बिट्टू टिक्की वाले पर जाओ तो सोच-समझकर! जानें क्यों?
मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की स्पेशल रिपोर्ट।
फरीदाबाद, 22 अक्टूबर:
जीभ और स्वास्थ्य का असली स्वाद लेना हो तो खाने-पीने के लिए कम से कम NIT में NH-5 स्थित बिट्टू टिक्की वाला यानि BTW के यहां तो ना जाओ, वरना हो सकता है आपको फुड पॉइजिनिंग हो जाए और आपको किसी हॉस्पिटल में भर्ती होना पड़ जाए। ये हम उस प्रशासनिक रिपोर्ट को देखने के बाद कह रहे हैं जिसमें BTW में छापेमारी/चैकिंग में काफी कुछ देखने को मिला है जिस कारण लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो सकता है?
बता दें कि खाने-पीने की दुनिया में बिट्टू टिक्की वाला यानि BTW का नाम आज एक जाना-पहचाना नाम है जो किसी पहचान का मोहताज नहीं हैं। लेकिन धरातल पर जाकर देखा लाए वास्तविकता कुछ ओर ही है जिसका खुलासा आज हम अपनी इस खबर के माध्यम से करेंगे।
काबिलेगौर रहे कि त्यौहारों के इस मौसम में जहां आजकल मिलावटी मिठाईयां, पनीर, खोया आदि जमकर बनाई जा रही हैं और फूड एंड सेफ्टी विभाग के अधिकारियों के साथ CM फ्लाईंग के छापेमारी लगातार जारी हैं, बावजूद इसके यह धंधा धडल्ले से जारी है। कारण, छापेमारी के बाद सीएम फ्लाईंग के साथ गए फूड एंड सेफ्टी विभाग द्वारा दुकानों से सैंपल तो ले लिए जाते हैं लेकिन दुकानों को सील नहीं किया जाता। जिसका फायदा मिलावटखोर बखूबी उठाते हैं। बता दें कि फूड एंड सेफ्टी विभाग द्वारा जो सैंपल लिए जाते हैं, उनकी रिपोर्ट दो-चार महीने तक ही आ पाती है। इस बीच मिलावटखोर अपनी सैटिंग बैठा लेते हैं, और उनका धंधा यह बदस्तूर जारी रहता हैं।
अब हम बात करें बिट्टू टिक्की वाला यानि BTW की जोकि NIT में BK-KC रोड़ पर स्थित हैं, तो पिछले दिनोंं प्रशासन ने यहां फूड एंड सेफ्टी विभाग के अधिकारियों के साथ पिछले दिनों प्रशासनिक अधिकारियों की एक स्पेशल टीम ने छापेमारी/चैकिंग की थी। इस छापेमारी में जब चैकिंग टीम ने बिट्टू टिक्की वाले के किचन को चैक किया तो वहां जहां उन्हें सफाई की व्यवस्था बहुत ही खराब और जगह-जगह कॉंकरॉच घूमते नजर आए। वहीं, वहां जो मिठाई/बर्फी बनी हुईं रखी थी, उनमें कॉंकरॉच व अन्य कीटाणुओं के पैरों के निशान पाए गए थे।
यहीं नहीं, बिट्टू टिक्की वाले के इस किचन में निरीक्षण के दौरान यह भी पाया गया कि वहां जो खाद्य सामग्री बनाने के लिए प्रयोग में होने वाले मसाले थे, वे किसी ब्रांडेड कंपनी के नहीं थे। मतलब ये मसाले किसी लोकल दुकान के बनाए हुए हैं। वहीं किचन में रखे हुए सभी बेकरी प्रोडक्ट्स की प्रयोग की तिथि/डेट लगभग या तो खत्म हो चुकी थी या प्रयोग की अंतिम तिथि/डेट 19-09-2022 यानि चैकिंग वाले दिन की ही थी।
इसके अलावा चैकिंग के दौरान यह भी देखा गया कि समोसे/टिक्की आदि को तलने में प्रयोग किए गए तेल का रंग भी काला पड़ा हुआ था जो तेल संभवत: कई बार प्रयोग किया जा चुका हो।
इस पर फूड एंड सेफ्टी विभाग ने यहां से सैपल तो ले लिए, लेकिन BTW को सील नहीं किया। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद ही किसी प्रकार की कोई कार्यवाही हो सकती है। लेकिन यहां सवाल यह उठता है कि जब मिठाईंयो में चैकिंग टीम को कॉकरोंच के पैरों के निशान मिले तो फिर प्रशासन ने इस BTW को सील क्यों नहीं किया, जबकि सैंपल की रिपोर्ट में तो मिठाई के मिलावटी होने की रिपोर्ट आती है और इस बीच कुछ भी हो सकता है।
इस मामले में जब बिट्टू टिक्की वाला यानि BTW के मार्किटिंग विभाग के अधिकारी गौरव वर्मा से बात की गई तो उन्होंने BTW में ऐसे किसी छापेमारी/चैकिंग की घटना से इंकार कर दिया जबकि फूड एंड सेफ्टी विभाग के संबंधित अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने छापेमारी/चैकिंग की बात को स्वीकारते हुए बताया कि उन्होंने BTW से चार डिब्बों में बर्फी के सैंपल लिए हैं जिनकी रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है। रिपोर्ट की देरी को लेकर उन्होंने बताया कि पूरे हरियाणा में करनाल और चंडीगढ़ में मात्र दो ही लैब हैं जहां कि सैंपल चैक किए जाते हैं, इसलिए रिपोर्ट में देरी हो जाती है।
कुल मिलाकर इस छापेमारी/चैकिंग के बाद टीम ने जो रिपोर्ट अपने उच्च अधिकारियों को भेजी है, उसके मुताबिक तो बिट्टू टिक्की वाला यानि BTW पर कार्यवाही बनती है, जोकि तुरंत रूप से नहीं की गई।
अब देखना यह है कि प्रशासनिक जांच रिपोर्ट और सैंपल की रिपोर्ट के बाद उसमें क्या निकल कर आता है और प्रशासन इस मामले में क्या कार्यवाही करता है? – क्रमश:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *