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फरीदाबाद, 18 अक्टूबर (जस्प्रीत कौर): आज इंसान परमात्मा की खोज के लिए कहां-कहां भटक रहा है। सभी अपनी भावनाओं के अनुरूप उसे पाने का प्रयत्न करते है, लेकिन वह तो एक है। वह अजन्मा है, सर्वोच्च है, सर्वमान्य है, दाता है। कहा भी जाता है कि हम सब एक ही परमात्मा की संतान है।
बीके पूनम बहन ने इन सबकी व्याख्या करके परमात्मा का सत्य परिचय कराया। अपने सत्य पिता का परिचय पाकर सभी साधकों की आंखे छलक उठी मानो एक खोए हुए पुत्र को बहुत समय बाद अपने पिता के मिलन का सुख सानिध्य प्राप्त हुआ। अलविदा तनाव शिविर के छठे दिन का यह आलौकिक दृश्य था क्योंकि आज था आत्मा का परमात्मा से मिलन।
पूनम बहन ने मेडिटेशन के द्वारा परमात्मा से सभी को सीधे बातचीत करवाई जिसमें साधकों को ऐसा महसूस हो रहा था कि मानों भगवान से बातें करके उनके जन्म-जन्म की थकान दूर हो गई हो, उनमें एक नए आत्मविश्वास ऊर्जा शक्ति का संचार हो गया, प्रभु के खजानों को पाकर वह भरपूर हो गए। आज उन्हें ऐसा लगा कि उनका सारा बोझ किसी परमशक्ति ने हर लिया हो।
सभी का दिल कह उठा वाह ऐसा आलौकिक मिलन परमात्मा से होगा कभी स्वप्न में भी नही सोचा था। आत्मा परमात्मा के मिलन का यह अद्भुत नजारा देख स्वर्ग के देवता भी खुश हो रहे थे और उन्होंने सभी साधकों पर गुलाब के फूलों की वर्षा की। यही था आज के आनंद उत्सव का नजारा और सभी ने एक साथ मिलकर गीत गाया झूम रहा, झूम रहा मेरा मन वाह मेरा भाग्य मुझे मिला भगवान।

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