मैट्रो प्लस
फरीदाबाद, 8 मई (नवीन गुप्ता): हरियाणा प्रोगे्रसिव स्कूल एसोसिएशन (एचपीएससी) के जिला अध्यक्ष सुरेश चंद्र का कहना है कि एक समय था जब सरकारी स्कूलों का स्तर अच्छा होता था। आजादी के बाद की दो पीढिय़ों ने सरकारी स्कूलों से पढ़कर ही अपना स्वर्णिम भविष्य निर्माण किया। किन्तु बढ़ते राजनैतिक दखल, तंत्र में अच्छे शिक्षकों की अनदेखी, शीर्ष स्तर पर शिक्षाविदों के स्थान पर नौकरशाहों के आगमन, स्थानीय स्तर पर कामचोरों को राजनैतिक संरक्षण एवं भ्रष्ट तथा विवेक शून्य शिक्षा अधिकारियों की फौज ने सरकारी विद्यालयों को रसातल में पहुंचा दिया। जनता के हजारों करोड़ रुपये के खर्च से जो तंत्र चलता है और जिनके आधार पर उनकी रोजी-रोटी और शान-शौकत चलती हैं उनमें अपने बच्चों को भेजने के बारे में यह वर्ग सोच भी नहीं सकता।
सुरेश चंद्र का कहना है आज विचारणीय प्रश्न यह है कि जिन प्रवृत्तियों के चलते सरकारी शिक्षा रसातल में गई, वही प्रवृत्तियां आज प्राइवेट विद्यालयों को डसने की ओर अग्रसर हैं। खण्ड व जिला स्तरों के कार्यालयों में बैठे शिक्षा अधिकारियों एवं राजधानी के निदेशालय में बैठे नौकरशाहों को यह बात हजम नहीं हो रही कि प्राइवेट स्कूलों का प्रशासन उनके इशारों पर क्यों नहीं नाचता। बस यही बात उन्हे घुन की तरह खाए जाती है और इसी कारण पिछले पांच वर्षों से हरियाणा में प्राइवेट स्कूलों में सरकार की दखलअंदाजी बढ़ती जा रही है। सिफारिशों से दाखिले, सिफारिशों से नियुक्तियां, सरकारी कार्यक्रमों में मनमाने ढंग से छात्रों, अध्यापकों का समय बर्बाद करना, स्कूलों के भवनों, वाहनों का मनमाने तरीके से अधिग्रहण इस दखलअंदाजी के जीवंत नमूने हैं। नम्बर एक और नम्बर दो की खातिरदारी इससे अलग है।
उनके मुताबिक रही सही कसर धारा 134ए ने पूरी कर दी है। गरीब बच्चों के दाखिले के नाम पर तथाकथित शिक्षा अधिकारियों के हाथ में स्कूलों को हड़काने का चाबुक थमा दिया गया है। मनमर्जी से शिक्षा अधिकारी स्कूलों में घूम-घूम कर नया इंस्पैक्ट्री राज कायम करने में मशगूल है। अभी देखते जाइए जैसे-जैसे मई में तापमान बढेगा, सरकारी मास्टर स्कूलों की छुट्टी की बाट जोहने लगेंगे और जैसे ही निदेशालय की घोषणा होगी तमाम शिक्षा अधिकारी घूम-घूम कर इस हुक्म की तामील में जुट जाएंगे और पक्का बंदोबस्त करेंगे कि कोई प्राइवेट स्कूल बच्चों को पढ़ाने की हिमाकत न कर पाए।
सुरेश चंद्र ने कहा कि कैसा दुर्भाग्य है कि सरकारी स्कूलों की दुर्दशा बयान करती इलाहाबाद हाइकोर्ट की खरी-खोटी नसीहत को कोई नहीं सुन रहा और शिक्षा प्रेमी होने का दम भरने वाली प्रदेश की भाजपा सरकार ने प्राईवेट स्कूलों को बर्बाद करने का लाईसैंस भ्रष्ट शिक्षा अधिकारियों के हाथ में सौंप दिया है। अब तो प्राईवेट स्कूलों का भगवान ही मालिक है।suresh chandra

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *