महेश गुप्ता
चण्डीगढ़, 7 नवंबर:
हरियाणा सरकार ने आईएएस, आईपीएस, आईएफएस तथा अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा वर्षगांठ, विवाह एवं उत्सवों सहित सामाजिक एवं धार्मिक समारोह पर उपहार स्वीकार किए जाने पर लगाए गए प्रतिबंध को जारी रखने के साथ-साथ निर्धारित सीमा से अधिक मूल्य के उपहार के बारे सरकार को सूचित किया जाना भी अनिवार्य किया है।
मुख्य सचिव द्वारा आज यहां सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, अम्बाला, हिसार, गुडग़ांव एवं रोहतक मंडल के आयुक्तों, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार, सभी उपायुक्तों, सभी बोर्डों एवं निगमों के प्रबन्ध निदेशकों एवं मुख्य प्रशासकों और सभी विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रारस को जारी एक पत्र के अनुसार अखिल भारतीय सेवाएं नियम 1968 के तहत एक सेवारत कर्मचारी अपने निकट सम्बन्धी या मित्र, जिनके साथ उनकी कोई सरकारी डीलिंग नहीं है, से विवाह, वर्षगांठ, संस्कार एवं धार्मिक समारोहों जैसे अवसरों पर केवल तभी उपहार स्वीकार कर सकता है, जिनमें प्रचलित धार्मिक एवं सामाजिक रीति के अनुसार उपहार दिया जाना आवश्यक है। लेकिन ऐसे उपहार का मूल्य 25,000 रुपये से अधिक होने पर उसे राज्य सरकार को सूचित करना होगा।
उपहार की परिभाषा में किसी निकट सम्बंधी या मित्र, जिसके साथ सेवारत कर्मचारी की कोई सरकारी डीलिंग नहीं है, के अलावा किसी अन्य व्यक्ति द्वारा उपलब्ध करवाई जाने वाली नि:शुल्क परिवहन सुविधाएं नि:शुल्क भोजन, नि:शुल्क ठहरने की सुविधा या कोई अन्य सेवा या आर्थिक लाभ शामिल है, लेकिन इसमें आकस्मिक भोजन, आकस्मिक परिवहन सेवा या अन्य सामाजिक आतिथ्य शामिल नहीं होंगे।
उपहार का मूल्य 5000 रुपये से अधिक होने पर कोई भी सेवारत कर्मचारी सरकार की स्वीकृति के बिना कोई उपहार स्वीकार नहीं करेगा। वह ऐसे व्यक्ति जिसके साथ उसकी सरकारी डीलिंग है या किसी औद्योगिक या वाणिज्यिक फर्म या अन्य संगठनों से बार-बार भव्य आतिथ्य सत्कार स्वीकार करने से बचेगा।
इसी प्रकार, हरियाणा सरकारी कर्मचारी, नियम, 1966 के तहत कोई भी सरकारी कर्मचारी कोई उपहार स्वीकार नहीं करेगा और न ही अपने परिवार के किसी अन्य सदस्य या अपनी ओर से किसी अन्य व्यक्ति को उपहार स्वीकार करने की अनुमति देगा।
विवाह, वर्षगांठ, उत्सव एवं धार्मिक समारोह, जिनमें प्रचलित धार्मिक एवं सामाजिक रीति के अनुसार उपहार दिया जाना आवश्यक है, के अवसर पर सरकारी कर्मचारी अपने निकट सम्बन्धियों एवं मित्रों से उपहार स्वीकार कर सकता है, लेकिन ऐसे उपहार का मूल्य 4000 रुपये से अधिक होने पर उसे इस बारे सरकार को सूचित करना होगा।
पत्र में यह भी कहा गया है कि किसी भी अन्य मामले में प्रथम या द्वितीय श्रेणी पदों पर नियुक्त सरकारी कर्मचारी के मामले में उपहार का मूल्य 1000 रुपये और तृतीय या चतुर्थ श्रेणी पदों पर नियुक्त कर्मचारी के मामले में उपहार का मूल्य 500 रुपये से अधिक होने पर सरकार की स्वीकृति के बिना सरकारी कर्मचारी कोई उपहार स्वीकार नहीं करेगा और न ही अपने परिवार के किसी अन्य सदस्य या अपनी ओर से किसी अन्य व्यक्ति को उपहार स्वीकार करने की अनुमति देगा।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए हैं कि सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा इन निर्देशों का अक्षरश: अनुपालन किया जाना चाहिए।

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