मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 12 मार्च:
यदि नगर निगम के संयुक्त आयुक्त की चली तो निगम के एक भाजपा पार्षद की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। पुलिस निगम पार्षद के खिलाफ सरकारी काम में बाधा पहुंचाने का मुकदमा दर्ज कर सकती है। नगर निगम के काम में अडंगा डालना उन्हें महंगा पड़ सकता है।
बता दें कि आज नगर निगम ने बीके चौक से हार्डवेयर चौक तक दुकानदारों द्वारा अपनी-अपनी दुकानों आगे किए गए अतिक्रमण को हटाने के लिए एक अभियान चलाया था। तोडफ़ोड़ दस्ते के साथ इस अभियान का नेतृत्व नगर निगम एनआईटी के ज्वाईंट कमिश्रर प्रशांत अटकान कर रहे थे। साथ में बिल्डिंग इंस्पेक्टर सुमेर सिंह और लीगल एडवाईजर सतीश आचार्य भी थे।
बकौल ज्वाईंट कमिश्रर प्रशांत अटकान, बीके से अतिक्रमण हटाता हुआ तोडफ़ोड़ दस्ता दोपहर दो बजे के करीब जब युनाईटेड पेंट्स हार्डवेयर स्टोर पर पहुंचा तो वहां वहां निगम पार्षद मनोज नासवा जोकि भाजपा से हैं, अपने साथियों के साथ वहां पहुंच गए और तोडफ़ोड़ की कार्यवाही में बाधा पहुंचाते हुए एमसीएफ यानि नगर निगम मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे। यहीं नहीं, ये लोग जेसीबी मशीन के सामने इकट्ठे हो गए तथा हाईकोर्ट के आदेशानुसार और जिला उपायुक्त कम निगमायुक्त के निर्देशानुसार उनके आदेशों के तहत की जा रही कार्यवाही को नहीं करने दे रहे थे। श्री अटकान के मुताबिक निगम पार्षद मनोज नासवा और अन्य के विरोध और सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के चलते उनकी तोडफ़ोड़ और सीलिंग की कार्यवाही अधूरे में रोकनी पड़ गई।
इसलिए बकौल ज्वाईंट कमिश्रर प्रशांत अटकान ने इस मामले में सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के आरोप में निगम पार्षद मनोज नासवा और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए पुलिस को लिखित शिकायत की है। इस शिकायत की कॉपी उन्होंने निगमायुक्त सहित डीसीपी एनआईटी, एसीपी हेडक्वार्टर आदि को भी डिमोलेशन रिपोर्ट और फोटोग्राफ के साथ भेजी है।
अब देखना यह है कि इस मामले में भाजपा पार्षद मनोज नासवा आदि के खिलाफ एफआईआर दर्ज होती है या नहीं?

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