मैट्रो प्लस से जस्प्रीत कौर कि रिपोर्ट
फरीदाबाद, 3 मई: फरीदाबाद शहर का नाम पूरे विश्व पटल पर दूसरा सबसे प्रदूषित शहर की गिनती में आने के बाद से पूरा फरीदाबाद शहर सक्ते में है, जिसमें अहम भागेदारी छोटी-छोटी अवैध रूप से जहरीला प्रदूषण हवा में घोलती फैक्टरियों का भी है, इन फैक्टरियों के मालिक अब गांवो की तरफ कूच करने लगे हैं। ये लोग बिना किसी परमिशन के इनको चलाने का काम करते है, साथ ही सरकार व अधिकारियों की आंखों में धूल झोंकने का भी काम करते हैं किन्तु प्रदूषित शहरों में विश्वपटल पर दूसरा स्थान प्राप्त फरीदाबाद के प्रदूषण बोर्ड के अधीकारी अब सख्ती से निपटते हुए दिखाई दिए।
इसके चलते अनुज भाटि ने बताया कि जिसका उदाहरण गांव सागरपुर में देखने को मिला। आपको ज्ञात हो कि सागरपुर से मलेरना को जाने वाली सड़क पर गोसाईं पैकिंग नामक एक फैक्ट्री अवैध रूप से चलती हुई अधिकारियों को पाई गई, जिसको पॉल्युशन बोर्ड फरीदाबाद के अधिकारियों द्वारा तुरन्त प्रभाव से सख्ती दिखाते हुए उसको सील कर दिया गया। उन्होंने बताया कि ये कार्यवाही लगातार जहरीले प्रदूषण को झेल रहे आस-पास के ग्रामीणों व गांव सागरपुर के ग्रामीणों की लगातार शिकायत पर हुई। प्रदूषण इतना बड़ रहा था, कि आस-पास के लगते गांव जैसे सागरपुर, सुनपेड़, मलेरना, साहूपुरा, जैसे शुद्व वायु वाले गांवो को बिल्कुल ही जहरीला बनाने में ज्यादा दिन बाकी नहीं थे। ग्रामीणों की शिकायत पर प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी आकांक्षा तंवर की अध्यक्षता में एक टीम ने इस अवैध फैक्ट्री को बंद करके एक बड़ी कार्यवाही की। एक युवा ग्रामीण शिकायतकर्ता उद्य सोरौत से बात करने पर पता चला कि इस फैक्ट्री से इतना जहरीला धुआं निकलता था कि ग्रामीणों व आस-पास के लोगो को सांस लेने खासी दिक्कत आ रही थी।
अनुज भाटि ने बताया कि ये अवैध फैक्ट्री थर्मिकोल जैसी कुछ वस्तु बनाती थी, जिससे बेहद ही गन्दा व जहरीला धुंआ निकलता था। इसकी शिकायत पहले भी ग्रामीण कई बार कर चुके हैं और सोरौत ने बताया कि इस तरह की जितनी भी अवैध फैक्ट्री हैं उन सभी को तुरन्त प्रभाव से बंद कराया जाना चाहिए ताकि फरीदाबाद शहर प्रदूषण के मामले में आए दिन नए रिकाड्र्स कायम ना कर सके और हम व हमारी आने वाली नई पीढ़ी को प्रदूषण की मार न झेलनी पड़े।

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