मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 25 जुलाई: एक बेटी ने अपने बाप की करतूतों को लेकर मुंह क्या खोला उसकी तो जान पर ही बन आई है। उसे अपनी मां व भाई के साथ अब अपनी जान व इज्जत बचानी भारी पड़ रही है। उसे घर से बाहर निकलने में भी 10 बार सोचना पड़ता है। लेकिन पुलिस है कि कुछ करने को ही तैयार नही है। जी हां, हम बात कर रहे है अपनी छोटी बेटी ही देह व्यापार करवाने की कोशिश करने तथा उससे छेड़छाड़ करने आदि के आरोप में कानूनी रूप से फरार चल रहे अजीत सिंह भाटिया व उसके भाई व भतीजों की जिसको पुलिस ना जाने क्यों गिरफ्तार नहीं कर रही है।
मुकदमा दर्ज होने के 21 दिन बाद तथा अग्रिम जमानत याचिका के खारिज हो जाने के एक सप्ताह यानि 7 दिन बीत जाने पर भी पुलिस ने ना तो बेटी से छेड़छाड़ के आरोपी अजीत सिंह भाटिया को गिरफ्तार किया है और ना ही मारपीट की धमकी देने वाले आरोपी अजीत सिंह भाटिया के बड़े भाई सुरेन्द्र व भतीजों रूबी तथा सैमी को। इस गंभीर मामले में पुलिस ने अभी तक अदालत में चार्जशीट भी दाखिल ना कर मुख्यमंत्री के आदेशों का भी मजाक उड़ाया है। ध्यान रहे कि पिछले दिनों हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सार्वजनिक घोषणा की थी कि पुलिस बलात्कार के मामलों में एक महीने तथा छेडख़ानी के केस में 15 दिनों के अंदर अपनी चार्जशीट दाखिल करेगी। लेकिन इस मामले में ऐसा कुछ नही हो रहा है।
गौरतलब रहे कि एनआईटी क्षेत्र के एन.एच.-5के ब्लॉक में रहने वाले अजीत सिंह भाटिया की छोटी बेटी ने अपने बाप के खिलाफ ही पुलिस में उसे देह व्यापार करवाने की कोशिश करने तथा उससे छेड़छाड़ करने आदि के आरोप में अपने बाप अजीत सिंह भाटिया तथा उसके बड़े भाई सुरेन्द्र व भतीजों रूबी तथा सैमी आदि के खिलाफ आईपीसी की धारा 323, 34, 354, 354ए, 506 तथा आर्मस एक्ट 27, 54 व 59 के तहत मुकदमा नंबर 26 दर्ज करवाया था। इस मुकदमे मेें ही राहत पाने के लिए आरोपी बाप अजीत सिंह भाटिया ने गत् 11 जुलाई को सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका (फाईलिंग नंबर 2509/2018) लगाई थी जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर 2509/2018 दिनांक 11-07-2018 है। इस मामले में पुलिस ने जो हालात मुकदमा अदालत में दिया था वो अक्षरश: इस प्रकार है:-
मुकदमा की तफ्तीश W/HCसी रेनू महिला थाना ने अमल में लाई। मौका मुलाहजा किया गवाहन के बयान लिखे। मुदईया ……… के ब्यान 164 सीआरपीसी करवाये गऐ। और मुकदमा हजा में ACP साहब से तस्दीक करवाना बकाया है। आरोपी अजीत ने अपने लाईसेन्स पिस्टल से जान से मारने की धमकी दी है। जिसके पिस्टल बरामद करनी है। वा अपनी लड़की ……..से देह व्यापार में धकेलना चाहता था और बार-2 दबाव बनाता रहा है। आरोपी अजीत व सुरेन्द्र व भतीजा रूबि व समी ने भी मारपीट की धमकी दी है जिनकी गिरफ्तारी बकाया है। लिहाजा अजीत सिंह की इन हालातों में तमानत नही ली जाये। अगर जमानत ली तो मुदईया व उसके परिवार को खतरा बढ़ जायेगा। और कोई घटना घट सकती है।
इस मामले में बुधवार, 18 जुलाई 2018 को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश कंचन माही की अदालत में सुनवाई हुई और दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद माननीय अदालत ने आरोपी बाप अजीत सिंह भाटिया को कोई राहत ना देते हुए उसकी अग्रिम जमानत याचिका रद्द कर दी। केस में आरोपी पक्ष अजीत सिंह भाटिया की तरफ से मामले की पैरवी एडवोकेट एल.एन. पाराशर ने की थी जबकि पीडि़ता पक्ष की तरफ से अग्रिम जमानत याचिका का विरोध एडवोकेट दीपक गेरा तथा सरकारी वकील जगदीश शर्मा ने किया था।
आरोपी बाप अजीत सिंह भाटिया की अग्रिम जमानत याचिका को डिसमिस हुए आज पूरा एक सप्ताह बीत चुका है लेकिन पुलिस ने अभी तक किसी भी आरोपी को ना तो गिरफ्तार किया है और ना ही अदालत में चार्जशीट दाखिल की है।
इधर आरोपी अजीत सिंह भाटिया परिवार पीडि़ता पक्ष पर राजीनामा करने के लिए जहां तरह-तरह के दबाव बना रहा है वही पीडि़ता को डराने के लिए रोजाना उसकी गली में चक्कर भी काट रहा है। और पुलिस है कि इस मामले में आरोपियों को गिरफ्तार ही नहीं कर रही है। बावजूद इसके कि यह मामला पुलिस कमिश्रर अमिताभ सिंह ढिल्लों के आदेशों के बाद दर्ज हुआ है।
इस मामले में आज पीडि़ता ने डीसीपी एनआईटी नितिका गहलोत से मुलाकात कर अपना दर्द व सारी बातें ब्यां की हैं जिस पर उन्होंने इस मामले में एचित कानूनी कार्यवाही करने का आश्ववासन दिया है। वहीं केस को लेकर जब जांच अधिकारी रेणू, महिला थाना प्रभारी सुशीला तथा डीसीपी एनआईटी नितिका गहलोत को फोन मिलाया तो किसी ने भी फोन नहीं उठाया। -क्रमश: 

पुलिस ने मुख्यमंत्री के आदेशों का उड़ाया मजाक, खुलेआम घूम रहा है छेड़छाड़ व देह व्यापार में धकेलने की कोशिश करने वाला आरोपी बाप




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