निजी स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबों की जगह लगाई जाती हैं निजी प्रकाशकों की महंगी किताबें
मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
चंडीगढ़, 4 फरवरी: निजी स्कूलों में निजी प्रकाशकों की महंगी किताबें लगाए जाने को लेकर पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में चल रहे मामले में स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन ने पार्टी बनाते हुए केवल एनसीईआरटी की किताबें ही पाठयक्रम में शामिल करवाने की मांग की है। इस पर हाईकोर्ट के न्यायाधीश एमएमएस बेदी की अदालत ने आगामी 21 फरवरी के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय, सीबीएसई, निदेशक प्राथमिक शिक्षा विभाग हरियाणा, माध्यमिक शिक्षा विभाग, जिला शिक्षा अधिकारी पंचकूला व स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन को नोटिस जारी किया है।
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार व कोर्डिनेटर भारत भूषण बंसल ने बताया कि निजी स्कूलों में निजी प्रकाशकों की महंगी किताबें लगाई जाती हैं, जिसके कारण अभिभावकों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है और छात्रों को भी मानसिक रूप से परेशानी उठानी पड़ रही है। बस्ते का वजन ज्यादा होने के कारण छात्रों का शारीरिक विकास पर्याप्त नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि स्कूलों में स्टेशनरी व पुस्तकें महंगे दामों पर बेची जा रही हैं। इन पर रोक लगानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि एनसीईआरटी के पाठयक्रम में सरलता से विषयों को समझाया गया है जिसमें बच्चों को पढऩे में आसानी रहती है। इस पर हाईकोर्ट ने 21 फरवरी के लिए उक्त विभागों को नोटिस जारी किया है। उन्होंने बताया कि फेडरेशन ऑफ प्राईवेट स्कूल्स वेलफेयर एसोसिएशन हरियाणा ने इस संबंध में पंजाब व हरियाणा में गत् दिनों याचिका दायर कर कहा था कि निजी स्कूलों में निजी प्रकाशकों की किताबें पाठयक्रम में शामिल करवाई जाए, क्योंकि सरकार निजी प्रकाशकों की पुस्तकें पाठयक्रम से हटवा रही है।

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