मैट्रो प्लस से ईशिका भाटिया की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 15 जनवरी: मोटापे को कुछ लोग अच्छी सेहत और अमीरी का प्रतीक मानते हैं। उन्हें लगता है कि जैसे-जैसे व्यक्ति का मोटापा बढ़ता है व्यक्ति की अमीरी बढ़ती जाती है, जबकि ऐसा नहीं है। मोटापा अमीरी नहीं ये तो बीमारी का प्रतीक होता है। इसको कंट्रोल में रखना बेहद जरुरी है। यह कहना है सैक्टर-16 स्थित मेट्रो अस्पताल के वरिष्ठ सर्जन डॉ० बी.डी. पाठक का।
इस मौके पर डॉ० पाठक ने कहा कि हाल ही में हुई एक रिसर्च में भी इस बात की पुष्ठी हुई है। रिपोर्ट के अनुसार शरीर में ज्यादा फैट हार्ट-अटैक का कारण बन सकता है। अस्पताल में हर माह 8 से 10 मरीज जांच के लिए आते है। जिन्हें इस संबंधी में इलाज के साथ जानकारी दी जाती है।
वरिष्ठ सर्जन डॉ० बी.डी. पाठक के अनुसार मोटापे को कुछ लोग अच्छी सेहत का प्रतीक मानते हैं। इम्पीरियल कॉलेज लंदन एंड कैंब्रिज की रिसर्च में पता लगाया है कि ओवरवेट लोगों में फिट लोगों के मुकाबले कोरोनरी हर्ट डिसीज का खतरा 28 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। इसके साथ ही ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा भी शरीर में धीरे-धीरे अनियंत्रित होने लगती है। जब भी कोई मोटापे का शिकार होता है तो उसे चाहिए वह जल्दी अपने वजन को कम करें और बॉडी वेट के अनुसार रखे। ऐसा नहीं होने पर कोरोनरी हर्ट डिसीज का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है। इन सबमें यह बात मायने रखती कि आपका ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर या फिर कोलेस्ट्रॉल नॉर्मल रेंज में है। कोरोनरी हार्ट डिसीज में धमनियों के बंद हो जाने की वजह से पर्याप्त रक्त ह्दय तक नहीं पहुंच पाता, जिसकी वजह से हार्ट-अटैक होने का खतरा बढ़ जाता है।
इस मौके पर डॉ० पाठक ने कहा कि ऐसे लोग जिनका बॉडी मास इंडेक्स करीब 30 है वो लोग मोटे लोगों की श्रेणी में होते हैं। जबकि 18.5-25 तक की बीएमआई वाले लोग समान्य वेट के माने जाते हैं। ऐसे लोग मोटो लोगों से ज्यादा स्वस्थ होते हैं तथा बीमारियों से बचे रहते हैं।

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