फाईनेंसर विनोद मामा के ज्यादतियों से तंग होकर एक व्यापारी ने आत्महत्या की
बिल्डरों तथा फाईनेंसरों के खिलाफ फिर से लामबंद हो सकते हैं निवेशक
गिरफ्तारी के डर से फाईनेंसर विनोद मामा भूमिगत हुआ

फाईनेंसर बनाम इंवेस्टर मामले में मैट्रो प्लस का खुलासा, पार्ट-5
मैट्रो प्लस
बल्लभगढ़, 31 मई (नवीन गुप्ता):
शहर के एक बड़े फाईनेंसर विनोद मामा ने व्यापारी सतीश गोयल को इतना जलील और अपमानित किया कि उसे ना चाहते हुए भी सुसाईड करना पड़ा। सतीश गोयल का कसूर इतना था कि उसने विनोद मामा को दी गई अपनी रकम वापिस मांगी थी और विनोद मामा ने बजाए उसकी रकम वापिस करने के उसे कई बार जलील कर अपने कार्यालय से भगा देता था। जिसका रिजल्ट आज सतीश् गोयल की मौत के रूप में सबके सामने हैं।
गौरतलब रहे कि पंजाबी वाड़ा में अपनी पत्नी के साथ रहने वाले शहर के एक व्यापारी सतीश गोयल ने आज सुबह करीब छह बजे सल्फास खाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। गोयल के परिजनों के मुताबिक उन्होंने आज सुबह करीब साढ़े पांच बजे चाय पी थी और छह बजे के आसपास सल्फास की गोली खा ली। जानकारों की माने तो सल्फास की गोली खाने के बाद उन्होंने अग्रवाल विद्या प्रचारिणी सभा के एक पदाधिकारी दिनेश गोला एडवोकेट को फोन किया था जोकि उस समय बाजार में लल्लू चाय वाले की दुकान पर चाय पी रहा था। बताते हैं कि सतीश गोयल का फोन आने के बाद उसकी बात सुनकर दिनेश गोला आदि उसके घर की तरफ भाग लिए। वहां पर सतीश गोयल की गंभीर हालत को देखते हुए सतीश को तुरंत शहर के एक विवादास्पद सर्वोदय अस्पताल में ले जाया गया। जहां कि उनको मृत घोषित कर दिया गया। बताया तो यह भी जा रहा है कि जिस समय दिनेश गोला वगैरहा सतीश गोयल के घर पहुंचे थे, उस समय उसके हाथ में एक सुसाईड नोट भी था, जिसके बारे में अभी कोई भी बोलने की तैयार नहीं है।
शहर के नामी-गिरामी केदारनाथ-कुंदनलाल नामक खानदान से संबंध रखने वाले व्यापारी सतीश गोयल के एक रिश्तेदार प्रदीप मंगला के मुताबिक सतीश गोयल के विनोद मामा, अमित मित्तल तथा डी के बर्तन वाले पर करोड़ो रुपए की रकम थी जिसको की यह फाइनेंसर वापिस नहीं कर रहे थे। इसी कारण सतीश गोयल पिछले काफी समय से परेशान रहते थे।
डब्बू की दुकान पर लिखी गई थी इस आत्महत्या की पटकथा:-
सीही गेट पर गोयल सेल्स एंड हार्डवेयर स्टोर के नाम से अपनी दुकान चलाने वाले करीब 70 वर्षीय एक व्यापारी सतीश गोयल द्वारा आत्महत्या किए जाने की पटकथा कुछ दिन पहले बल्लभगढ़ शहर की ही एक दुकान पर लिखी गई थी जिसे आज सतीश गोयल द्वारा रूप दे दिया गया। शहर के एक निवेशक राजीव उर्फ डब्बू बर्तन वाले की माने तो सतीश गोयल आज मरने से करीब 10-15 दिन पहले उनके पास यानि डब्बू के पास आए थे। जहां पर डब्बू और सतीश गोयल के बीच विनोद मामा द्वारा अपने निवेशकों से बदतमीजी से बात करने को लेकर चर्चा शुरू हुई। बकौल डब्बू, सतीश गोयल ने पूछा कि तू विनोद मामा के पास गया था तो क्या बात हुई? इस पर मैंने कहा कि मुझे तो विनोद मामा ने धमकाया। मैंने विनोद मामा को बोला था कि मामा मरने के बाद पैसे देगा क्या? मैंने कहा कि जहर खा लें। मैंने तो अपना मकान बेचकर पैसे दिए हैं तेरे को। इस पर सतीश गोयल ने कहा कि बेटा तू जहर मत खा, जहर तो मैं खाऊंगा। मेरे तो डेढ़ करोड़ रुपए हैं विनोद मामा पर और अनिल जिंदल पर भी पैसे हैं एक करोड़। डब्बू के मुताबिक उसने नवंबर माह में अपना मकान बेचकर विनोद मामा को 50 लाख रुपए दिए थे, जोकि विनोद मामा पैसे मांगने पर उसे पैसे देने की बजाए धमकाता रहता है।
किए जा रहे हैं सेटिंग के प्रयास:-
शहर के एक व्यापारी सतीश गोयल द्वारा जहर खाकर आत्महत्या करने के बाद उन फाइनेंसरों ने अपने बचाव में सेटिंग करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं जिन फाइनेंसरों के पास सतीश गोयल की करोड़ो रुपए की रकम जमा थी। इन फाईनेंसरों में विनोद मामा और डीके बर्तन वाले का नाम सुर्खियों में है, जिनकी वजह से सतीश गोयल ने आत्महत्या की। ताजा पुख्ता जानकारी के मुताबिक इस आत्महत्या के सिलसिले में डीके बर्तन वाले ने शहर के एक व्यापारी को फोन करके उससे किसी भी कीमत पर तुरंत एक लाख रुपए की रकम मांगी है। अब सवाल यह उठता है कि डीके बर्तन वाले को ऐसी क्या जरूरत पड़ी कि उसे तुरंत एक लाख रूपये मंगाने पड़ रहे हैं। अब डीके को यह रकम अपने बचाव में देनी है या फिर आत्महत्या कर चुके सतीश गोयल के परिजनों को, यह तो वह ही जाने। वहीं दूसरी तरफ इस घटना के बाद से विनोद मामा भूमिगत है।
गौरतलब है कि बल्लभगढ़ विधानसभा क्षेत्र से कांगे्रस की टिकट पर चुनाव लड़कर अपनी जमानत तक गंवा चुके शहर के एक कांग्रेस नेता लखन सिंगला के समधी विनोद गर्ग उर्फ विनोद मामा ने शहर के सैंकड़ों लोगों के हजारों करोड़ रुपए डकार रखे हैं। अपनी रकम की वापिसी को लेकर शहर के व्यापारियों ने कई बार बल्लभगढ़ शहर और विनोद मामा के घर पर धरना प्रदर्शन भी किया है लेकिन रिजल्ट कोई खास नहीं निकला। हां, धरने प्रदर्शन का इतना असर जरूर हुआ कि व्यापारियों को लॉलीपॉप थमाते हुए इन्हें शांत करने के लिए फाईनेंसर विनोद मामा द्वारा अपने व्यापारी निवेशकों को 2 से 5 साल बाद तक के पोस्ट डेट्डि चैक बांट कर उनको शांत करने का प्रयास किया गया जिससे की निवेशक शांत नहीं हुए। और अब इसका रिजल्ट निवेशकों द्वारा आत्महत्या करने से शुरू हो गया है जिसका जीता जागता उदाहरण आज सतीश गोयल द्वारा आत्महत्या किए जाना है।

फाईनेंसर बनाम इंवेस्टर मामले में जल्द ही फिर से देखिए पत्रकार नवीन गुप्ता की खास रिपोर्ट। पार्ट-6 में। -क्रमश:

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