मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 31 जुलाई: एक बार फिर सिद्वपीठ महारानी वैष्णोदेवी मंदिर के प्रधान पद के सिंहासन पर जगदीश भाटिया विराजमान हो गए हैं। उन्हें मंदिर समिति के चुनाव में पुन: सर्वसम्मति से प्रधान चुना गया है। मंदिर प्रागंण एनआईटी में आयोजित चुनाव में श्री भाटिया को प्रधान चुनने के साथ-साथ उन्हें अपनी कार्यकारिणी गठित करने का अधिकार भी दिया गया है। व्यापार मंडल के चुनाव में कुल 95 में से 62 सदस्य उपस्थित थे। सभी सदस्यों ने एक स्वर से श्री भाटिया की कार्यप्रणाली पर पूर्ण संतोष व्यक्त करते हुए अगले तीन साल के लिए उन्हें पुन: अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी है। भाटिया चौथी बार मंदिर संस्थान के प्रधान बनाए गए हैं।
मंदिर संस्थान के कार्यालय में आयोजित चुनावी बैठक में सबसे पहले उपस्थित सदस्यों को वार्षिक कार्यों का ब्यौरा दिया गया। सभी सदस्यों की संतुष्टि के बाद चुनाव कारवाई को आगे बढ़ाते हुए जगदीश भाटिया के नाम का प्रस्ताव रखा गया। सभी सदस्यों ने भाटिया के पुन: प्रधान बनने पर विचार विमर्श करते हुए उनके नाम पर अपनी मोहर लगा दी।
इस अवसर पर चेयरमैन प्रताप भाटिया, हरबंस लाल बांगा, सुभाष नौनिहाल, सुरेंद्र गेरा, कांशीराम, अनिल ग्रोवर, राजेश भाटिया, विकास खत्री, वेदप्रताप, कालू बांगा, मनीष अरोड़ा, सुभाष रत्तरा, राकेश खन्ना, अमरनाथ खत्री, अमिताभ गुलाटी, फकीरचंद कथूरिया, अनिल भाटिया, अशोक भाटिया, किशन भुटानी एवं बाबा आढ़ती प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
चुनाव संपन्न होने के बाद जगदीश भाटिया ने उन्हें पुन: प्रधान बनाए जाने पर सभी सदस्यों का आभार जताया। भाटिया ने कहा कि वह चौथी बार मंदिर संस्थान के प्रधान बने हैं। उन पर सभी सदस्यों ने जो विश्वास व भरोसा जताया। उसके लिए वह जिदंगी भर उनके आभारी रहेंगे। भाटिया ने कहा कि पिछले 12 वर्षों में मंदिर में विकास के अनेक कार्य कराए गए हैं। मंदिर संस्थान के तत्वावधान में सामाजिक व धार्मिक कार्यों को संपन्न करवाया गया है। प्रमुख तौर पर प्रति वर्ष बड़े पैमाने पर मां भगवती का जागरण करवाया जाता है। जिससे समूचे शहर के लोगों की आस्था जुड़ी हुई है।
इसी प्रकार से गरीब कन्याओं के लिए सामूहिक विवाह समारोह आयोजित किए गए हैं। जिनके माध्यम से गरीब कन्याओं को पूरा दान दहेज देकर उनका परिवार बसाया जाता है। इसके अलावा मंदिर में प्रति वर्ष में कई बार स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जाता है। इस प्रकार से मंदिर संस्थान का कार्य केवल धार्मिक ना रहकर सामाजिक सरोकार से भी जुड़ा हुआ है। उन्होंने एक बार फिर से सभी सदस्यों का आभार जताया और उन्हें विश्वास दिलवाया कि भविष्य में भी मंदिर संस्थान की ओर से ये सभी कार्य विधिवत जारी रहेंगे।

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