मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 17 अप्रैल: जिला प्रशासन की लापरवाही कहिए या किस्मत! कई वकीलों की जान जाते-जाते बच गई। वो तो शुक्र है भगवान का कि वकील कोर्ट की छुट्टी होने के कारण अपनी-अपनी सीट पर नहीं थे वरना बहुत बड़ा हादसा होता और कई वकील काल का ग्रास बन जाते।
हुआ यूं कि कल शाम को आंधी-बरसात के कारण मौसम खराब था। इसी खराब मौसम के कारण कल शाम को जिला अदालत परिसर में कई पेड़ टूट-टूटकर वकीलों की सीटों पर जा गिरे। आलम यह था कि जहां पेड़ों के पास खड़ी कई दीवारें भी टूट गई वहीं दर्जनभर से ज्यादा वकीलों के शैड भी टूट गए और उनका फर्नीचर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। वो तो कोर्ट में प्रेक्टिस करने वाले वकीलों की किस्मत दो कारणों के चलते इसलिए अच्छी थी। पहली तो यह कि यह हादसा दिन की बजाए शाम के वक्त उस समय हुआ जब वकील अपने शैड/सीट पर नहीं होते और दूसरे इसलिए कि कोर्ट की कई दिनों से छुट्टी चल रही थी जिस कारण एडवोकेट कोर्ट में नहीं आ रहे थे, वरना बहुत बड़ा हादसा हो सकता था।
सैक्टर-12 अदालत परिसर में प्रेक्टिस करने वाले वकील इस भयानक हादसे के लिए जिला प्रशासन को जिम्मेवार बताकर उनके खिलाफ कार्यवाही करने की बात कह रहे हैं जिन्होंने कि समय रहते इस ओर ध्यान ही नहीं दिया। वकीलों का कहना था कि उन्होंने अदालत परिसर में से कमजोर और क्षतिग्रस्त पेड़ों को हटाने के लिए कई दिनों पहले जिला उपायुक्त के सामने अपनी शिकायत दर्ज करवाई थी, लेकिन उन्होंने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। यदि समय रहते जिला उपायुक्त उनकी शिकायत पर कार्यवाही कर देते तो आत यह नौबत नहीं आती। वो भगवान उन पर मेहरबान था कि कोर्ट की छुट्टी थी कि वो अपनी सीटों पर नहीं थे वरना बहुत बड़ी अनहोनी हो सकती थी।
अब चूंकि कल कोर्ट खुलनी है तो हो सकता है जिला बार एसोसिएशन और एडवोकेट इस मामले में कोई बड़ा कदम उठाएं।

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