मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट।
बल्लभगढ़, 28 अगस्त:
यौन उत्पीडऩ की शिकार हुई एक युवती की इज्जत को सरेआम समाज में उछालना वार्ड नंबर-37 से भाजपा टिकट पर चुनाव लड़ चुके मंत्री समर्थक भाजपा नेता महेश गोयल को मंहगा पड़ रहा है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद यौन उत्पीडऩ की शिकार हुई एक नाबालिग युवती द्वारा दर्ज कराई गई FIR को भाजपा नेता महेश गोयल ने सोशल मीडिया के माध्यम से समाज में वायरल कर दिया था जिससे नाबालिग पीडि़ता और उसके परिजनों का नाम-पता-पहचान उजागर हो गई थी। इस मामले में अब थाना शहर पुलिस ने नाबालिग पीडि़ता के भाई की शिकायत पर भाजपा नेता महेश गोयल और नगर निगम के ठेकेदार योगेश मंगला के खिलाफ आईपीसी की धारा 228ए के तहत मुकदमा दर्ज किया है। इसके बाद से अब वार्ड नंबर-37 से भाजपा टिकट पर चुनाव लड़ चुके मंत्री समर्थक भाजपा नेता महेश गोयल की मुश्किलें बढ़ गई हैं। वहीं

बता दें कि इससे पहले भी भाजपा नेता महेश गोयल सहित नगर निगम के ठेकेदार योगेश मंगला आदि के खिलाफ बलात्कार जैसे गंभीर आरोपों में 376, 354, 354ए, 354सी, 323, 120बी व 506 जैसी आईपीसी की संगीन धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मामले में बाद मेंं पोक्सो एक्ट लगने के बाद ठेकेदार योगेश मंगला हाईकोर्ट तक से सेशन कोर्ट से 28 जुलाई को तथा हाईकोर्ट से गत् 21 अगस्त को अग्रिम जमानत याचिका डिसमिश होने के बाद अभी तक फरार चल रहा है।

वहीं अब भाजपा नेता महेश गोयल और ठेकेदार योगेश मंगला के खिलाफ एक और मुकदमा दर्ज किया है। थाना शहर में यह मुकदमा दर्ज किया गया है सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए पहले मुकदमे की एफआईआर को व्हट्सअप ग्रुपों और सोशल मीडिया के माध्यम से वायरल करने के आरोप में जिससे नामजद आरोपियों द्वारा पीडि़ता का नाम, पता आदि पहचान उजागर की गई। वो बात अलग है कि पीडि़त पक्ष के मुताबिक ये दूसरी एफआईआर राजनैतिक दवाब के चलते आईपीसी की उन धाराओं में दर्ज नहीं की गई जिन धाराओं में की दर्ज होनी चाहिए थी।

बता दें कि इससे पहले रिश्तों को शर्मसार करने वाले नगर निगम के एक ठेकेदार योगेश मंगला द्वारा एक युवती के अश्लील/आपत्तिजनक फोटो खींचकर उसे ब्लैकमेल कर उसे ओयो होटल में ले जाकर उससे दुष्कर्म करने का मामले में महिला थाना पुलिस ने मार्च में युवती की शिकायत पर नगर निगम के ठेकेदार योगेश मंगला, उसके सगे भाई रविन्द्र मंगला और वार्ड न.-37 से भाजपा टिकट पर निगम पार्षद का चुनाव लड़ चुके भाजपा नेता महेश गोयल आदि के खिलाफ 376, 354, 354ए, 354सी, 323, 120बी व 506 जैसी आईपीसी की संगीन धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है। तभी से पूरे शहर में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ था।

यहां हम आपको बता दें कि उस समय मार्च में भाजपा नेता महेश गोयल आदि द्वारा अपने आपको पाक-साफ बताने के लिए शहर के गणमान्य लोगों के व्हाट्सएप पर पीडि़ता द्वारा दर्ज करवाई गई एफआईआर को खुलेआम वायरल किया गया था। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पीडि़ता पक्ष ने महेश गोयल आदि के खिलाफ अलग से एफआईआर करवाने करवाने के लिए पूरी कोशिश कर रखी थी जोकि अब जाकर पूरी हुई, वो बात अलग है कि आधी-अधूरी ।

ध्यान रहे कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के मुताबिक सेक्सुअल हरासमेंट के मामले में पीडि़ता के नाम, पहचान आदि को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता जोकि महेश गोयल ने किया था जैसा कि पीडि़त पक्ष का आरोप है। एक महिला थाना प्रभारी के मुताबिक ऐसे मामले में पहचान/एफआईआर वायरल करने वाले के खिलाफ आईटी एक्ट की धारा 67ए के तहत कार्यवाही बनती है जिसमें से अलग से एफआईआर दर्ज होती है और ये धारा गैर-जमानती है तथा इसमें तीन साल से ज्यादा की सजा का प्रावधान है।

अब देखना यह है कि मंत्री समर्थक भाजपा नेता महेश गोयल और नगर निगम के ठेकेदार योगेश मंगला के खिलाफ दर्ज हुए इस मामले में अब पुलिस क्या रूख अपनाते हुए अपनी कार्यवाही को अंजाम देती है।

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