वेज खाना खाने से नहीं होता पर्यावरण को नुकसान: कोल्ट
Metro Plus से Jaspreet Kaur की रिपोर्ट
Faridabad News, 2 सितंबर:
मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज के न्यूट्रिशन एंड डायटिटिक्स डिपार्टमेंट की ओर से नेशनल न्यूट्रिसन वीक मनाया जा रहा है। इस बार का थीम हर घर पोषण व्यावहार है। एक हफ्ते तक डिपार्टमेंट की ओर से अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित करवाए जाएंगे। जिनमें क्विज कॉम्पिटिशन, एक्सपर्ट टॉक, इंटर यूनिवर्सिटी रेसिपी कॉम्पिटिशन शामिल हैं। कार्यक्रम में वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी के प्रो० रेगरी कोल्ट और मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस के पूर्व स्वास्थ्य निदेशक ब्रिगेडियर डॉ० रजुल कुमार गुप्ता ने छात्रों को संबोधित किया।
प्रोफेसर रेगरी कोल्ट ने इस दौरान कहा कि विकासशील देशों में गर्भवति महिलाओं और बच्चियों अनीमिया ग्रसित होती हैं। गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक खाना जरूरी है। उन्होंने बताया कि वह वेजिटेरियन हैं क्योंकि वेज खाना खाने से पर्वायवरण को नुकसान नहीं होता है।
इस मौके पर डॉ० रजुल कुमार गुप्ता ने व्यावहार में बदलाव लाने की बात कही। उन्होंने कहा व्यावहार में बदलाव लाने से ही स्वास्थ्य में बदलाव आता है। डॉ० गुप्ता ने बताया आज के समय में व्यायाम न करना, डाइट पर ध्यान न देना, मोटापा, धूम्रपान और मदिरा का सेवन और मेंटल स्ट्रेस होने के कारण लोग बीमार पड़ रहे हैं। उन्होंने जंक फूड का उदाहरण देते हुए कहा जो चीज आपकी प्लेट पर सुंदर दिखती है वह उतनी ही सेहत के लिए हानिकारक होती है।
इस दौरान कार्यक्रम में एमआरईआई के डीजी डॉ० एनसी वाधवा, एमआरआईआईआरएस के प्रो० वीसी डॉ० एमके सोनी, डीन डॉ० नरेश ग्रोवर, डिपार्टमेंट की हेड दिव्या सांघी समेत अन्य फैकल्टी मेंबर्स और करीब 300 बच्चों ने हिस्सा लिया।

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