मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 5 मार्च: पहले तो पुलिस बल की सहायता से अवैध निर्माणों को तोड़कर निगम प्रशासन द्वारा वाह-वाही लूटी जाती है और फिर उसी अवैध निर्माणकर्ता से चंद निगम अधिकारियों द्वारा मुंहमांगी मोटी रकम लेकर उससे बनने दिया जाता है। बाद में बताया जाता है कि उनकी दुकान/शोरूम तो 20 साल पुराना है। ऐसा आखिर क्यों? वो बात अलग है कि निगमायुक्त अनीता यादव ने जब से यहां का कार्यभार संभाला है, तब से उन्होंने झांसी की रानी की तरह अवैध निर्माणों के खिलाफ झंडा बुलंद करते हुए उन पर जेसीबी का पंजा चलवा रखा है। एनआईटी में आज भी हुई भारी तोडफ़ोड़ इसका जीता-जागता प्रमाण है।
अब हम बात करते हैं ऐसे कुछ अवैध निर्माणों की जोकि निगम के तोडफ़ोड़ दस्ते ने पहले तो तोड़ दिए और अब उन पर बिना किसी रोक-टोक के निर्माण चल रहा है।
अवैध निर्माण नंबर-1:-
ऐसा ही पहला एक वाक्या यहां सैक्टर-9/10 डिवाईडिंग रोड़ पर सैक्टर-10 हाऊसिंग बोर्ड में प्लॉट नं-170 में देखने को मिल रहा है। आज से करीब तीन महीने पहले तत्कालीन निगमायुक्त मो. शाईन के आदेश पर तोडफ़ोड़ विभाग के तत्कालीन एसडीओ ओ.पी. मोर ने हाऊसिंग बोर्ड के उक्त रिहायशी प्लॉट पर बन रही बेसमेंट को अवैध बताकर उसके लैंटर पर जेसीबी का पीला पंजा चलाकर तोड़ दिया था और अखबारों में तोडफ़ोड़ की खबरें छपवा जमकर वाह-वाही लूटी गई थी। और अब जब हाईकोर्ट के आदेश पर सैक्टर-9/10 डिवाईडिंग रोड़ पर हॉऊसिंग बोर्ड के रिहायशी प्लॉटों पर चल रहे कॉर्मशियल संस्थानों को गत् 12 फरवरी को सील किया जा रहा था तो देखने को मिला कि उसी प्लॉट पर जिसको निगम प्रशासन ने तीन-चार महीने पहले तोड़ा था, वहां बहुमंजिला कॉमर्शियल ईमारत खड़ी है। हालांकि 12 फरवरी को नगर निगम के एडिशनल कमिश्रर रोहताश बिश्नोई ने उस ईमारत को एक पट्टी से सील तो करवा दिया पर सवाल यह उठता है कि आखिर इतना बड़ा निर्माण वहां कैसे हो गया। क्या किसी निगम अधिकारी की नजर वहां नहीं पड़ी या फिर उनकी नजर को अवैध निर्माणकर्ता ने नोटों की चकाचौंध से ढक दिया। वास्तव में हुआ भी ऐसा ही था। विश्वनीय सुत्रों की मानें तो उक्त अवैध निर्माणकर्ता से निगम के तोडफ़ोड़ विभाग के तीन संबंधित अधिकारियों की एक मोटी डील (जोकि 15 से 18 लाख के बीच की बताई जा रही है) हुई जिसके बाद उक्त अवैध निर्माण आज तक भी सील होने के बावजूद बदस्तुर जारी है। वो बात अलग है कि उक्त कॉमर्शियल बहुमंजिला ईमारत के आगे टीन की चद्दरों की दीवार जिसको कि निगम ने सील किया था, के साईड में टीन के गेट को खोलकर वहां आज भी मजदूर काम करते करते किसी भी समय देखे जा सकते हैं। फोटो में आज के ताजा सीन है जहां मजदूर अभी भी टॉप फ्लोर पर नीचे से सरिए खींचते दिखाई दे रहे हैं। ऐसा तो वहां जब हो रहा है जब हाईकोर्ट के आदेशों पर नगर निगम सैक्टर-9/10 डिवाईडिंग रोड़ पर हॉऊसिंग बोर्ड व डीएलएफ के रिहायशी प्लॉटों पर चल रहे कॉर्मशियल संस्थानों को सील कर चुका है। बावजूद इसके अवैध निर्माणकर्ता का हौंसला है कि वो लगातार निर्माण किण् जा रहा है।
अवैध निर्माण नंबर-2:-
दूसरा वाक्या है बल्लभगढ़ जोन के अंर्तगत चावला कॉलोनी के 40 फीट रोड पर मस्ताना चौक से 60 फीट रोड के मोड़ तक ही 500 मीटर के दायरे में हो रहे अवैध निर्माणों का जिनमें कि बेसमेंट बनाकर कमर्शियल बिल्डिंग बनाई जा रही है। जानकारी के मुताबिक निगमायुक्त अनीता चीफ इंजीनियर डी.आर. भास्कर के आदेशों के बावजूद भी सी-11 ऋषि नगर, चावला कॉलोनी में अभी भी बिना कोई नक्शा पास कराए अवैध निर्माण चल रहा है। हालांकि दिखावे के लिए उक्त अवैध निर्माण पर 25 फरवरी को निगम का तोडफ़ोड़ दस्ता गया था लेकिन वहां से थोड़ी सी ईंट-डस्ट अदि उठाकर खानापूर्ति के लिए काम रूकवाकर आ गया था जोकि उनके जाने के बाद ही फिर से शुरू हो गया था। सुत्रों की माने तो अवैध निर्माणकर्ता से तोडफ़ोड़ दस्ते की सैटिंग हो गई थी जिसके बाद वो वहां से बिना तोडफ़ोड़ करे वापिस चला गया था। अब उसी अवैध निर्माण पर कल-परसों में उस हिस्से में ग्राऊंड फ्लोर पर दुकान खुलने जा रही है (बोर्ड लग चुका है) जिसको कि कुछ समय पहले एसडीओ वीरेन्द्र पाहिल के समय में उनसे सांठगांठ करके कच्ची दीवार खड़ी कर कमरे का रूप दे दिया गया था। इस मामले में उस समय बल्लभगढ़ जोन के तत्कालीन संयुक्त आयुक्त अमरदीप जैन ने सी-11, ऋषि नगर, चावला कॉलोनी में ही बनी बेसमेंट को अस्थायी तौर पर मिट्टी से भरवाने की गलत रिपोर्ट सीएम विंडो में भेजी थी जो मामला कि अभी भी सीएम विंडो में विचाराधीन है।


अब देखना यह है कि निगम एरिया में अब तक दर्जनों अवैध निर्माणों को धूल में मिलाकर चार अधिकारियों को सस्पेंड कर चुकी निगमायुक्त अनिता यादव का इन अवैध निर्माणों पर क्या रूख होगा। या फिर तोडफ़ोड़ के अधिकारी अपने आर्थिक फायदे के लिए उनको मिस गाईड कर अपना खेल खेलते हैं।                          -क्रमश:

METRO PLUS
Newspaper : Online News Portal: Magazine
www.metroplus.online
शहर में किसी भी अवैध निर्माण या गैर-कानूनी कार्यवाही की आवाज को बुलंद करने व जनहित में शासन-प्रशासन तक पहुंचाने के लिए संपर्क करें।
M. 9811165707

 

 

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *