करोड़ 22 लाख 76 हजार 342 रूपए की सहायता राशि जारी कर दी गई है और बीमा कंपनियों द्वारा आंदोलन में क्षतिग्रस्त संपत्ति की 2 करोड़ 97 लाख 40 हजार 387 रूपए की क्लेम राशि भी दी जा चुकी है।
एक सरकारी प्रवक्ता ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जिन क्षेत्रों में आंदोलन के दौरान सम्पति को नुकसान हुआ है उनमें भिवानी के 20 लोगों को 17 लाख 25 हजार 212 रूपए ,हिसार के 115 लोगों को 3 करोड़ 14 लाख 7 हजार 750 रूपए,रोहतक के 1202 लोगों को 16 करोड़ 99 लाख 13 हजार 624 रूपए,कैथल के 155 लोगों को 47 लाख 17 हजार 150 रूपए और झज्जर के 144 लोगों को 2 करोड़ 30 लाख 22 हजार 74 रूपए,सोनीपत के 122 लोगों के लिए 1 करोड़ 98 लाख 47 हजार 500 रूपए,जींद जिला के 93 लोगों को 16 लाख 43 हजार 32 रूपए की राशि जारी की गई है।

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