मैट्रो प्लस
फरीदाबाद, 25 जुलाई (नवीन गुप्ता): विश्व प्रसिद्ध भारतीय संस्कृति का कोई साहनी नहीं हैं, जिसने अकेले अपने बल पर विभिन्न रूपों में स्वयं को विश्व गुरु की अनूठी पहचान दिलाई। हम सबको मिलकर इससे बनाये रखने की जरूरत है। यह विचार मुख्य संसदीय सचिव श्रीमति सीमा त्रिखा ने नगर-निगम सभागार में संस्कृति संगम, संगीत शिक्षा मंदिर द्वारा गुरु-शिष्य परंपरा उत्सव में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित जन समूह को संबोधित करते हुए कहे।
श्रीमती त्रिखा ने कहा कि भारतीय संस्कृति ने विभिन्न रूपों में देश-दुनिया का सदैव नेतृत्व किया है और आज फिर समय आ गया है कि हम मिलजुल कर इस नेतृत्व को फिर से अपने हाथों में ले। जिसके लिए सभी आवश्यक कदम उठा कर युवाओं को इस विषय की बागडोर सौंपी जाए। उन्होंने संस्कृति संगम, संगीत शिक्षा मंदिर जैसी संस्थाओं द्वारा आयोजित गुरु शिष्य परंपरा जैसे समारोहों की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन इस विषय की सवेदनाओं को बनाये रखने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करते है। अत: इस प्रकार के आयोजन भविष्य मे भी होते रहने चाहिये।
इस दौरान उपरोक्त संस्था द्वारा श्रीमति सीमा त्रिखा के कर कमलों द्वारा विभिन्न रूपों में पथ प्रर्दशक बन गुरु के रूप में सकारात्मक भूमिका का निर्वहन करने वाली विभूतियों को संमानित भी किया गया।
इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार बलदेव वंशी, शिक्षाविद् ऋषिपाल चौहान, डॉ० ऊषा किरण शर्मा, जेपी गुप्ता, ब्रजमोहन शर्मा, अरूण बजाज, रश्मि सानन, पुष्पा शर्मा, डॉ० अर्चना भाटिया, हरदयाल मदान सहित अनेकों गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *