मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
चंडीगढ़, 3 जुलाई:
अपने आपको मुख्यमंत्री के नजदीकी बताने वाले हरियाणा राज्य फार्मेसी काउंसिल के चेयरमैन एवं निवर्तमान निगम पार्षद धनेश अदलखा और रजिस्ट्रार राजकुमार वर्मा पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। विजिलेंस कभी भी उनको गिरफ्तार कर अपने शिकंजे में ले सकती है। फिलहाल विजिलेंस ने उनके एक दलाल सुभाष अरोड़ा और फार्मेसी काउंसिल के उप-प्रधान सोहनलाल कंसल को गिरफ्तार कर लिया है। चेयरमैन धनेश अदलखा और रजिस्ट्रार राजकुमार वर्मा की गिरफ्तारी के लिए विजिलेंस इनके फरीदाबाद, भिवानी और यमुनानगर आदि ठिकानों पर लगातार छापेमारी कर रही है। विजिलेंस द्वारा किसी भी समय इनकी गिरफ्तारी की जा सकती है।
जानकारी के मुताबिक विजिलेंस ने फार्मेसी लाइसेंस दिलवाने के मामले में हरियाणा राज्य फार्मेसी काउंसिल सेक्टर-14 पंचकूला में लाखों रुपए रिश्वत लेने के मामले में हरियाणा राज्य फार्मेसी काउंसिल के चेयरमैन धनेश अदलखा ( FIR में नाम दिनेश अदलखा), उप-प्रधान सोहनलाल कंसल, रजिस्ट्रार राजकुमार वर्मा और सुभाष अरोड़ा के खिलाफ केस दर्ज किया है।
वहीं इस मामले में चेयरमैन धनेश अदलखा के लिए रिश्वत लेने के आरोपी उनके दलाल सुभाष अरोड़ा निवासी विद्यानगर, महम रोड़, भिवानी को 32 हजार रुपए के साथ रंगे हाथों पकड़ा था तथा उससे पुछताछ के बाद फार्मेसी काउंसिल के उप-प्रधान सोहनलाल कंसल को उनके हिसार स्थित सेक्टर-13 के मकान नंबर 518 में छापेमारी कर गिरफ्तार कर लिया है। विजिलेंस ने सोहनलाल कंसल से करीब 42 हजार, 500 रुपए नगद भी बरामद किए हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने फार्मासिस्ट का लाइसेंस बनवाने की एवज में पैसे लिए थे। विजिलेंस सोहन लाल को पकड़ कर भिवानी ले गई है जहां उन्हें भिवानी कोर्ट में पेश किया जाएगा।
बताया जा रहा है कि सुभाष अरोड़ा ने फार्मेसी लाइसेंस दिलवाने के धनेश अदलक्खा और सोहनलाल कंसल के लिए 65 हजार की रिश्वत ली थी जिनमें से 30 हजार रूपये गूगल पर से और 35 हजार नगद लिए थे। हरियाणा विजिलेंस ने ट्रैप लगाकर दलाल सुभाष अरोड़ा को 32 हजार रूपये नगद लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। मामले की जांच डीएसपी गौरव शर्मा कर रहे हैं।
बताया जा रहा है कि चेयरमैन धनेश अदलखा और रजिस्ट्रार राजकुमार वर्मा नामक दोनों ही आरोपी अंडरग्राउंड हो गए हैं और गिरफ्तारी से बचने के लिए राजनैतिक शरण लेने की फिराक में है।
काबिलेगौर रहे कि हरियाणा राज्य फार्मेसी काउंसिल में पिछले लंबे समय से फार्मेसी रजिस्ट्रेशन के लिए लाखों रुपए रिश्वत लेने के आरोप लग रहे थेे। इस मामले में काउंसिल के सदस्यों ने मिलकर मुख्यमंत्री को धनेश अदलक्खा और सोहनलाल कंसल के खिलाफ शिकायत दी थी, लेकिन उस समय ठोस सबूत ना होने के कारण इन पर कारवाई ना हो सकी थी। तब से ही मुख्यमंत्री के आदेश पर हरियाणा राज्य फार्मेसी काउंसिल की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी। विजिलेंस काफी समय से मौके की तलाश में थी। जैसे ही पुलिस को सत्यवान निवासी भागवी, चरखी दादरी से शिकायत मिली कि फार्मेसी के लाइसेंस के लिए सुभाष अरोड़ा ने 65 हजार रुपए की डिमांड की है तो विजिलेंस ने सत्यवान को 32 हजार रुपए के पाऊडर लगे नोट दिए। इसके बाद सत्यावान ने सुभाष से संपर्क किया। सत्यवान ने 32 हजार रुपए जब सुभाष से पकड़ा दिए तो विजिलेंस टीम ने सुभाष को उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। सुभाष ने विजिलेंस को पूछताछ में बताया कि उसके संपर्क में सोहनलाल कंसल भी है। इसी आधार पर विजिलेंस ने सोहनलाल कंसल को भी गिरफ्तार कर लिया।
बताया जा रहा है कि विजिलेंस के पास धनेश अदलक्खा, सोहनलाल कंसल और राजकुमार वर्मा की रिकॉर्डिंग भी हैं, जिसके आधार पर इन पर केस दर्ज किया गया है। इनकी गिरफ्तारी के बाद कई फर्जी रजिस्ट्रेशनों का भी खुलासा होगा।
अब उक्त मामले में कितनी सच्चाई है ये तो उक्त आरोपी जानें या फिर विजिलेंस, लेकिन जब मैट्रो प्लस ने इस मामले की सच्चाई और चेयरमैन धनेश अदलक्खा का पक्ष जानना चाहा तो उनका मोबाईल फोन स्विच ऑफ मिला। –क्रमश:

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