नवीन गुप्ता
फरीदाबाद, 9 फरवरी: सूरजकुंड शिल्प मेले की सांस्कृतिक संध्या गत् सायं मशहूर सूफी गायक एवं कव्वाल जमील अहमद द्वारा अमीर खुसरो के कलाम ‘छाप तिलक सब छीनी रे मोसे नैना मिलाई के की बेहद मनमोहक प्रस्तुति से शुरू हुई।
मेले की चौपाल पर आयोजित इस कार्यक्रम में जमील अहमद ने अपनी सूफियाना गायकी के रंग बिखेरे। उन्होंने भजन, कव्वालियों तथा गजलों से रंग जमाया। जमील ने ‘दमादम मस्त कलंदर, अली दा पहला नंबर गीत पेश किया तो दर्शक उनके साथ गाते व तालियां बजाते हुए मस्ती में झूम उठे। फिर उन्होंने-सांसों की माला और आज रंग दे जैसे भजन गाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया।
जमील अहमद द्वारा इस सूफियाना सांस्कृतिक संध्या में लोगों को परस्पर भाईचारे, सद्भाव व सौहार्द के साथ रहने का बखूबी संदेश दिया गया। कार्यक्रम के बीच-बीच में जमील ने दिलकश शेरो-शायरी भी प्रस्तुत करके लोगों को वाह-वाह करने पर विवश कर दिया।
उन्होंने दिल को छू लेने वाले नगमे बेवफा क्या तेरा मुस्कुराना, याद आने के काबिल नही है, तड़पे हैं बहुत रोये है आदि पेश करके श्रोताओं का भरपूर मनोरंजन किया। मेला प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों सहित चौपाल में सैकड़ों की तादाद में मौजूद श्रोताओं ने इस सांस्कृतिक संध्या का भरपूर आनंद लिया।

सूफी गायक एवं कव्वाल जमील अहमद ने सूरजकुंड शिल्प मेले में अपनी गजलों से रंग जमाया
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