डिलीवरी के दौरान 8 जुलाई 2023 को हुई थी जच्चा-बच्चा की मौत।
Metro Plus के लिए नरेंद्र शर्मा परवाना की रिपोर्ट।

सोनीपत, 22 अप्रैल: डिलीवरी के दौरान जच्चा महिला व उसके नवजात बच्चे की संदिग्ध हालात में हुई मौत के मामले में मेडिकल बोर्ड की जांच के आधार पर पुलिस ने एक महिला डॉक्टर व नर्स के खिलाफ केस दर्ज किया है। मेडिकल बोर्ड की जांच में नौ महीने बाद खुलासा हुआ कि मां-बेटे की जान महिला डॉक्टर की लापरवाही व अस्पताल में चिकित्सा सुविधा के अभाव के कारण हुई।

जांच में लापरवाही पर सवाल उठाए:-
मेडिकल बोर्ड द्वारा दी गई जांच रिपोर्ट में बताया गया कि महिला के गर्भाशय की ग्रीवा फट गई थी। यह कठिन केस है और इस आपात स्थिति से निपटने के लिए व्यवस्था नहीं थी। इस रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने डॉक्टर व नर्स पर केस दर्ज कर लिया है। रिपोर्ट में अस्पताल की व्यवस्था व लापरवाही पर सवाल उठाए हैं।

अस्पताल में सिजेरियन सेक्शन, पीपीएच प्रबंधन की सुविधा नहीं:-
जच्चा-बच्चा की मौत की जांच मेडिकल बोर्ड के चिकित्सकों ने पुलिस को रिपोर्ट दी है कि दोनों की मौत डॉक्टर की लापरवाही व अस्पताल में पर्याप्त इलाज सुविधा न होना जिम्मेदार है। महिला की गर्भाशय ग्रीवा फट गई थी। योनि प्रसव के बाद गर्भाशय का टूटना एक दुर्लभ मामला है। मरीज को समझाया गया था। जरूरत पडऩे पर आपातकालीन स्थिति में सिजेरियन की सहमति ली गई थी, लेकिन अस्पताल में सिजेरियन सेक्शन, पीपीएच प्रबंधन की सुविधा नहीं थी।

जांच में चिकित्सकीय लापरवाही के दोषी करार:-
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार मरीज की मृत्यु प्रसवोत्तर रक्तस्राव और उसकी जटिलताओं के कारण हुई। इलाज कर रही डॉ. निकिता और कैलाश अस्पताल उच्च जोखिम गर्भावस्था और पीपीएच की जटिलता का उचित प्रबंधन नहीं करने के लिए चिकित्सकीय लापरवाही के दोषी हैं। कैलाश अस्पताल में सामान्य प्रसव से संबंधित किसी भी आपात स्थिति के प्रबंधन के लिए पैनल पर उचित ऑपरेशन थिएटर और स्त्री रोग विशेषज्ञए सर्जनएबाल रोग विशेषज्ञ नहीं हैं।

नौ महीने पहले का यह था मामला:-
खरखौदा शहर के वार्ड 15 में एकता चौक निवासी लक्ष्मी उर्फ रीना पत्नी नवीन सैनी को 7 जुलाई, 2023 को डिलीवरी के लिए शहर के कैलाश अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। रीना ने देर रात 11 बजे एक बच्चे को जन्म दिया था। लेकिन पैदा हुए बच्चे की कुछ देर बाद ही मौत हो गई। डॉक्टरों ने रीना को पीजीआई रोहतक रेफर कर दिया। वहां जांच के बाद चिकित्सकों ने रीना को मृत घोषित कर दिया गया।

घर में जश्न के माहौल के बाद जब मातम छाया:-
लक्ष्मी उर्फ रीना को खरखौदा के निजी अस्पताल लाया गया था। उसने बेटे को जन्म दिया। परिवार में जश्न का माहौल था, लेकिन कुछ ही पलों के बाद मां-बेटे की मौत होने से मातम छा गया था गई। अब 9 महीन के बाद परिवार को न्याय की आश जगी है। रीना के पति नवीन सैनी के अनुसार जब वे नवजात बच्चे को नहलाने लगे तो उसके सिर और चहरे पर चोट के निशान दिखाई दिए। बच्चे के शव के बाईं साइड के होठ पर कट और सिर के बाईं साइड की खाल उतरी हुई थी। आरोप था कि लक्ष्मी व नवजात शिशु की मौत नर्स व डॉ. निकिता उर्फ नेहा की लापरवाही के कारण हुई है। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और बच्चे और उसकी मां के शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए सोनीपत के सरकारी अस्पताल में भिजवाया।

थाना खरखौदा के एएसआई मुनीष ने बताया कि जच्चा-बच्चा की मौत के लगभग 9 महीने बाद नवीन की शिकायत के आधार पर कैलाश अस्पताल की डॉक्टर निकिता और एक आशा नर्स के खिलाफ केस दर्ज किया है। आरोपियों की जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी।

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