मैट्रो प्लस से मोहित गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 15 जुलाई: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विश्व युवा कौशल दिवस के उपलक्ष्य में राज्य सरकार की सक्षम युवा योजना के तहत सक्षम कौशल प्रमाणन कार्यक्रम का फरीदाबाद से शुभारंभ किया। हरियाणा विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की पहल पर पायलट परियोजना के तहत शुरू किए गए कार्यक्रम को वाईएमसीए विश्वविद्यालय तकनीकी सहयोग देगा।
वाईएमसीए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से कार्यक्रम का शुभारंभ किया तथा विद्यार्थियों को संबोधित किया। कार्यक्रम में वाईएमसीए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० दिनेश कुमार, कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति राज नेहरू, जिला उपायुक्त समीर पाल सरो तथा विश्वविद्यालय व प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने 15 वर्षों के लिए विजन-2030 तैयार किया है, जिसके अंतर्गत राज्य सरकार ने उभरते क्षेत्रों में 10 लाख करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करने और 18 लाख रोजगार अवसर सृजित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने बताया कि राज्य में कौशल विकास मिशन तथा कौशल विश्वविद्यालय के माध्यम से पांच लाख युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने कहा कि राज्य में प्रतिवर्ष 2 लाख युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है और सक्षम स्किल सर्टिफिकेशन प्रोग्राम जैसे कार्यक्रम युवाओं के कौशल विकास में अहम भूमिका निभा सकते है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सक्षम स्किल सर्टिफिकेशन प्रोग्राम के पहले बैच के विद्यार्थियों के साथ संवाद किया तथा उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।
इससे पूर्व अपने संबोधन में कुलपति प्रो० दिनेश कुमार ने कहा कि यह कार्यक्रम दोनों विश्वविद्यालयों द्वारा राज्य में कौशल आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है। इस कार्यक्रम का उद्वेश्य युवाओं को रोजगार के लिए जरूरी कौशल उपलब्ध करवाने तथा उद्योग में रोजगार के लिए तैयार करना है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलपति राज नेहरू ने अवग्त करवाया कि विश्वविद्यालय की योजना इस कार्यक्रम को छह जिलों में चलाने की है, जिसमें फरीदाबाद, गुरूग्राम, कुरूक्षेत्र, हिसार, रोहतक तथा रेवाड़ी शामिल हैं। कार्यक्रम का पहला बैच, जिसका शुभारंभ फरीदाबाद से हुआ इसमें कुल 40 विद्यार्थी रहेंगे, जिन्हें दो अलग-अगल बैच में पढ़ाया जायेगा। यह पाठ्यक्रम छह माह का होगा, जिसमें तीन महीने का औद्योगिक प्रशिक्षण भी शामिल है।
विश्वविद्यालय द्वारा राज्य के विभिन्न जिलों में किए गए सर्वेक्षण तथा सक्षम युवा योजना के तहत पंजीकृत युवाओं के आंकड़ों के आकलन से तथ्य निकल कर आए है कि प्रदेश के पढ़े-लिखे युवाओं में संवाद एवं संचार कौशल का आभाव है। लगभग 43 प्रतिशत पढ़-लिखे युवा ऐसे है, जिन्हें बेहतर प्रशिक्षण दिया जाए तो वे रोजगार के लिए सक्षम बन सकते है।
उपायुक्त समीर पाल सरो ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया तथा जिला प्रशासन की ओर से विश्वविद्यालय को सहयोग का आश्वासन दिया। इस अवसर पर विद्यार्थियों को अध्ययन किट भी प्रदान की गई।
इस अवसर पर वाईएमसीए विश्वविद्यालय के डीन अकादमिकद्व डॉ० विक्रम सिंह, ट्रेनिंग व प्लेसमेंट अधिकारी डॉ० लखविन्द्र सिंह, कौशल विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ० सुनील गुप्ता, संयुक्त निदेशक कर्नल उत्कर्ष राठौड, डॉ० राज सिंह, अतिरिक्त उप-निदेशक डॉ० विक्रम बंसल तथा कार्यक्रम की समन्वयक सुश्री मीनाक्षी कौल मुख्य रूप से उपस्थित थी।

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