निगम चुनावोंं में हार नजर आती देख मतदाताओं को कर रहे हैं भ्रमित एसी चौधरी
मीना गुलाटी ने की रोनिका चौधरी के खिलाफ पुलिस में शिकायत
मैट्रो प्लस
फरीदाबाद, 03 जनवरी (नवीन गुप्ता): सत्ता सुख भी अजीब सुख होता है। राजनैतिक लोग इसे हासिल करने के लिए क्या-क्या नहीं करते। अब प्रदेश के कांग्रेस शासनकाल में दो बार कैबिनेट मंत्री रह चुके ए.सी.चौधरी को ही देखिए। एक समय था चौधरी ऐसी शख्सियत होते थे जब उनके कहने से निगम पार्षद चुने व मनोनीत किए जाते थे। पूर्व पार्षद नरेश गोंसाई इसका जीता-जागता उदाहरण है। चौधरी ने नरेश गोंसाई को जहां दो बार पार्षद बनवाया वहीं एक बार उनकी धर्मपत्नी चारू गोंसाई को भी पार्षद बनवाया। लेकिन अब समय का फेर है, दिनभर चौधरी की गोद में बैठने वाला नरेश गोंसाई आज उन्हीं की पुत्रवधु रोनिका चौधरी के सामने चुनावी जंग में उनसे दो-दो हाथ करने को नगर निगम चुनावों में खड़ा है।
ना जाने ए.सी.चौधरी को इस बुढ़ापे में क्या सुझी कि प्रदेश की राजनीति करने के बाद निगम की छोटी राजनीति करने के लिए अपने पुत्र की बजाए अपनी पुत्रवधु को ही निगम पार्षद बनने के लिए ही घर की चारदिवारी से बाहर निकालकर नगर निगम फरीदाबाद के चुनावी दंगल में अपने चेले रहे गोंसाई के सामने ही मैदान में उतार दिया। आलम यह है कि निगम पार्षद का यह छोटा सा चुनाव जीतने के लिए एसी चौधरी को अपने पुत्र विनय चौधरी व निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर खड़ी अपनी पुत्रवधु रोनिका चौधरी सहित घर-घर, गली-गली धक्के खाने पड़ रहे हैं। चौधरी साहब ने यह सपने में भी नहीं सोचा होगा कि जिस व्यक्ति की एक आवाज पर पूरी एनएच-5 की जनता उनके लिए दौड़े चली आती थी, अब उसी जनता के सामने उनको यह छोटा से चुनाव जीतने के लिए उनके हाथ-पैर जोड़कर मनाने के लिए दिन-रात एक करना पड़ेगा। चौधरी साहब को अगर ये पता होता कि इस चुनाव में उन्हें यह दिन देखने पड़ेंगे तो शायद वो इन चुनावों में अपनी पुत्रवधु रोनिका चौधरी को कदापि खड़ा नहीं करते। अब तो चौधरी साहब की इज्जत दाव पर लग गई है। यदि वे जीत हैं तो शायद उनकी इज्जत बच जाए, लेकिन अगर रोनिका चुनाव में हार गई या किसी कारणवश उनकी जमानत जब्त हो गई तो चौधरी साहब की इज्जत की तो इस बुढ़ापे में लूटिया ही डूब जाएगी। और अगर किसी तरह नरेश गोंसाई ने यह चुनाव जीत लिया तो दो बार कैबिनेट मंत्री रह चुके ए.सी.चौधरी के लिए उनके मुंह पर यह एक जोरदार तमाचा होगा। यहीं कारण है कि चौधरी के लिए यह चुनाव उनकी नाक का सवाल बना हुआ है और नाक भी किसी ओर की नहीं बल्कि अपनी और अपने घर की।
यहीं नहीं, चौधरी साहब ने चुनाव जीतने के लिए पिछले दिनों एक ओछा हथकंडा अपनाया और रोनिका के सामने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर भगत सिंह से खड़ी हुई मीना गुलाटी के अपनी पुत्रवधु रोनिका चौधरी के पक्ष में बैठ जाने का प्रचार ही करा डाला ताकि उसकी वोट टूटकर उनके खाते में आ जाए। मीना गुलाटी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जहां रोनिका चौधरी के पक्ष में अपने द्वारा बैठे जाने का खंडन किया हैं वहीं रोनिका चौधरी के खिलाफ थाने में शिकायत भी की है। मीना गुलाटी की शिकायत पर की गई कार्यवाही को लेकर जब थाना एनआईटी प्रभारी से बात की गई तो उन्होंने इस मामले में कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। उनकी बातों से लग रहा था कि वो इस मामले को दबाने के पक्ष में हैं।
जो भी हो, नगर निगम फरीदाबाद के इस चुनाव में एसी चौधरी की प्रतिष्ठा दाव पर लगी हुई है। -क्रमश:

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