मैट्रो प्लस से महेश गुप्ता की स्पेशल रिपोर्ट
फरीदाबाद, 20 अप्रैल: युवा एडवोकेट अंकुर गोंसाई ने एक ऐसे मामले से एक व्यक्ति को बाईज्जत बरी करवाया है जिसमें पुलिस ने पीत को फंसाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी थी। पुलिस ने कैसे इस केस में सांप को रस्सी और रस्सी को सांप बनाया है, यह थाना कोतवाली में दर्ज इस मुकदमे में देखने को मिला। वो बात अलग है कि इस एडवोकेट अंकुर गोंसाई ने इस बहुचर्चित आत्महत्या कांड में चार्ज लगने से पहले ही तथ्यों के आधार पर जोरदार बहस कर आत्महत्या केस के आरोपी गुरप्रीत सिंह उर्फ विक्की को कोर्ट से बाईज्जत बरी करवा दिया। यह केस अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कुमुद गुगनानी की कोर्ट में विचाराधीन था।
गौरतलब है कि एनआर्ईटी फरीदाबाद में थाना कोतवाली के अंर्तगत एन.एच.-1 में पिछले साल 31 मार्च, 2018 में घर में काम करने वाली एक 14 वर्षीय नाबालिग लड़की सीमा उस घर में पंखे से लटकी मिली थी जहां वह काम करती थी। इस पर पुलिस ने सीमा की मां भगवती के बयान पर घर के मालिक गुरप्रीत उर्फ विक्की के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 तथा पोस्को एक्ट के तहत एफआईआर न.-188 दर्ज की थी। जब मृतका सीमा की पोस्टमार्टम तथा एफएसएल रिपोर्ट में हत्या तथा रेप की पुष्टि न हुई तो दिसंबर-2018 में पुलिस ने केस की धाराएं बदलते हुए फिर आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा लगाकर गुरप्रीत उर्फ विक्की को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उस पर आईपीसी की धारा 306 व 79 जेजे एक्ट के तहत चार्जशीट दायर कर दी। पीडि़त इस मामले में पिछले करीब चार महीने से जेल में बंद था |
इस मामले में पीडि़त विक्की की ओर से युवा अधिवक्ता अंकुर गोंसाई ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कुमुद गुगनानी की अदालत में उसकी पैरवी कर चार्ज लगाए जाने के दौरान तथ्यों के आधार पर जोरदार बहस कर पुख्ता सबूतों साथ कोर्ट को सारी वस्तुस्थिति से अवगत कराया।
अदालत ने अंकुर गोंसाई द्वारा बचाव पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद आरोपी पर चार्ज लगाने से इंकार करते हुए आरोपी गुरप्रीत सिंह को मुकदमे से ही दोषमुक्त करके बाइज्जत बरी कर दिया। कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करते हुए गुरप्रीत सिंह उर्फ विक्की के परिवारवालों ने कोर्ट का आभार जताया है।

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