मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की खास रिपोर्ट
सत्ताधारी विधायकों की आड़ में सरकार को करोड़ों के राजस्व का चूना लगाता एक दो नंबरी ट्रांसपोर्टर!
फरीदाबाद, 30 अक्टूबर:
सामाजिक संस्थाओं की आड़ में उनका पदाधिकारी बना बैठा अग्रवाल समाज का एक तथाकथित ठेकेदार जोकि ट्रांसपोर्टर का काम करता है, आजकल फिर से सुर्खियों में हैं। हमेशा ही सत्ताधारी विधायक/लोगों के इर्द-गिर्द रहने वाले चाहे वह कांग्रेस राज में आनंद कौशिक हो या फिर भाजपा सरकार में पहले उद्योगमंत्री विपुल गोयल और अब नरेन्द्र गुप्ता, इस ट्रांसपोर्टर का काम समाजसेवी का चोला पहनकर इसका काम अपने दो नंबर के धंधे को बेरोकटोक चलाना है।
जानकार बताते हैं कि जब 1999 में कांग्रेस सरकार के दौरान फरीदाबाद विधानसभा से कांग्रेसी विधायक आनंद कौशिक थे तो ये ट्रांसपोर्टर उनकी चिलम भर उनकी गाड़ी में घूमता-फिरता देखा जाता था। इसके बाद जब 2014 में प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी और आनंद कौशिक चुनाव हार गए तो समाजसेवी का चोला पहनकर यह ट्रांसपोर्टर पहले विधायक और फिर उद्योगमंत्री बने विपुल गोयल के दरबार में हाजिरी मारने लगा। इसको विपुल गोयल के घर होने वाले गणेश महोत्सव में पंडाल के बाहर बैनर लगाते और प्रसाद बांटते अक्सर देखा जाता था। और अब जब इस बार 2019 के विधानसभा चुनावों में विपुल गोयल की टिकट कटकर उद्योगपति एवं भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष नरेन्द्र गुप्ता को मिल गई तो यह मौकापरस्त ट्रांसपोर्टर तुरंत ही विपुल गोयल के दरबार को छोड़कर नरेन्द्र गुप्ता की गोदी में जा बैठा। ऐसा करने का इसका उद्देश्य समाज के नाम पर सामाजिक कार्यों से जुड़कर अपने दो नंबर के धंधे को सत्ताधारी विधायक की आड़ में ढक कर उसे ओर ज्यादा से ज्यादा बढ़ाना है जिसमें यह अभी तक कामयाब भी होता आया है।
काबिलेगौर रहे कि समाज का यह तथाकथित ठेकेदार एवं ट्रांसपोर्टर अभी तक जिस-जिस सत्ताधारी विधायक के साथ रहा है वह या तो चुनाव हार गए या फिर वो राजनैतिक हाशिए पर चले गए जोकि शायद अब यह नरेन्द्र गुप्ता के लिए शुभ संकेत नहीं हैं। कुल मिलाकर सत्ताधारी विधायकों के लिए यह दो नंबरी ट्रांसपोर्टर एक नासूर बना हुआ है।
जानकारों की मानें तो हाल-फिलहाल ओल्ड फरीदाबाद की एक धर्मशाला के प्रधान बने बैठे इस दो नंबरी ट्रांसपोर्टर जोकि एनसीआर के लोगों की खून-पसीने की कमाई को ढकारने वाली कंपनी एसआरएस ग्रुप का डॉयरेक्टर भी था, ने एक समय ऊंट/बैल बुग्गी/गाड़ी के जरिए टैक्स चोरी कर माल डिलीवरी का अपना यह काम शुरू किया था, आज फरीदाबाद सहित विभिन्न शहरों में करीब 150-200 ट्रक चलते हैं जोकि पूरे दिन दिल्ली से घी, तेल, राशन, कपड़े, बर्तन वगैरह आदि माल को बिना कोई टैक्स भरे दो नंबर में पूरे एनसीआर क्षेत्र में इधर-उधर पहुंचाते हैं।
विश्वसनीय सुत्रों की माने तो रोजाना सरकार के करोड़ों रूपयों के टैक्स की चोरी कर यह ट्रांसपोर्टर पिछले 20 साल में फर्श से अर्श पर जा पहुंचा है। ऐसा भी नहीं हैं कि आबकारी कराधान विभाग को इस ट्रांसपोर्टर की टैक्स चोरी के काले धंधे की जानकारी नहीं है बल्कि चंद विभागीय अधिकारियों की सांठगांठ और विधायक को अपना खासमखास बताकर ही यह अपने इस दो नंबर के धंधे को अंजाम देते हुए आज फरीदाबाद के शायद सबसे बड़े ट्रांसपोर्टर के रूप में जाना जाता है।
वैसे तो कागजी खानापूर्ति के लिए विभागीय अधिकारी कभी-कभार इसके एक-आध ट्रक को पकड़कर उस पर छोटा-मोटा जुर्माना लगा देते हैं। लेकिन जब सरकार की तिरछी नजर इस ट्रांसपोर्टर पर पड़ती है तो इस दो नंबरी ट्रांसपोर्टर पर रगड़ा लग जाता है। ऐसा ही एक रगड़ा इस दो नंबरी ट्रांसपोर्टर पर सन् 1998 में तब लगा था जब बंसीलाल सरकार में तत्कालीन पुलिस अक्षीक्षक शिबास कविराज और निगमायुक्त वी.उमाशंकर जोकि फिलहाल मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव है और एक ईमानदार अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं, ने दिया था। उक्त दोनों अधिकारियों ने सुबह-सुबह करीब चार बजे बदरपुर बॉर्डर से होडल बार्डर तक पूरे बाईपास की घेराबंदी कर ली थी और इस कंपनी के ट्रकों को एक प्लानिंग के तहत बदरपुर बॉर्डर से बाईपास पर डायवर्ट कर दिया था तथा उन्हें वहां से इस दो नंबरी ट्रांसपोर्टर के 100 से ज्यादा ट्रक टैक्स चोरी के माल के साथ पकड़ लिए थे। उस समय इस दो नंबरी ट्रांसपोर्टर पर मोटा जुर्माना लगा था और इसकी कोई राजनैतिक सिफारिश काम नहीं आई थी।
यही नहीं, एक मजेदार बात यह भी है कि यह दो नंबरी यह ट्रांसपोर्टर करोड़ों रूपये की टैक्स करने कर खाकपति से अरबपति बनने के बाद भी अपनी आदत से आज नहीं आता और समाजसेवी का चोला पहनकर समाज के कार्यों में मंच से दान की घोषणा करने के बाद भी दान की राशि ना देने के लिए बदनाम है। क्रमश:
(इस ट्रांसपोर्टर के अतीत और भविष्य से जुड़ी कुछ गोपनीय जानकारियों से हम अपने पाठकों को अगली खबर में अवगत कराएंगे जिसे पढ़कर आप आश्चर्यचकित रह जाएंगे।)

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