मैट्रो प्लस से जस्प्रीत कौर की रिपोर्ट
सूरजकुंड/फरीदाबाद, 9 फरवरी: 31वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेले में इस बार बच्चों के लिए भी बहुत कुछ नया लाया गया हैं। इस बार बच्चों के लिए सॉफ्ट खिलौने भी दर्शाए गए हैं। जिसे ज्यादातर बच्चे, लड़कियां और युवा भी पसंद कर रहें हैं। स्टाल नंबर-474 में नीता के नाम से यह स्टॉल संचालित हैं परंतु उनके स्टॉल में उपस्थित राजबाला जो सॉफ्ट खिलौनों को बनाने वाली एक शिल्पकार हैं, राजबाला ने बताया कि वे इस मेले में पिछले 8 सालों से आ रही हैं और वे मोदीनगर, उत्तर प्रदेश की रहने वाली हैं और ये स्टाल भी वहीं के लोगों द्वारा लगाया गया है। उन्हेांने बताया कि लोंग फर्र, मिडयम फर्र, वेलवेट आदि से तैयार इन खिलौनों में ज्यादातर लड़कियां और युवा ही अपनी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सॉफ्ट खिलौनों में टेडी बियर, डोगी, हाथी, दिल, मेंढक, पिल्लो, गुडिय़ा,छोटा डोगी और बड़ा डोगी व आदि अन्य प्रकार की आकृतियों को तैयार किया गया है।
उन्होंने बताया कि इन खिलौनों को आरामदायक व नुकसान रहित बनाने के ेलिए रिलायंस कंपनी के फाईबर को इस्तेमाल किया जाता है कयोंकि वह अच्छी गुणवता का है और नुकसान रहित भी है। स्टाल पर संचालक के साथ आए राजेश ओर जितेन्द्र ने बताया कि ज्यादातर युवा टेडी ले रहे हैं और यह काफी मात्रा में बिक रहे हैं। उन्होंने बताया कि अभी तक वे 50000 रुपए की बिक्री कर चुकी हैं और इनको तैयार करने में मशीन और हाथ दोनों की सहायता ली जाती है और पैर्टन के अनुसार इन्हें तैयार किया जाता है।
इस मौके पर 10 साल से इस कार्य में लगी नीता ने बताया कि यहां पर टेडी वियर को ज्यादा से ज्यादा खरीदा जा रहा है और इसे एक दूसरे को गिफ्ट के तौर पर दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस साफ्ट खिलौनों को तैयार करने के लिए वे अन्य महिलाओं ओर लोगों को इनको तैयार करने का प्रशिक्षण भी देती हैं और उनके घर पर भी कुछ इन्हें तैयार करने के लिए सीखने के लिए आते हैं। उन्होंने बताया कि इस मेले में अबकी बार ज्यादातर विदेशी भी आ रहे हैं ओर मेला में खरीदारी कर रहे हैं।

मैट्रो प्लस से जस्प्रीत कौर की रिपोर्ट
सूरजकुंड/फरीदाबाद, 7 फरवरी: फूल किसे अच्छे नहीं लगते हैं, लेकिन आजकल शहरों की भागदौड़ भरी जिंदगी में किसी के पास भी इतना समय नहीं हैं कि वह अपने और अपने परिवार या किसी दोस्त इत्यादि के लिए असली फूलों का प्रयोग करके कोई उपहार दे सकें। इसलिए हरियाणा स्वर्ण जयंती 31वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेेले में लोगों को इस उबासी भरी लाईफ से दूर करने के लिए उन फूलों को हाथों से तैयार किया गया है जो बड़े-बड़े शहरों में उपलब्ध नहीं होते है।
इन फूलों में गुलाब, लीली, गुजदेदी, कमल इत्यादि ऐसे फूल हैं जो हाथों से तैयार किए गए हैं। इसी प्रकार हाथ से इन फूलों के बीच पत्तियां और अन्य छोटे फूल भी तैयार किए गए हैं जो देखने में अद्भुत लग रहे हैं।
थीम राज्य झारखण्ड के रांची से आए अजय कुमार ने बताया कि वे इस मेले में पहली बार शिरकत कर रहे हैं और उनके यहां हाथों से इन फूलों को तैयार किया जाता है। उन्होंने बताया कि इन फूलों को तैयार करने के लिए हालांकि काफी समय लगता है लेकिन जब उनके फूलों को कोई खरीदता है तो उन्हें व उनके साथ लगे इस काम में लोगों को एक प्रकार का आत्मबल और आत्मनिर्भरता का एहसास होता है।
उन्होंने बताया कि उनको इस मेले मे ओपन स्टॉल की एक जगह उपलब्ध करवाई गई हैं लेकिन फिर भी लोगों की रूचि इन फूलों को देखते ही बनती हैं और लोग इन फूलों को देखकर खींचे ही चले आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि इन फूलों को देखते हुए पुरूष और महिला के साथ-साथ परिवार के सभी लोग इन फूलों को देख रहे हैं और खरीद रहे है। उन्होंने बताया कि उनकेइस स्टॉल में 20 रुपए से लेकर 40 रुपए तक के फूलों की डंडियां लोगों के लिए रखी गई है।
इन फूलों के तैयार करने के संबंध में उन्होंने बताया कि इन फूलों को कागज, कपड़ा और नेचुरल रंगों से तैयार किया जाता है और यह बहुत ही नेचुरल दिखाई देने वाले फूल होते है। उन्होंने बताया कि अभी तक तीन दिन हुए हैं और आज चौथा दिन है लेकिन अब तक वे कुल लगभग 10 हजार रूपए की बिक्री कर चुके हैं। उन्हें उम्मीद हैं कि आगामी दिनों में मेले में उनकी और अधिक बिक्री होगी।

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