ऋचा गुप्ता
फरीदाबाद, 11 अप्रैल: सिद्वपीठ महारानी वैष्णोदेवी मंदिर में नवरात्रों के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की भव्य अराधना की गई। मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया ने भक्तों के साथ पूजा अर्चना में हिस्सा लिया। इस अवसर पर सैंकड़ों भक्तों की मौजूदगी में मंदिर संस्थान के सभी पदाधिकारी उपस्थित थे। इस अवसर पर मंदिर के पुजारी ओम प्रकाश ने भक्तों को बताया कि तीसरे दिन की पूजा का अत्यधिक महत्व है और इस दिन इन्हीं के विग्रह का पूजन अराधन किया जाता है। इस दिन साधक का मन मणिपुर चक्र में प्रविष्ठ होता है। मां चंद्रघंटा की कृपा से अलौकिक वस्तुओं के दर्शन होते हैं, दिव्य सुगंधियों का अनुभव होता है तथा विविध प्रकार की दिव्य ध्वनियां सुनाई देती हैं। ये क्षण साधक के लिए अत्यंत सावधान रहने के होते हैं। मां का यह स्वरूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है। इनके मस्तक में घंटे के आकार का अर्धचंद्र है, इस कारण से इन्हें चंद्रघंटा देवी कहा जाता है। इनके शरीर का रंग स्वर्ण के समान चमकीला है। इनके दस हाथ हैं और इनके दस हाथों में खड्ग आदि शस्त्र तथा बाण आदि अस्त्र विभूषित है। इनका वाहन सिंह है इनकी मुद्रा युद्व के लिए उद्यत रहने की होती है। मां चंद्रघंटा की कृपा साधक के समस्त पाप और बाधाएं विनष्ट हो जाती हैं, इनकी अराधना स्वत: फलदायी है। उन्होंने बताया कि मां चंद्रघंटा की सच्चे मन से पूजा करने वाले भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस अवसर पर मंदिर में आयोजित पूजा अर्चना में संस्थान के चेयरमैन प्रताप भाटिया, महामंत्री इंद्रजीत सब्बरवाल, कोषाध्यक्ष गिर्राजदत्त गौड़, बसंत कालड़ा, फकीरचंद कथूरिया, सुरेंद्र गेरा, एसपी भाटिया, बृज भाटिया, धीरज, राजीव शर्मा, सतीश भाटिया,, अनिल भाटिया, बालकराम कथूरिया, दिनेश भाटिया, राहुल मक्कड़, नेतराम गांधी, किशन धवन, अनिल ग्रोवर, राहुल उपाध्याय एवं प्रीतम धमीजा मुख्य रूप से उपस्थित थे।
01

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *