Metro Plus से Naveen Gupta की रिपोर्ट
Faridabad News, 24 अगस्त: बी.के. पब्लिक स्कूल में जन्माष्टमी का पर्व बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ प्रबंधक महोदय भूपेंद्र श्योराण द्वारा राधा कृष्ण का तिलक करके किया गया।
विद्यालय में कृष्ण जन्मोत्सव पर बच्चों द्वारा तैयार कार्यक्रम ने बड़ी धूम मचाई। कक्षा UKG के विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत मित्रता की मिसाल कृष्ण और सुदामा की झांकी ने सभी के ह्रदय को छू लिया। कक्षा NUR और LKG के विद्यार्थियों ने राधा और कृष्ण के रूप में मनमोहक नृत्य पेश किया। कक्षा दूसरी और तीसरी के बच्चों ने भी नृत्य प्रस्तुत कर आनंदायक समां बांधा। चौथी और 5वीं कक्षा की छात्राओं ने भी नृत्य कर वाहवाही लूटी। जिससे कि सारा स्कूल का परागण तालियों की आवाज से गूंज उठा।
इस मौके पर स्कूल के डॉयरेक्टर भूपेंद्र श्योराण ने कहा कि जन्माष्टमी पर्व भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। जो रक्षाबंधन के बाद भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि श्रीकृष्ण देवकी और वासुदेव के 8वें पुत्र थे। मथुरा नगरी का राजा कंस था। जोकि बहुत अत्याचारी था। उसके अत्याचार दिन-प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहे थे। एक समय आकाशवाणी हुई कि उसकी बहन देवकी का 8वां पुत्र उसका वध करेगा। यह सुनकर कंस ने अपनी बहन देवकी को उसके पति वासुदेव सहित काल-कोठारी में डाल दिया। कंस ने देवकी के कृष्ण से पहले के 7 बच्चों को मार डाला। जब देवकी ने श्रीकृष्ण को जन्म दिया, तब भगवान विष्णु ने वासुदेव को आदेश दिया कि वे श्रीकृष्ण को गोकुल में यशोदा माता और नंद बाबा के पास पहुंचा आएं। जहां वह अपने मामा कंस से सुरक्षित रह सकेगा। श्रीकृष्ण का पालन-पोषण यशोदा माता और नंद बाबा की देख-रेख में हुआ। बस उनके जन्म की खुशी में तभी से प्रतिवर्ष जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है।

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