मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 18 जुलाई:
क्षेत्र के विभिन्न औद्योगिक संगठनों के सांझे मंच कंफरडेशन ऑफ फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने हाल ही में हरियाणा सरकार द्वारा निजी क्षेत्र में नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। कंफरडेशन के एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने इस संबंध में आज यहां केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर से भेंट कर उन्हें ज्ञापन सौंपकर इस संबंध में उद्योगहित में प्रभावी पग उठाने का आग्रह किया। इस प्रतिनिधिमंडल में फरीदाबाद चैम्बर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रधान एचके बत्तरा, महासचिव आशीष जैन, लघु उद्योग भारती के रविभूषण खत्री, DLF इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान जेपी मल्होत्रा, फरीदाबाद IMT एसोसिएशन के प्रधान वीरभान शर्मा, फरीदाबाद स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के विराट सरीन सहित सर्वश्री एमपी रूंगटा, अरूण बजाज, आरपी गुप्ता, एनके अरोड़ा शामिल थे।
उल्लेखनीय है कंफरडेशन ऑफ फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन फरीदाबाद में कार्यरत फरीदाबाद चैम्बर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज, लघु उद्योग भारती, डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, फरीदाबाद आईएमटी इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, फरीदाबाद स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन का सांझा मंच है।
इस प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय राज्यमंत्री के समक्ष सरकार के 75 प्रतिशत आरक्षण के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते कहा कि हरियाणा में समृद्ध लोग रहते हैं और यहां प्रति व्यक्ति आमदनी उद्योगों में मिलने वाले न्यूनतम वेतन से अधिक है। कहा गया है कि इसके साथ-साथ अन्य कारणों से भी प्रदेश का युवा वर्ग न्यूनतम वेतन पर नौकरी करने को तैयार नहीं है। यही नहीं, आरक्षण संबंधी निर्णय एक राष्ट्र एक नीति, आत्मनिर्भर भारत, अनेकता में एकता, ईज ऑफ डुईंग बिजनेस और विदेशी प्रत्यक्ष निवेश में सुधार संबंधी नीतियों व योजनाओं के विरूद्ध है।
प्रतिनिधिमंडल ने स्पष्ट किया कि उद्योग प्रबंधक स्थानीय युवकों को रोजगार देने के पक्ष में हैं। परंतु यह रोजगार उनकी योग्यता के आधार पर प्रदान किया जाना चाहिए, इसके साथ ही जमीनी तौर पर स्किल डेवलपमैंट सैंटर स्थापित किये जाने चाहिएं जहां युवा वर्ग को ट्रेनिंग मिल सके व उन्हें रोजगार के लिये तैयार किया जा सके। प्रतिनिधिमंडल ने इसके साथ ही डाटा बैंक तैयार करने का आग्रह भी किया जिसमें स्किल्ड युवकों को शामिल करने का सुझाव दिया गया।
प्रतिनिधिमंडल ने आग्रह किया कि भर्ती संबंधी निर्णय को उद्योगों के स्वाधिकार पर ही रखा जाना चाहिए ताकि उन लोगों को रोजगार में प्राथमिकता मिल सके जो स्किल्ड हैं। कहा गया कि क्रेडिट, इंफ्रास्ट्रक्चर और सेल्फ सर्टिफिकेशन इत्यादि के संबंध में उद्योग हित में निर्णय लिया जाना चाहिए।
प्रतिनिधिमंडल के साथ संयमपूर्ण बातचीत करते हुए श्री गुर्जर ने विश्वास दिलाया कि वे हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल तक ज्ञापन को पहुंचाएंगे और इस संबंध में जो संभव सहयोग हो सकेगा किया जाएगा।
प्रतिनिधिमंडल ने यह भी आग्रह किया कि ऐसे किसी भी निर्णय से पूर्व स्टेक होल्डर्स के साथ बातचीत की जानी चाहिए और उनसे सुझाव लिये जाने चाहिए। कहा गया कि नीति को विकासोन्मुखी होना चाहिए और उसमें किसी भी प्रकार की प्रताडऩा का प्रावधान नहीं होना चाहिए। प्रतिनिधिमंडल ने विश्वास व्यक्त किया कि सरकार इस संबंध में उद्योगहित में निर्णय लेगी और इससे पूर्ण व्यवस्था को लाभ ।

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