आरोप: विपुल गोयल ने कहा, मंत्री का बेटा है तो अपने घर बैठे, काम क्या उसका बाप करेगा। जिला उपायुक्त को एसडीएम संदीप सिंह को चार्जशीट करने के आदेश भी दिए

मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
नारनौल/फरीदाबाद, 28 सितम्बर: सत्ता का नशा किस कदर चढ़ता है ये तो कोई प्रदेश के उद्योग मंत्री विपुल गोयल से पूछे। सत्ता के नशे में जिस तरह उन्होंने एक पिता के इलाज के लिए छुट्टी पर गए हरियाणा के धार्मिक प्रवृत्ति के एक सीनियर एचसीएस अधिकारी के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की, उससे आहत होकर उस अधिकारी ने बहादुरी का परिचय देते हुए मोर्चा खोल दिया और मंत्री को सबक सिखाने के लिए अदालत में मामला दायर कर दिया।
ध्यान रहे कि एसडीएम संदीप सिंह और उद्योग मंत्री विपुल गोयल के बीच छिड़ी जंग ने जहां अब सियासी रंग ले लिया है वहीं इनकी लड़ाई अब कोर्ट की दहलीज पर भी पहुंच गई है। एसडीएम संदीप सिंह ने उद्योग मंत्री एवं महेंद्रगढ़ जिला कष्ट निवारण समिति के चेयरमैन विपुल गोयल के खिलाफ नारनौल के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (सीजेएम) सूर्य चन्द्रकांत की अदालत में उनकी व उनके पिताजी बहादुर सिंह के बारे में अपशब्द कहने पर उनकी अवमानना करने के आरोप में धारा 500 व 504 के तहत मानहानि का इस्तगासा दायर कर कल वीरवार को स्वयं सीजेएम के समक्ष पेश होकर अपने बयान भी दर्ज करा दिए हैं। इस मामले में अब अगली सुनवाई तीन नवंबर को होगी।
काबिलेगौर रहे कि ब्यूरोक्रेसी एवं राजनैतिक परिवार से संबंध रखने वाले कनीना (नारनौल) के एसडीएम संदीप सिंह के पिताजी चौ० बहादुर सिंह हरियाणा सिविल सर्विस (एचसीएस) से सेवानिवृति के बाद जहां चौटाला सरकार में हरियाणा प्रदेश के शिक्षा मंत्री रह चुके हैं वहीं संदीप के बड़े भाई जगदीप सिंह हरियाणा केडर के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं और फिलहाल हरियाणा को-ओपरेटिव सोयायटी के रजिस्ट्रार है। इसके अलावा संदीप सिंह के ताऊ चौ० रामनारायण भी वरिष्ठ आईएएस अधिकारी होने के साथ-साथ लोकसभा सांसद भी रहे हैं।
एसडीएम संदीप सिंह ने कोर्ट में दर्ज अपने बयानों में कहा है कि गत् 20 सितंबर को नारनौल के कम्यूनिटी सेंटर में जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक हुई थी जिसकी अध्यक्षता प्रदेश के उद्योग मंत्री विपुल गोयल ने बतौर समिति चेयरमैन की थी। इस मीटिंग के दौरान जब मंत्री महोदय ने नगरपालिका से संबंधित किसी मामले को लेकर उनसे कुछ पूछना चाहा था लेकिन वो इस मीटिंग में अपने उच्च अधिकारियों को सूचना देकर छुट्टी पर थे क्योंकि उनके पिताजी की तबियत खराब थी और उन्होंने डॉक्टर से अपाईंटमेंट ले रखी थी। एसडीएम संदीप का कहना है कि वहां पर विपुल गोयल ने उनके व उनके पिताजी के बारे में सार्वजनिक रूप से अपशब्द कहते हुए जिला उपायुक्त को उन्हें चार्जशीट करने के आदेश दे दिए। बकौल संदीप सिंह यह मामला जब मीडिया में उछला तो उन्हें काफी मानसिक आघात लगा। इसी के चलते उन्होंने उद्योग मंत्री विपुल गोयल के खिलाफ मानहानि का इस्तगासा दायर कर अपने बयान दर्ज कराएं हैं।
आरोप है कि ग्रीवेंस कमेटी की मीटिंग में उद्योग मंत्री एवं महेंद्रगढ़ जिला कष्ट निवारण समिति के चेयरमैन विपुल गोयल ने किसी भाजपा कार्यकर्ता द्वारा संदीप सिंह को पूर्व मंत्री बहादुर सिंह का बेटा बताने पर भड़कते हुए एसडीएम संदीप सिंह के बारे में यह टिम्पणी की थी कि वह मंत्री का बेटा है तो अपने घर बैठे, काम क्या उसका बाप करेगा। साथ ही जिला उपायुक्त को एसडीएम संदीप सिंह को चार्जशीट करने के आदेश दिए।
इस बात को अपनी इज्जत से जोड़ते हुए एसडीएम संदीप सिंह ने उद्योग मंत्री विपुल गोयल को कोर्ट मे घसीट लिया और उन पर कोर्ट मे मानहानि का मुकदमा दायर कर दिया।
अब इन आरोपों में कहां तक सच्चाई है ये तो उपरोक्त दोनों ही जाने लेकिन जिस तरह से एक कैबिनेट मंत्री के खिलाफ एक एसडीएम ने इस्तगासा दायर किया है उसके चलते यह मामला अब हाई-प्रोफाईल हो गया है।

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