मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट।
ग्रेटर फरीदाबाद, 19 मार्च:
पिछले कई सालों से अपने आशियाने का सपना संजोए लोग आज भी वहीं खड़े हैं, जहां पहले खड़े थे। रकम खर्च करने के बाद भी अंसल क्राउन इंफ्राबिल्ड प्राइवेट लिमिटेड कंपनी सैक्टर-80 ने उन्हें फ्लैट्स उपलब्ध नहीं कराए हैं। इस संबंध में आज अंसल क्रॉउन हाइट्स फ्लैट बायर्स एसोसिएशन ने जोरदार प्रदर्शन कर सरकार से फ्लैट शीघ्र दिलाने की मांग की है।
एसोसिएशन के प्रधान राकेश मल्होत्रा ने बताया कि लगभग 15 साल पहले उक्त बिल्डर ने फ्लैट्स बेचने शुरू किए थे और यह फ्लैट बनते हुए दिखाकर लोगों से लगभग 90 से 95 प्रतिशत पैसे ले लिए। पहले तो ये कई साल तक झूठ बोलते रहे कि उन्हें फ्लैट दे दिए जाएंगे, लेकिन बाद में बिल्कुल मना कर दिया गया।
मल्होत्रा ने बताया कि जीवनभर की जमा पूंजी को एक व्यक्ति घर का सपना देखने के लिए एकत्र करता है और वह पैसा एक झटके में डूब जाए तो उसके परिवार और उस पर क्या बीतती है, यह तो वह स्वयं भुगतभोगी व्यक्ति बता सकता है। मल्होत्रा ने बताया कि इस प्रोजेक्ट में लगभग 550 खरीदारों का पैसा लगा हुआ है तो जो कुछ बुजुर्गों की भी जमा पूंजी है।
संस्था के महासचिव जगमोहन गुप्ता ने बताया कि अधिकतर फ्लैट मालिकों ने बैंक से लोन लिया हुआ है। वह बेचारे आज की स्थिति के अनुसार बैंक की किस्त और घरों के किराए देने में भी असमर्थ हो रहे हैं। सभी ओर से हार कर एसोसिएशन ने अब कोर्ट में केस किया। एनसीडीआरसी से खरीदारों के पक्ष में फैसला आने के बाद भी बिल्डर उस फैसले को मानने के लिए तैयार नहीं और प्रशासन की तरफ से भी कोई सहयोग नहीं मिला। बिल्डर के विरूद्ध फ रीदाबाद में भी एक एफआईआर सेक्टर-12 सैंट्रल पुलिस थाने में दर्ज कराई है। हरेरा में भी एसोसिएशन ने केस भेजा, लेकिन वहां भी कोई सुनवाई नहीं हुई। कोई भी सरकारी विभाग मदद करने के लिए तैयार नहीं।
एसोसिएशन के अन्य सदस्यों में संजय चांडक, मेहुल धवन, गिरधारी ग्रोवर, गुलाटी और भाटिया कोर्ट और सरकारी विभागों के चक्कर काट-काटकर थक गए हैं। एडवोकेट सतिंदर दुग्गल पूर्व सैनिक विंग कमांडर ने ग्रेटर फऱीदाबाद के निवासियों की हरसंभव मदद का आश्वासन देते हुए बताया कि उन्हें आखिर में धरने और प्रदर्शन का मार्ग अपनाना पड़ा है।

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