मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट।
फरीदाबाद, 10 जुलाई:
हरियाणा सरकार पिछले कुछ समय से दागी और आरोपित अधिकारियों पर नकेल कसने में लगी हुई है। इसी क्रम में आज सरकार ने ईश्वर सिंह यादव यानि आई.एस. यादव उस अधिकारी पर नकेल कसने का काम किया है जिस पर लॉकडाऊन के दौरान फ़रीदाबाद में फैक्ट्रियों को खोलने की परमिशन देने के नाम पर मोटा खेल करने के आरोप लगे थे। आई.एस. यादव नामक यह अधिकारी फरीदाबाद में जिला उद्योग केन्द्र में ज्वाईंट डॉयरेक्टर सहित एडिशनल जनरल मैनेजर, ट्रेड फेयर अथार्रिटी ऑफ हरियाणा, नई दिल्ली, लॉयसन ऑफिसर इंडस्ट्रीज, हरियाणा भवन, पई दिल्ली और जनरल मैनेजर चुनारी इम्पोरियम, नई दिल्ली के पर तैनात था जिससे कि सभी चार्ज तुरंत प्रभाव से वापिस ले लेकर उसे नूंह के अलावा रिवाड़ी का एडिशनल चार्ज दिया गया है।
जानकारों का कहना है कि जिस तरह से इस अधिकारी से इस तरीके से उससे फरीदाबाद और दिल्ली के सभी चार्ज वापिस लिए गए हैं बजाए उसका ट्रांसफर करने के, वो एक अधिकारी के लिए बहुत बेइज्जती की बात है। लेकिन सरकार ने ये कदम उठाकर एक तरह से उन अधिकारियों को उनकी औकात दिखाने का काम किया है जोकि पॉवर आने के बाद अपने से बड़ा किसी को कुछ नहीं समझते।
आरोप है कि मोटी रकम लेकर आई.एस. यादव नामक यह अधिकारी फरीदाबाद में जिला रजिस्ट्रार ऑफ फर्म एंड सोसायटी के पद पर रहते हुए गैर-कानूनी रूप से एकतरफा आर्डर करने के मामले में भी विवादों में चल रहा था। फरीदाबाद में गड़वाल वालों की एक संस्था इसका जीता-जागता उदाहरण हैं।
हालांकि आई.एस. यादव नामक इस अधिकारी द्वारा अपनी बेइज्ज्ती होने से बचने के लिए कई तरह के मिथ्या प्रचार किये जा रहे हैं।

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