नवीन गुप्ता
चंडीगढ़,12 जनवरी:
हरियाणा के पर्यटन मंत्री रामबिलास शर्मा ने कहा कि जल्द ही हरियाणा के पर्यटन केंद्रों एवं ऐतिहासिक स्थलों पर फिल्मों की शूटिंग होने लगेगी। राज्य में फिल्म निर्माता, निर्देशकों व फोटोग्राफरों को आकर्षित करने के लिए विशेष सुविधाएं शुरू की जाएंगी। श्री शर्मा ने बताया कि हरियाणा के हरे-भरे एवं खुले खेत, ग्राम्य जीवन, सांस्कृतिक विरासत और गौरवमयी इतिहास हमेशा से ही देश एवं दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करते रहे हैं। किसी भी फिल्म निर्माता को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए ये विशेषताएं पर्याप्त हैं। उन्होंने बताया कि अब फिल्म व धारावाहिक निर्माता जहां पिंजौर के मुगल गार्डन और 18वीं सदी के बल्लभगढ़ के राजा नाहर सिंह के किले में फिल्मों ,ऐतिहासिक टीवी सीरियलों की शूङ्क्षटग कर सकेंगे वहीं पर्यटन परिसरों के साथ लगती झीलों के मनोरम दृश्य व्यावसायिक प्रोडक्शन हाउसों को अपनी ओर आकर्षित करने में सहायक सिद्ध होंगे।
पर्यटन विभाग की प्रधान सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने इस संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि हरियाणा के प्रमुख राष्ट्रीय एवं राज्य राजमार्गों पर स्थित 42 पर्यटन परिसर हैं जो सभी प्रकार की आधुनिक सुविधाओं से युक्त हैं। इनमें 838 वातानुकूलित कमरे, कॉन्फ्रैंस हॉल, रैस्टोरेंट और बैंक्वट हॉल हैं। ये सभी ऐतिहासिक स्थलों, मनोरम झीलों, पक्षी विहार और गोल्फ कोर्स आदि से सटे हुए हैं। ऐसे में यहां फिल्मों की शूटिंग की पर्याप्त संभावनाएं हैं।
डॉ. सुमिता ने बताया कि इन पर्यटन परिसरों को इनकी ऐतिहासिकता, सुंदरता एवं सुविधाओं के आधार पर तीन श्रेणियों-उच्च, मध्यम और निम्र संभावित क्षेत्रों में विभाजित किया गया है। उन्होंने बताया कि पिंजौर उद्यान एकमात्र ऐसा मुगल गार्डन है जो कि कश्मीर से बाहर है और फिल्म निर्माता अब इसकी भव्यता को अपने कैमरे में कैद कर सकते हैं। इसी प्रकार हरियाणा के एकमात्र हिल स्टेशन मोरनी की छटा भी मनोहारी है जहां माउंटेन क्वैल और टीक्कर ताल जैसे रिजोर्ट हैं। प्राकृतिक छटा को समेटे हुए सूरजकुंड मेला स्थल और इसके साथ लगता आलीशान होटल राजहंस भी फिल्मों की शूटिंग के लिए आदर्श स्थान हैं। ये सभी पर्यटन स्थल उच्च संभावित क्षेत्र में पड़ते हैं। उच्च संभावित क्षेत्र में शूटिंग की लागत प्रतिदिन 4 से 8 घंटे के लिए करीब 10 हजार से 50 हजार रूपए तय की गई है।
डॉ. मिश्रा ने बताया कि सूरजकुंड का सनबर्ड मोटेल और फरीदाबाद का अरावली गोल्फ कोर्स विस्तृत और सदाबहार हैं जिनकी सुरमयी छटा बरबस ही हर किसी को अपनी ओर खींच लेती है। इसके अलावा बल्लभगढ़ में राजा नाहर सिंह का महल है जोकि 18वीं सदी की शिल्पकला का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि हरियाणा के पर्यटन परिसर ही ऐसे हैं जोकि झीलों के साथ स्थित हैं। चाहे करनाल की कर्ण लेक हो, रोहतक की तिलयार लेक हो या फिर गुडग़ांव जिला की सारस, दमदमा एवं सुल्तानपुर की बर्ड सैंचूरी, ये सभी किसी ऐतिहासिक या कॉमर्शियल फिल्मों की शूटिंग के लिए उपयुक्त हैं। पर्यटन विभाग द्वारा मध्यम संभावित पर्यटन के इन क्षेत्रों में शूटिंग के लिए प्रतिदिन 4 से 8 घंटे के लिए करीब 5 हजार से 30 हजार रूपए फीस निर्धारित की गई है। फरीदाबाद जिला के सूरजकुंड में हैरमिटेज हट्स, लेक-व्यू, डिजाईनर गैलरी और बडख़ल एवं मैगपाई पर्यटन परिसर भी फिल्म निर्माताओं के लिए अच्छे विकल्प हैं। इनके अलावा, निम्र संभावित क्षेत्र में पडऩे वाले राज्य के अन्य पर्यटन परिसरों में शूङ्क्षटग के लिए प्रतिदिन 4 से 8 घंटे के लिए करीब 2500 से 20 हजार रूपए फीस निर्धारित की गई है।
डॉ. सुमिता ने बताया कि हरियाणा के सभी पर्यटन स्थलों पर फिल्मों,टेलीविजन एवं अन्य व्यावसायिक फोटोग्राफी हेतु ऑनलाइन बुकिंग की जाएगी। इसके लिए जल्द ही पर्यटन विभाग की वैबसाइट www.haryanatourism.gov.in पर बुकिंग शुरू कर दी जाएगी।Sumita

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