मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 25 मार्च: स्कूल प्रबंधकों ने एक अप्रैल से शुरू हो रहे नए शैक्षणिक सत्र 2019-20 में स्कूल फीसों में काफी बढ़ोतरी कर दी है। यही नहीं अभिभावकों को अपने स्कूल में खुली दुकानों या अपनी बताई गई दुकानों से ही एनसीईआरटी की जगह प्राइवेट पब्लिशर्स की किताबों के सेट महंगे दामों में अभिभावकों को जबरदस्ती खरीदने के लिए विवश किया जा रहा हैं।
इसलिए ऐसे अभिभावकों को मंच ने बताया है कि सीबीएसई व शिक्षा विभाग के निर्देशों के विपरीत सभी निजी स्कूलों में किताब, वर्दी, जूते, जुराब आदि की दुकानें खुली हुई हैं। नर्सरी के.जी. क्लास के बच्चों को चार से पांच हजार रूपए का किताब-कॉपी का सैट जबरदस्ती दिया जा रहा है। स्कूल प्रबंधकों द्वारा प्रकाशकों से मोटा कमीशन खाने के चक्कर में गैर जरूरी किताबें लगा दी गई हैं। अभिभावकों को प्रिंट रेट पर किताब-कॉपी दी जा रही हंै। जबकि यही किताबें प्रकाशन सेंटर से 50 प्रतिशत डिस्काउंट पर खुलेआम उपलब्ध हैं। मंच का कहना है कि स्कूलों में किताब-कॉपी, वर्दी की दुकान खोलना या किसी खास दुकान से किताबें खरीदने को कहना हुडा, सीबीएसई, शिक्षा विभाग के नियमों का उल्लंघन है।
हरियाणा अभिभावक एकता मंच के जिला अध्यक्ष एडवोकेट शिवकुमार जोशी व जिलासचिव मनोज शर्मा ने अभिभावकों से कहा है कि बिना अभिभावक एसोसिएशन की सहमति से बढ़ाई गई फीसों का वे विरोध करें और गैर-जरूरी किताब व कॉपी के सैट न खरीदें। अगर स्कूल प्रबंधक उन्हें परेशान करते है तो वे मंच के जिला कार्यालय लायर्स चैम्बर 56, जिला कोर्ट फरीदाबाद में दोषी स्कूलों के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
मंच ने जिला शिक्षा अधिकारी व जिला उपायुक्त से कहा है कि वे स्कूल प्रबंधकों से सीबीएसई, शिक्षा नियमसवली व हुडा विभाग के सभी नियमों का पालन कराएं और जो स्कूल प्रबंधक छात्र व अभिभावकों के साथ लूट खसोट व मनमानी कर रहे हैं, उनके खिलाफ उचित कार्यवाही करें।

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